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गंगोत्री हाईवे पर दिखने लगा चांग थांग ग्लेशियर, चारधामा यात्रा में रहेगा आकर्षण का केंद्र

उत्तरकाशी के उपला टकनौर क्षेत्र में धराली गांव से करीब दो से तीन किमी की दूरी पर गंगोत्री हाईवे पर बर्फबारी के बाद चांग थांग ग्लेशियर ने आकार ले लिया है. ये ग्लेशियर चारधाम यात्रा के दौरान आकर्षण का केंद्र रहेगा.

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चांग थांग ग्लेशियर
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Published : Jan 29, 2020, 2:48 PM IST

उत्तरकाशी: पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी ने जहां आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. वहीं, प्रकृति की ये नेमत धरती पर कई खूबसूरत आकृतियों को जन्म दे जाती है, जोकि पहाड़ों की खूबसूरती पर चार चांद लगा जाते हैं. ऐसे ही ग्लेशियर उत्तरकाशी जिले में आसानी से दिखने शुरू हो जाते हैं. इनमें मुख्य गंगोत्री हाईवे पर दिखने वाला चांग थांग ग्लेशियर है, जो इस साल भी अपना पूर्ण आकार ले चुका है. साथ ही ये चारधाम यात्रा के दौरान भी आकर्षण का केंद्र रहेगा.

चांग थांग ग्लेशियर ने लिया आकार.

उपला टकनौर क्षेत्र में धराली गांव से करीब दो से तीन किमी की दूरी पर हाईवे पर बर्फबारी के बाद चांग थांग ग्लेशियर आकार लेता है. ये ऊंचाई वाले क्षेत्रों से फिसलकर गंगोत्री हाईवे पर पहुंचता है. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो कम बर्फबारी के कारण ये अपना पूरा आकार नहीं ले पाया था. लेकिन, गत वर्ष 2019 और इस वर्ष हुई अच्छी बर्फबारी के बाद ये अपने पूरे आकार में आ चुका है. जिस वजह से पर्यटक इसके दीदार के लिए पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें: छोटे पर्दे को भी भा रहा है ऋषिकेश, शूटिंग के लिए परमार्थ निकेतन पहुंची 'कुर्बान हुआ' की टीम

इस वर्ष सीजन की पांचवी बर्फबारी के बाद अब यही उम्मीद बन गई है कि अप्रैल माह के अंत से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान भी चारधाम यात्री इस ग्लेशियर का दीदार कर सकेंगे. ये ग्लेशियर करीब 42 से 45 फीट ऊंचा है. इसके साथ ही करीब 100 मीटर चौड़ा है. इस बार चारधाम यात्रा फिर इस ग्लेशियर के बीच से होकर गुजरेगी, जोकि पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव होगा.

उत्तरकाशी: पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी ने जहां आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. वहीं, प्रकृति की ये नेमत धरती पर कई खूबसूरत आकृतियों को जन्म दे जाती है, जोकि पहाड़ों की खूबसूरती पर चार चांद लगा जाते हैं. ऐसे ही ग्लेशियर उत्तरकाशी जिले में आसानी से दिखने शुरू हो जाते हैं. इनमें मुख्य गंगोत्री हाईवे पर दिखने वाला चांग थांग ग्लेशियर है, जो इस साल भी अपना पूर्ण आकार ले चुका है. साथ ही ये चारधाम यात्रा के दौरान भी आकर्षण का केंद्र रहेगा.

चांग थांग ग्लेशियर ने लिया आकार.

उपला टकनौर क्षेत्र में धराली गांव से करीब दो से तीन किमी की दूरी पर हाईवे पर बर्फबारी के बाद चांग थांग ग्लेशियर आकार लेता है. ये ऊंचाई वाले क्षेत्रों से फिसलकर गंगोत्री हाईवे पर पहुंचता है. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो कम बर्फबारी के कारण ये अपना पूरा आकार नहीं ले पाया था. लेकिन, गत वर्ष 2019 और इस वर्ष हुई अच्छी बर्फबारी के बाद ये अपने पूरे आकार में आ चुका है. जिस वजह से पर्यटक इसके दीदार के लिए पहुंच रहे हैं.

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इस वर्ष सीजन की पांचवी बर्फबारी के बाद अब यही उम्मीद बन गई है कि अप्रैल माह के अंत से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान भी चारधाम यात्री इस ग्लेशियर का दीदार कर सकेंगे. ये ग्लेशियर करीब 42 से 45 फीट ऊंचा है. इसके साथ ही करीब 100 मीटर चौड़ा है. इस बार चारधाम यात्रा फिर इस ग्लेशियर के बीच से होकर गुजरेगी, जोकि पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव होगा.

Intro:उत्तरकाशी। पहाड़ो में लगातार हो रही बर्फबारी में जहां आम जन के लिए दुश्वारियां खड़ी कर दी हैं। तो यही प्रकृति की यह नेमत धरती पर कई ख़ूबसूरत आकृतियों को जन्म दे जाती हैं। जो कि बर्फबारी रुकने के बाद पहाड़ो की खूबसूरती पर चार चांद लगा जाते हैं। ऐसे ही ग्लेशियर जो कि उत्तरकाशी जनपद में आसानी से बर्फबारी रुकने के बाद दिखने शुरू हो जाते हैं। इनमें मुख्य है गंगोत्री हाईवे पर दिखने वाला चांग थांग ग्लेशियर, जो कि इस वर्ष भी अपने पूर्ण आकार को ले चुका है और अब यह चारधाम यात्रा के दौरान भी आकर्षण का केंद्र रहेगा।Body:वीओ-1, उपला टकनौर क्षेत्र में धराली गांव से करीब 2 से 3 किमी की दूरी पर गंगोत्री धाम की और गंगोत्री हाईवे पर बर्फबारी के बाद चांग थांग ग्लेशियर आकार लेता है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों से फिसलकर गंगोत्री हाईवे पर पहुंचता है। विगत वर्षों की बात करें,तो कम बर्फबारी के कारण यह अपना पूरा आकार नहीं ले पाता था। लेकिन गत वर्ष 2019 और इस वर्ष हुई अच्छी बर्फबारी के बाद यह अपने पूरे आकार में आ चुका है। तो यह पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बन रहा है।Conclusion:वीओ-2, इस वर्ष सीजन की पांचवी बर्फबारी के बाद अब यही उम्मीद बन गई है कि अप्रैल माह के अंत से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान भी चारधाम यात्री इस ग्लेशियर का दीदार कर सकेंगे। यह ग्लेशियर करीब 42 से 45 फीट ऊंचा है। तो साथ ही करीब 100 मीटर चौड़ा है। इस बार चारधाम यात्रा एक बार फिर इस ग्लेशियर के बीच से होकर गुजरेगी। जो कि पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव होगा।
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