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प्रयागराज संगम से अतुल्य गंगा जन आंदोलन यात्रा की शुरुआत, होगी 5100 किमी की पदयात्रा

बुधवार को प्रयागराज संगम के उत्तरी किनारे से अतुल्य गंगा जन आंदोलन यात्रा की शुरुआत हो गई है. इस अभियान को तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया था. इसके तहत पहली बार प्रयागराज से गंगा सागर और उसके बाद गौमुख तक करीब 5100 किमी की पदयात्रा की जाएगी.

uttarkashi
अतुल्य गंगा जन आंदोलन यात्रा
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Published : Dec 17, 2020, 10:33 AM IST

उत्तरकाशी: तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों की करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू किए गए अभियान को जन आंदोलन यात्रा के रूप में प्रयागराज में संगम के उत्तरी किनारे से शुरू किया गया. इस अतुल्य गंगा जन आंदोलन यात्रा के तहत इतिहास में पहली बार गंगा की प्रयागराज से गंगा सागर और उसके बाद गौमुख तक करीब 5100 किमी की पद यात्रा की जाएगी.

वहीं, इसमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी की ओर प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट भी प्रतिभाग कर रहे हैं. उत्तराखण्ड में यह यात्रा अप्रैल माह के मध्य में पहुंचेगी. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि बुधवार को प्रयागराज में संगम के उत्तरी किनारे से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पहली बार गंगा की मुंडमाला की परिक्रमा शुरू की गई. जो 15 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच उत्तराखंड पहुंचेगी. साथ ही इस यात्रा में पांच राज्य, 45 शहरों और 5 हजार गांव से होकर जाएगी.

ये भी पढ़ें: एम्स के डॉक्टरों ने हार्ट पेशेंट का किया सफल ऑपरेशन, दिल में छेद की समस्या से जुझ रहा था मरीज

कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गोपाल शर्मा, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज केश्वर ने डेढ़ वर्ष पूर्व अतुल्य गंगा नाम से अभियान शुरू किया था. वहीं इस यात्रा के पड़ाव पर पूर्व सैनिकों को गंगा प्रहरी बनाया जाएगा. जो कि हर तीन माह में गंगा जल, भू-जल और मिट्टी की सैंपलिंग करेंगे. साथ ही इस यात्रा में 6 स्थायी पद यात्री, 150 रिले और करीब 20 हजार यात्री कम दूरी तय करने वाले यात्रा में शामिल होंगे.

उत्तरकाशी: तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों की करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू किए गए अभियान को जन आंदोलन यात्रा के रूप में प्रयागराज में संगम के उत्तरी किनारे से शुरू किया गया. इस अतुल्य गंगा जन आंदोलन यात्रा के तहत इतिहास में पहली बार गंगा की प्रयागराज से गंगा सागर और उसके बाद गौमुख तक करीब 5100 किमी की पद यात्रा की जाएगी.

वहीं, इसमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी की ओर प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट भी प्रतिभाग कर रहे हैं. उत्तराखण्ड में यह यात्रा अप्रैल माह के मध्य में पहुंचेगी. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि बुधवार को प्रयागराज में संगम के उत्तरी किनारे से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पहली बार गंगा की मुंडमाला की परिक्रमा शुरू की गई. जो 15 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच उत्तराखंड पहुंचेगी. साथ ही इस यात्रा में पांच राज्य, 45 शहरों और 5 हजार गांव से होकर जाएगी.

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कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गोपाल शर्मा, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज केश्वर ने डेढ़ वर्ष पूर्व अतुल्य गंगा नाम से अभियान शुरू किया था. वहीं इस यात्रा के पड़ाव पर पूर्व सैनिकों को गंगा प्रहरी बनाया जाएगा. जो कि हर तीन माह में गंगा जल, भू-जल और मिट्टी की सैंपलिंग करेंगे. साथ ही इस यात्रा में 6 स्थायी पद यात्री, 150 रिले और करीब 20 हजार यात्री कम दूरी तय करने वाले यात्रा में शामिल होंगे.

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