उत्तरकाशीः प्रदेश सरकार की स्वरोजगार योजनाएं धरातल पर उतरती नजर आ रही है. इसका उदाहरण उत्तरकाशी जिले में देखने को मिला है. जहां राज्य का पहला 25 किलोवाट बिजली उत्पादन करने वाले पिरूल प्लांट लगाया गया है. जो पिरूल जंगलों के लिए अभिशाप बन रहा था तो वहीं, आज ग्रामीणों के लिए रोजगार का साधन बन रहा है.
उत्तराखंड सरकार के स्वरोजगार के क्षेत्र में बढ़ते कदम के पहले चरण में राज्य को पहला पिरूल प्लांट मिल गया है. जो करीब 25 लाख की लागत से उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के चकोन गांव में लगाई गई है. यह प्लांट 25 किलोवाट की है. जहां पर इस समय गांव के 200 लोग लाभांवित हो रहे हैं तो वहीं, करीब 10 लोगों को स्थायी रोजगार घर पर ही मिला है.
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वहीं, चिन्यालीसौड़ के इंद्राटिपरी गांव में शुरू 200 किलोवाट के सोलर प्लांट से सालाना करीब 3 लाख यूनिट का उत्पादन होगा. साथ ही उद्यमी अब यहां पर सब्जी और मधुमखी पालन को भी शुरू कर रहे हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पिरूल प्लांट रोजगार के साथ पर्यावरण को भी बहुत बड़ा फायदा पहुंचा रहा है. साथ ही यह करीब राज्य भर में 40 हजार लोगों को रोजगार दे सकता है. उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट पर राज्य में 206 मेगावाट की बिजली का उत्पादन हो सकता है.
पिरूल प्लांट उद्यमी महादेव सिंह गंगाडी ने कहा कि आज प्रदेश सरकार ने पिरूल नीति को खोलकर स्वरोजगार की दिशा में नया अध्याय लिखा है. सोलर प्लांट के उद्यमी आमोद पंवार का कहना है कि इसके साथ ही इको सिस्टम को मजबूत कर सब्जी समेत मछली और मधुमखी पालन भी किया जाएगा.