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उत्तरकाशीः बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला उफान पर, खौफजदा ग्रामीण

उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश के चलते बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला उफान पर हैं. जिससे ग्रामीणों को आपदा का डर सताने लगा है.

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बडियार नदी
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Published : Aug 21, 2020, 5:30 PM IST

उत्तरकाशीः पहाड़ों में मॉनसून कहर बरपाने लगा है. जिले में बीते तीन दिन से हो रही बारिश के कारण यमुना घाटी में नदी-नाले उफान पर हैं. जिससे ग्रामीण खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. बड़कोट तहसील के बडियार क्षेत्र में भी बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाले का रौद्र रूप देखने को मिला. जहां नदी-नाला उफान पर आने से ग्रामीणों के खेत और रास्ते बह गए. बताया जा रहा है कि पशु हानि भी हुई है.

उफान पर बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला.

बडियार क्षेत्र के बचान गांव प्रधान संदीप खंडूड़ी ने बताया कि गुरुवार दिन में बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला उफान पर है. जिस कारण बसराली, चपटाड़ी और बचान गांव की कृषि भूमि बह गई है. वहीं, दूसरी ओर बचान गांव और चपटाड़ी के बीच का पैदल रास्ता भी बह गया है. ग्रामीणों का अंदेशा है कि ऊंचाई वाले बुग्याल क्षेत्रों में बादल फटने के कारण नदी- नाला उफान पर है.

ये भी पढ़ेंः रामनगर: धनगढ़ी नाले में तिनके की तरह बही कार, सवार सुरक्षित

ग्रामीणों का कहना है कि बुग्यालों में इन दिनों मवेशी भी घास चरने गए थे. ऐसे में हो सकता है कि मवेशियों को भी नुकसान पहुंचा हो. वहीं, नदी और नालों के उफान पर आने से ग्रामीणों को आपदा का डर सता रहा है. इधर, घटना की सूचना पर शुक्रवार को एसडीएम बड़कोट समेत तहसीलदार मौके के लिए रवाना हो चुके हैं.

उत्तरकाशीः पहाड़ों में मॉनसून कहर बरपाने लगा है. जिले में बीते तीन दिन से हो रही बारिश के कारण यमुना घाटी में नदी-नाले उफान पर हैं. जिससे ग्रामीण खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. बड़कोट तहसील के बडियार क्षेत्र में भी बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाले का रौद्र रूप देखने को मिला. जहां नदी-नाला उफान पर आने से ग्रामीणों के खेत और रास्ते बह गए. बताया जा रहा है कि पशु हानि भी हुई है.

उफान पर बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला.

बडियार क्षेत्र के बचान गांव प्रधान संदीप खंडूड़ी ने बताया कि गुरुवार दिन में बडियार नदी और रिखनीखड्ड नाला उफान पर है. जिस कारण बसराली, चपटाड़ी और बचान गांव की कृषि भूमि बह गई है. वहीं, दूसरी ओर बचान गांव और चपटाड़ी के बीच का पैदल रास्ता भी बह गया है. ग्रामीणों का अंदेशा है कि ऊंचाई वाले बुग्याल क्षेत्रों में बादल फटने के कारण नदी- नाला उफान पर है.

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ग्रामीणों का कहना है कि बुग्यालों में इन दिनों मवेशी भी घास चरने गए थे. ऐसे में हो सकता है कि मवेशियों को भी नुकसान पहुंचा हो. वहीं, नदी और नालों के उफान पर आने से ग्रामीणों को आपदा का डर सता रहा है. इधर, घटना की सूचना पर शुक्रवार को एसडीएम बड़कोट समेत तहसीलदार मौके के लिए रवाना हो चुके हैं.

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