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मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजी मां गंगा की भोग मूर्ति, अब 6 माह यहीं होगी पूजा

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Published : Oct 27, 2022, 4:40 PM IST

गंगोत्री धाम के कपाट बंद (Gangotri Dham doors closed) हो गये हैं. जिसके बाद आज गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित (Bhog idol of Ganga installed in Ganga temple) किया गया है. अब शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन (Devotees will have darshan of Maa Ganga in Mukhba) और पूजा-अर्चना कर सकेंगे.

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गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित

उत्तरकाशी: तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ मां गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित किया गया. अब शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे.

बुधवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मार्कण्डेय स्थित देवी मंदिर पहुंचाया गया. गुरुवार को भैया दूज के पावन पर्व पर मां गंगा की डोली यात्रा देवी मंदिर से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. देर शाम मुखबा पहुंचने पर डोली का भव्य स्वागत किया गया. मुखबा एवं धराली गांव के समेश्वर देवता की डोली ने मां गंगा की डोली का स्वागत किया.

गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित

पढे़ं- चारधाम यात्रा 2022: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ के कपाट, अब ओंकारेश्वर में होंगे दर्शन

ग्रामीणों ने बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत किया. 3 दिन तक मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. अब 6 महीने मां गंगा तीर्थ पुरोहित और ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में प्रवास करेंगी. तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया क्षेत्र में जियो की मोबाइल फोन सेवा शुरू होने से संचार की समस्या तो हल हुई है. लेकिन सर्दियों में सड़क, विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था लड़खड़ाने से स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

उत्तरकाशी: तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ मां गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित किया गया. अब शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे.

बुधवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मार्कण्डेय स्थित देवी मंदिर पहुंचाया गया. गुरुवार को भैया दूज के पावन पर्व पर मां गंगा की डोली यात्रा देवी मंदिर से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. देर शाम मुखबा पहुंचने पर डोली का भव्य स्वागत किया गया. मुखबा एवं धराली गांव के समेश्वर देवता की डोली ने मां गंगा की डोली का स्वागत किया.

गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित

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ग्रामीणों ने बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत किया. 3 दिन तक मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. अब 6 महीने मां गंगा तीर्थ पुरोहित और ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में प्रवास करेंगी. तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया क्षेत्र में जियो की मोबाइल फोन सेवा शुरू होने से संचार की समस्या तो हल हुई है. लेकिन सर्दियों में सड़क, विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था लड़खड़ाने से स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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