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चीन सीमा के पास आर्मी और एयरफोर्स करेगी संयुक्त अभ्यास, ये है वजह

Army And Air Force Joint exercise in Chinyalisaur Airport सामरिक दृष्टि से चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट को काफी अहम माना जाता है. यहां से भारत चीन सीमा की निगहबानी और युद्ध की स्थिति में लड़ाकू विमानों के लैंडिंग एवं टेक ऑफ की जा सकती है. ऐसे में चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट एक अहम बेस भी है. लिहाजा, एक बार फिर से भारतीय सेना और वायु सेना संयुक्त अभ्यास करने जा रही है.

Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर आर्मी एयर डिफेंस का डेरा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 13, 2023, 8:56 PM IST

उत्तरकाशीः चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर भारतीय सेना और वायु सेना संयुक्त अभ्यास करेगी. 15 दिनों तक चलने वाले अभ्यास के लिए आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) की एडवांस टीम ने हवाई अड्डे पर डेरा डाल दिया है. जिसके बाद यहां 40 जवानों की एक और टीम पहुंचने वाली है, जो कि आपातकालीन स्थितियों में यहां सुरक्षा इंतजामात और वायु सेना के साथ समन्वय आदि तैयारियां परखेगी.

बता दें कि भारत चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा भारतीय सेना के लिए काफी अहम है. यही वजह है कि सेना इसे अपने एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) के रूप में विकसित करने की कवायद में लगी हुई है. साथ ही अब तक अपने कई बहुउद्देशीय विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास करती रहती है. बीते साल अप्रैल महीने में भी सेना ने यहां रात्रि अभ्यास की तैयारियां की थी, लेकिन जंगलों में लगी आग के चलते छाए धुएं के कारण यह अभ्यास केवल एक रात ही चल पाया था.

Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर आर्मी एयर डिफेंस का डेरा

अब सेना और वायुसेना ने यहां दोबारा से संयुक्त अभ्यास की तैयारी की है. जिसके लिए ओडिशा से आर्मी एयर डिफेंस टीम के एक जूनियर कमीशन अधिकारी समेत 4 जवान पहुंच चुके हैं. जो कि हवाई अड्डे को आपातकालीन स्थितियों में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल करने के दौरान इसकी सुरक्षा और वायु सेना के साथ समन्वय आदि तैयारियां परखेंगे. आपातकालीन स्थितियों में यहां लंबे समय तक रुकने के लिए पानी और बिजली आदि संसाधन भी तलाश किए जाएंगे. जिसके लिए गढ़वाल राइफल का एक दस्ता भी यहां पहुंचा हुआ है. इसके साथ सेना के वाहन और एक एयर ट्रैफिक फ्यूल टैंकर भी मंगवाया गया है.

वहीं, सेना से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां 40 जवानों की एक और टीम जल्द पहुंचने वाली है. जो कि एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के सुरक्षा इंतजामों के साथ वायु सेना के साथ समन्वय स्थापित करने में मदद करेगी. यह अभ्यास 31 अक्टूबर तक चलेगा. इधर, चिन्यालीसौड़ तहसीलदार रमेश चौहान ने भी संयुक्त अभ्यास की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि आर्मी एयर डिफेंस की टीम की ओर से एएलजी को लेकर अभ्यास की सूचना मिली है.
ये भी पढ़ेंः चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की योजना कागजों में सिमटी! सामरिक दृष्टि से अहम है ये जगह

उत्तरकाशीः चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर भारतीय सेना और वायु सेना संयुक्त अभ्यास करेगी. 15 दिनों तक चलने वाले अभ्यास के लिए आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) की एडवांस टीम ने हवाई अड्डे पर डेरा डाल दिया है. जिसके बाद यहां 40 जवानों की एक और टीम पहुंचने वाली है, जो कि आपातकालीन स्थितियों में यहां सुरक्षा इंतजामात और वायु सेना के साथ समन्वय आदि तैयारियां परखेगी.

बता दें कि भारत चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा भारतीय सेना के लिए काफी अहम है. यही वजह है कि सेना इसे अपने एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) के रूप में विकसित करने की कवायद में लगी हुई है. साथ ही अब तक अपने कई बहुउद्देशीय विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास करती रहती है. बीते साल अप्रैल महीने में भी सेना ने यहां रात्रि अभ्यास की तैयारियां की थी, लेकिन जंगलों में लगी आग के चलते छाए धुएं के कारण यह अभ्यास केवल एक रात ही चल पाया था.

Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर आर्मी एयर डिफेंस का डेरा

अब सेना और वायुसेना ने यहां दोबारा से संयुक्त अभ्यास की तैयारी की है. जिसके लिए ओडिशा से आर्मी एयर डिफेंस टीम के एक जूनियर कमीशन अधिकारी समेत 4 जवान पहुंच चुके हैं. जो कि हवाई अड्डे को आपातकालीन स्थितियों में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल करने के दौरान इसकी सुरक्षा और वायु सेना के साथ समन्वय आदि तैयारियां परखेंगे. आपातकालीन स्थितियों में यहां लंबे समय तक रुकने के लिए पानी और बिजली आदि संसाधन भी तलाश किए जाएंगे. जिसके लिए गढ़वाल राइफल का एक दस्ता भी यहां पहुंचा हुआ है. इसके साथ सेना के वाहन और एक एयर ट्रैफिक फ्यूल टैंकर भी मंगवाया गया है.

वहीं, सेना से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां 40 जवानों की एक और टीम जल्द पहुंचने वाली है. जो कि एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के सुरक्षा इंतजामों के साथ वायु सेना के साथ समन्वय स्थापित करने में मदद करेगी. यह अभ्यास 31 अक्टूबर तक चलेगा. इधर, चिन्यालीसौड़ तहसीलदार रमेश चौहान ने भी संयुक्त अभ्यास की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि आर्मी एयर डिफेंस की टीम की ओर से एएलजी को लेकर अभ्यास की सूचना मिली है.
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