उत्तरकाशीः तापमान बढ़ते ही जिले के जंगल धधकने लगे हैं. जिसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फायर सीजन को देखते हुए इस बार वन बीट कर्मियों को वायरलेस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही मास्टर कंट्रोल रूम में पहली बार एक क्विक रिस्पॉन्स टीम भी गठित की गई है.
जिससे कि वनों में फैलने वाली आग या घटनास्थल पर वन विभाग की क्विक रिसपॉन्स टीम पहुंच सके और आग पर काबू पाया जा सके. विभागीय अधिकारियों का कहना है, कि जिन क्षेत्रों में अभी आग फैली हुई है, वहां आग पर काबू पा लिया गया है.
यमुना वन प्रभाग के कुशीया बीट सहित बर्निगाड और कफनोल के जंगलों में रविवार से आग फैली हुई है. जिस पर काबू पाने के लिए वन कर्मियों के हाथ पांव फूल रहे हैं. स्थानीय निवासी अरविंद थपलियाल ने बताया कि यमुना वन प्रभाग के मुंगरसन्ति रेंज सहित सिमलसारी, दारसों में अभी भी आग फैली हुई है. वहीं कफनोल में ग्रामीणों के खेतों में फसलों को नुकसान का खतरा भी बना हुआ है.
हालांकि जिले के अन्य प्रभागों में अभी तक आग की सूचना नहीं है. साथ ही आग को लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए तकनीकी यंत्रों का अधिक प्रयोग किया जाएगा.
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वन प्रभाग के बाड़ाहाट रेंज अधिकारी रविंद्र पुंडीर ने बताया कि इस बार आग पर काबू पाने के लिए संचार व्यवस्था को सबसे ज्यादा दुरुस्त किया गया है. बीट अधिकारियों और कर्मचारियों को वायरलेस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. जिससे कि जंगलों में कहीं पर भी आग लगने की सूचना त्वरित मिल सके. साथ ही वन विभाग इस बार क्विक रिस्पांस टीम के साथ काम करेगी, जिसके लिए ग्रामीणों का सहयोग भी लिया जाएगा.