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गंगोत्री हाई-वे समेत कई मार्गों पर बढ़ा हिमस्खलन का खतरा, नेलांग रोड पर एवलांच ने बढ़ाई मुसीबत

गंगोत्री हाई-वे पर सुक्की टॉप से लेकर गंगोत्री तक चार जगहों पर एवलांच आने का खतरा बना हुआ है. जिसमें एक चांगथांग एवलांच (हिमस्खलन) पहले ही आ चुका है. जिसे काटकर बीआरओ की टीम ने गंगोत्री हाई-वे पर आवाजाही सुचारू की थी. इसके साथ ही झाला, धराली, पकोड़ानाला और मुखबा जांगला पैदल मार्ग पर भी एवलांच आने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं.

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगोत्री धाम में हिमस्खलन का खतरा
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Published : Mar 31, 2019, 8:18 PM IST

उत्तरकाशीः इस बार ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी से चारधाम यात्रा और गंगोत्री नेशनल पार्क समेत भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा की डगर मुश्किल हो सकती है. रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी से एवलांच आने का खतरा बढ़ गया है. तापमान बढ़ते ही इन दिनों गंगोत्री हाई-वे समेत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री नेशनल पार्क की नेलांग रोड पर बड़े नालों में एवलांच आने शुरू हो गए हैं. वहीं, एवलांच की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. विभाग की एक टीम आगामी दो से तीन दिन के भीतर गंगोत्री नेशनल पार्क के सड़क और पैदल रूटों की रेकी करेगी.

जानकारी देते जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल.


दरअसल, बीते शुक्रवार को मुखबा-जांगला के बीच एक एवलांच आया था. जिससे कुछ देर के लिए भागीरथी नदी का प्रवाह रुक गया था. हालांकि इस एवलांच से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. वहीं, गंगोत्री हाई-वे पर सुक्की टॉप से लेकर गंगोत्री तक चार जगहों पर एवलांच आने का खतरा बना रहता है. जिसमें एक चांगथांग एवलांच (हिमस्खलन) पहले ही आ चुका है. जिसे काटकर बीआरओ की टीम ने गंगोत्री हाई-वे पर आवाजाही सुचारू की थी. इसके साथ ही झाला, धराली, पकोड़ानाला और मुखबा जांगला पैदल मार्ग पर भी एवलांच आने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं.

ये भी पढ़ेंःमनीष खंडूड़ी बोले- पिता का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ, कांग्रेस में शामिल होने की बताई ये वजह

गंगोत्री नेशनल पार्क के नेलांग घाटी और अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर हिंदोलिया नाला, पागलनाला, तिरुपानी, कारचा में भी एवलांच मुसीबत बन सकते हैं. वहीं, गंगोत्री घाटी में भांगलुबासा और चीड़बसा मुख्य हिमस्खलन के केंद्र हैं. जो चारधाम यात्रा समेत गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत साहसिक पर्यटन और सामान्य पर्यटकों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.


वहीं, मामले पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगोत्री हाई-वे और अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर हिमस्खलन होने की संभावनाएं ज्यादा हैं. वहां पर बीआरओ को मार्ग खोलने के लिए मशीनरी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. उधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप पंवार ने Etv Bharat को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि दो दिन बाद उनकी टीम हिमस्खलन वाले संभावित स्थानों की रेकी करेगी. जिसके बाद आगे की योजना तैयार की जाएगी.

उत्तरकाशीः इस बार ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी से चारधाम यात्रा और गंगोत्री नेशनल पार्क समेत भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा की डगर मुश्किल हो सकती है. रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी से एवलांच आने का खतरा बढ़ गया है. तापमान बढ़ते ही इन दिनों गंगोत्री हाई-वे समेत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री नेशनल पार्क की नेलांग रोड पर बड़े नालों में एवलांच आने शुरू हो गए हैं. वहीं, एवलांच की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. विभाग की एक टीम आगामी दो से तीन दिन के भीतर गंगोत्री नेशनल पार्क के सड़क और पैदल रूटों की रेकी करेगी.

जानकारी देते जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल.


दरअसल, बीते शुक्रवार को मुखबा-जांगला के बीच एक एवलांच आया था. जिससे कुछ देर के लिए भागीरथी नदी का प्रवाह रुक गया था. हालांकि इस एवलांच से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. वहीं, गंगोत्री हाई-वे पर सुक्की टॉप से लेकर गंगोत्री तक चार जगहों पर एवलांच आने का खतरा बना रहता है. जिसमें एक चांगथांग एवलांच (हिमस्खलन) पहले ही आ चुका है. जिसे काटकर बीआरओ की टीम ने गंगोत्री हाई-वे पर आवाजाही सुचारू की थी. इसके साथ ही झाला, धराली, पकोड़ानाला और मुखबा जांगला पैदल मार्ग पर भी एवलांच आने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं.

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गंगोत्री नेशनल पार्क के नेलांग घाटी और अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर हिंदोलिया नाला, पागलनाला, तिरुपानी, कारचा में भी एवलांच मुसीबत बन सकते हैं. वहीं, गंगोत्री घाटी में भांगलुबासा और चीड़बसा मुख्य हिमस्खलन के केंद्र हैं. जो चारधाम यात्रा समेत गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत साहसिक पर्यटन और सामान्य पर्यटकों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.


वहीं, मामले पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगोत्री हाई-वे और अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर हिमस्खलन होने की संभावनाएं ज्यादा हैं. वहां पर बीआरओ को मार्ग खोलने के लिए मशीनरी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. उधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप पंवार ने Etv Bharat को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि दो दिन बाद उनकी टीम हिमस्खलन वाले संभावित स्थानों की रेकी करेगी. जिसके बाद आगे की योजना तैयार की जाएगी.

Intro:हेडलाइन- एवलांच बन सकते हैं मुसीबत। Uk_uttarkashi_vipin negi_avlanch problem in gangotri_31 march 2019. नोट- इस खबर के दो वीडियो मेल से भेजे गए हैं। उत्तरकाशी। बदलते मौसम के साथ ही चारधाम यात्रा और गंगोत्री नेशनल पार्क सहित भारत तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा की डगर इस बार मुश्किल हो सकती है। मार्च अंत माह में तापमान बढ़ते ही गंगोत्री हाईवे सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री नेशनल पार्क की नेलांग रोड पर बड़े बड़े नालों में एवलांच आने शुरू हो गए हैं। इस बार ऊंचाई वाले इलाकों में अच्छी बर्फबारी होने से इस वर्ष एवलांच आने की सम्भवनायें अत्यधिक बढ़ गयी है। वहीं एवलांच की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। वह विभाग की एक टीम 2 से 3 दिन के भीतर गंगोत्री नेशनल पार्क के सड़क रूटों और पैदल रूटों की रेकी करेगी। जिसमे यह देखा जाएगा कि कहाँ कहाँ पर एवलांच ज्यादा दिक्कतें करेंगे।


Body:वीओ-1, गंगोत्री हाईवे की बात करें, तो इस पर सुक्की टॉप से लेकर गंगोत्री तक चार जगह पर एवलांच आने का खतरा बना रहता है। जिसमें एक चांगथांग एवलांच (हिमस्खलन) पहले ही आया हुआ है। जिसे काटकर बीआरओ ने गंगोत्री हाईवे पर आवाजाही सुचारू रखी हुई है। साथ ही झाला,धराली सहित पकोड़ानाला और मुखबा जांगला पैदल मार्ग पर एवलांच आने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं।साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क की बात करें,तो नेलांग घाटी में अंतररास्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर हिन्दोलिया नाला,पागलनाला, तिरुपानी,कारचा कभी भी मुसीबत बन सकते हैं। वहीं गंगोत्री घाटी में भाँगलुबासा और चिड़बसा मुख्य हिमस्खलन के केंद्र हैं। जो कि चारधाम यात्रा सहित गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत साहसिक पर्यटन और सामान्य पर्यटकों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।


Conclusion:वीओ-2, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर बीआरओ को निर्देशित किया गया है कि जहां पर भी गंगोत्री हाईवे हो या अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क,हिमस्खलन होने की संभावनाएं हैं। वहाँ पर मार्ग खोलने के लिए मशीनरी तैयार रखें। जिससे कि यात्रियों को दिक्कतें न हों। साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप पंवार ने etv bharat को फ़ोन पर दी जानकारी में बताया कि 2 दिन बाद उनकी टीम हिमस्खलन वाले सम्भावित स्थानों की रेकी करेगी।उसके बाद ही आगे की योजना तैयार की जाएगी।
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