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गर्मी की शुरुआत होते ही धधकने लगे जंगल, कंट्रोल रूम में बनाया गया क्विक रिस्पॉन्स टीम

फायर सीजन को देखते हुए इस बार वन बीट कर्मियों को वायरलेस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.साथ ही मास्टर कंट्रोल रूम में पहली बार एक क्विक रिस्पॉन्स टीम भी गठित की गई है.इस बार आग पर काबू पाने के लिए संचार व्यवस्था को सबसे ज्यादा दुरुस्त किया गया है.

उत्तरकाशी के जंगलों में आग लगी
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Published : Apr 1, 2019, 5:30 PM IST

उत्तरकाशीः तापमान बढ़ते ही जिले के जंगल धधकने लगे हैं. जिसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फायर सीजन को देखते हुए इस बार वन बीट कर्मियों को वायरलेस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही मास्टर कंट्रोल रूम में पहली बार एक क्विक रिस्पॉन्स टीम भी गठित की गई है.

उत्तरकाशी जिले के जंगलों में आग लगने से भारी वन्य संपदा का नुकसान हो गया. वन विभाग आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर जुटा हुआ है.

जिससे कि वनों में फैलने वाली आग या घटनास्थल पर वन विभाग की क्विक रिसपॉन्स टीम पहुंच सके और आग पर काबू पाया जा सके. विभागीय अधिकारियों का कहना है, कि जिन क्षेत्रों में अभी आग फैली हुई है, वहां आग पर काबू पा लिया गया है.

यमुना वन प्रभाग के कुशीया बीट सहित बर्निगाड और कफनोल के जंगलों में रविवार से आग फैली हुई है. जिस पर काबू पाने के लिए वन कर्मियों के हाथ पांव फूल रहे हैं. स्थानीय निवासी अरविंद थपलियाल ने बताया कि यमुना वन प्रभाग के मुंगरसन्ति रेंज सहित सिमलसारी, दारसों में अभी भी आग फैली हुई है. वहीं कफनोल में ग्रामीणों के खेतों में फसलों को नुकसान का खतरा भी बना हुआ है.

हालांकि जिले के अन्य प्रभागों में अभी तक आग की सूचना नहीं है. साथ ही आग को लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए तकनीकी यंत्रों का अधिक प्रयोग किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंःहरीश रावत और अजय भट्ट की बेटियों ने संभाली प्रचार की कमान, पिता के लिए मांग रहीं वोट

वन प्रभाग के बाड़ाहाट रेंज अधिकारी रविंद्र पुंडीर ने बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए संचार व्यवस्था को सबसे ज्यादा दुरुस्त किया गया है. बीट अधिकारियों और कर्मचारियों को वायरलेस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. जिससे कि जंगलों में कहीं पर भी आग लगने की सूचना त्वरित मिल सके. साथ ही वन विभाग इस बार क्विक रिस्पांस टीम के साथ काम करेगी, जिसके लिए ग्रामीणों का सहयोग भी लिया जाएगा.

उत्तरकाशीः तापमान बढ़ते ही जिले के जंगल धधकने लगे हैं. जिसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फायर सीजन को देखते हुए इस बार वन बीट कर्मियों को वायरलेस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही मास्टर कंट्रोल रूम में पहली बार एक क्विक रिस्पॉन्स टीम भी गठित की गई है.

उत्तरकाशी जिले के जंगलों में आग लगने से भारी वन्य संपदा का नुकसान हो गया. वन विभाग आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर जुटा हुआ है.

जिससे कि वनों में फैलने वाली आग या घटनास्थल पर वन विभाग की क्विक रिसपॉन्स टीम पहुंच सके और आग पर काबू पाया जा सके. विभागीय अधिकारियों का कहना है, कि जिन क्षेत्रों में अभी आग फैली हुई है, वहां आग पर काबू पा लिया गया है.

यमुना वन प्रभाग के कुशीया बीट सहित बर्निगाड और कफनोल के जंगलों में रविवार से आग फैली हुई है. जिस पर काबू पाने के लिए वन कर्मियों के हाथ पांव फूल रहे हैं. स्थानीय निवासी अरविंद थपलियाल ने बताया कि यमुना वन प्रभाग के मुंगरसन्ति रेंज सहित सिमलसारी, दारसों में अभी भी आग फैली हुई है. वहीं कफनोल में ग्रामीणों के खेतों में फसलों को नुकसान का खतरा भी बना हुआ है.

हालांकि जिले के अन्य प्रभागों में अभी तक आग की सूचना नहीं है. साथ ही आग को लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए तकनीकी यंत्रों का अधिक प्रयोग किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंःहरीश रावत और अजय भट्ट की बेटियों ने संभाली प्रचार की कमान, पिता के लिए मांग रहीं वोट

वन प्रभाग के बाड़ाहाट रेंज अधिकारी रविंद्र पुंडीर ने बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए संचार व्यवस्था को सबसे ज्यादा दुरुस्त किया गया है. बीट अधिकारियों और कर्मचारियों को वायरलेस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. जिससे कि जंगलों में कहीं पर भी आग लगने की सूचना त्वरित मिल सके. साथ ही वन विभाग इस बार क्विक रिस्पांस टीम के साथ काम करेगी, जिसके लिए ग्रामीणों का सहयोग भी लिया जाएगा.

Intro:हेडलाइन- यमुना वन प्रभाग के जंगलों में आग। Uk_uttarkashi_vipin negi_fire forest in uttarkashi_01 april 2019. उत्तरकाशी। तापमान बढ़ते ही जनपद के जंगलों में आग फैलने लगी है। जिसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फायर सीजन को देखते हुए इस बार वन बीट कर्मियों को वायरलेस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही मास्टर कंट्रोल रूम में एक पहली बार क्विक रिस्पॉन्स टीम भी गठित की गई है। जिससे कि वनों में फैलने वाली आग या घटना स्थल पर वन विभाग की क्विक रिसपॉन्स टीम पहुंच सके और आग पर काबू पाया जा सके। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिन क्षेत्रो में अभी आग फैली हुई है। उन पर कुछ जगह काबू पाया गया है। वहीं अन्य जगहों पर काबू पा लिया गया है।


Body:वीओ-1, यमुना वन प्रभाग के कुशीया बीट सहित बर्निगाड और कफनोल के जंगलों में रविवार से आग फैली हुई है। जिस पर काबू पाने के लिए वन कर्मियों के हाथ पाँव फूल रहे हैं। स्थानिय निवासी अरविंद थपलियाल ने बताया कि यमुना वन प्रभाग के मुंगरसन्ति रेंज सहित सिमलसारी,दारसों,में अभी भी आग फैली हुई है। वहीं कफनोल में ग्रामीणों के खेतों में फसलों को नुकसान का खतरा भी बना हुआ है। हालांकि जनपद के अन्य प्रभागों में अभी तक आग की सूचना नहीं है। साथ ही आग को लेकर वन विभाग ने अपनी तेयरियो को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए तकनीकी यंत्रो का अधिक प्रयोग किया जाएगा।


Conclusion:वीओ-2, उत्तरकाशी वन प्रभाग के बाड़ाहाट रेंज अधिकारी रविन्द्र पुंडीर ने बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए संचार व्यवस्था को सबसे ज्यादा दुरस्त किया गया है। बीट अधिकारियों और कर्मचारियों को वायरलेस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जिससे कि जंगलो में कहीं पर भी आग लगने की सूचना त्वरित मिल सके। साथ वन विभाग इस बार क्विक रिस्पांस टीम के साथ काम करेगी। जिसके लिए ग्रामीणों का सहयोग भी लिया जाएगा। बाईट- रविन्द्र पुंडीर,रेंज अधिकारी,।
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