उत्तरकाशी: तीन माह पूर्व आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई आपदा के जख्म अभी भी हरे हैं. अभी भी लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई हैं. सोमवार को आराकोट में आयोजित बहुद्देशीय शिविर में आपदा प्रभावितों का दर्द डीएम सहित विधायक और मीडिया के सामने छलक पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजे के नाम पर सरकार ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. ग्रामीणों ने कहा कि आपदा प्रभावित गांव में लोग अभी भी मूलभूत सविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
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बता दें कि बुधवार को आराकोट में पुरोला विधायक राजकुमार और डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बहुद्देशीय शिविर का आयोजन किया. जहां पर आपदा प्रभावितों का दर्द तीन माह बाद उभर कर सामने आया. सनेल गांव की कृष्णा देवी का कहना है कि आपदा में उनका पूरा मकान और कई पालतू जानवर बह गए थे, जिसके मुआवजे के तहत उन्हें शुरू में एक 5200 की धनराशि दी गई, लेकिन उसके बाद शासन प्रशासन उन्हें उनके हाल पर ही भूल गया.
वहीं, जोंकानी गांव के उमेश चौहान का कहना है कि आपदा के बाद कि सुविधाएं मात्र आराकोट तक सीमित रखी गई है. उसका कहना है कि पेयजल स्रोत क्षतिग्रस्त होने के कारण 10 किमी दूर पानी के लिए जाना पड़ रहा है.
वहीं मामले को लेकर डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि पेयजल लाइनों की मरम्मत के लिए सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जिनको मुआवजा नहीं मिला है, उसके लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि सभी मानकों के अनुरूप मुआवजा दिया जाए.