उत्तरकाशीः बीते कई सालों से मनाई जाने वाली दो दिवसीय मंगसीर की बग्वाल का रंगारंग आगाज हो गया है. बग्वाल का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया. जहां पर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर से जौनसारी वाद्य यंत्रों और स्थानीय ढोल दमाऊं के साथ बग्वाल शुरू हुआ. इस दौरान जौनसारी गीतों के साथ पूरे शहर में झांकी निकाली गई.
वहीं, बग्वाल के आयोजनकर्ता अनघा माउंटेन एसोसिएशन की ओर से गढ़ संग्रहालय के माध्यम से लोगों को पुरानी गढ़ संस्कृति से रूबरू करवाया जा रहा है. बता दें कि, अनघा माउंटेन एसोसिएशन बीते 12 सालों से उत्तरकाशी में मंगसीर (मंगशीर्ष) की बग्वाल का आयोजन करवा रहा है. इस साल भी एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम को भव्य रूप दिया गया है. सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मंगसीर की बग्वाल का विधिवत शुभारंभ किया.
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इस बार गढ़ संग्रहालय को वृहद रूप दिया गया है. जिसमें उत्तरकाशी के विभिन्न गांव से एकत्रित गढ़ सामानों की प्रदर्शनी लगाई गई है. साथ ही गढ़ भोज में यहां के प्राकृतिक भोज के साथ उनके औषधीय गुणों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तरकाशी राज्य ही नहीं बल्कि देश की धरोहर है. क्योंकि, यहां पर प्राकृतिक संपदा के साथ ऐसी संस्कृति का गठजोड़ है. जिसका कोई भी सानी नहीं है. वहीं, बग्वाल में भाग लेने के लिए जनपद के दूरस्थ गांव से भी ग्रामीण रामलीला मैदान में पहुंच रहे हैं.