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गंगोत्री हाईवे पर जाम में फंसी बीमार बुजुर्ग महिला, 4 घंटे तक करना पड़ा इंतजार

गंगोत्री हाईवे पर 75 वर्षीय बीमार बुजुर्ग महिला को टिनशेड में सड़क खुलने के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा.

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उत्तरकाशी
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Published : Aug 12, 2020, 10:12 PM IST

उत्तरकाशी: मॉनसून सीजन में पहाड़ों में जीवन बहुत ही विकट हो गया है. पहाड़ के इस विकट जीवन की बानगी बुधवार को देखने को मिली. गंगोत्री हाईवे पर 75 वर्षीय बीमार बुजुर्ग महिला को टिनशेड में सड़क खुलने के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा.

गंगोत्री हाईवे पर जाम में फंसी बीमार बुजुर्ग महिला.

ग्रामीणों का कहना है कि 75 वर्षीय फूलमाला देवी तीन दिन से बीमार है. लेकिन सड़क बन्द होने के कारण उन्हें कहीं पर भी उपचार के लिए नहीं ले जाया सका. बुधवार को सूचना मिली कि आज हाईवे खुल जायेगा, जिसके बाद परिजन बुजुर्ग महिला को लेकर थिरांग के पास पहुंचे.

पढ़ेंः उत्तराखंडः इन दो गांवों में 'जलप्रलय' से सबकुछ तबाह, सांसद प्रदीप टम्टा ने उठाई विस्थापन की मांग

लेकिन, दोपहर तक बीमार बुजुर्ग महिला को सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा. दोपहर बाद ग्रामीणों ने हाईवे खुलने पर बीमार महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर दूरस्थ इलाकों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचा दी जाएं तो बीमार लोगों को इस तरह सड़क खुलने का इंतजार न करना पड़ता. कई बार तो लोगों को बिना इलाज के ही अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है.

उत्तरकाशी: मॉनसून सीजन में पहाड़ों में जीवन बहुत ही विकट हो गया है. पहाड़ के इस विकट जीवन की बानगी बुधवार को देखने को मिली. गंगोत्री हाईवे पर 75 वर्षीय बीमार बुजुर्ग महिला को टिनशेड में सड़क खुलने के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा.

गंगोत्री हाईवे पर जाम में फंसी बीमार बुजुर्ग महिला.

ग्रामीणों का कहना है कि 75 वर्षीय फूलमाला देवी तीन दिन से बीमार है. लेकिन सड़क बन्द होने के कारण उन्हें कहीं पर भी उपचार के लिए नहीं ले जाया सका. बुधवार को सूचना मिली कि आज हाईवे खुल जायेगा, जिसके बाद परिजन बुजुर्ग महिला को लेकर थिरांग के पास पहुंचे.

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लेकिन, दोपहर तक बीमार बुजुर्ग महिला को सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा. दोपहर बाद ग्रामीणों ने हाईवे खुलने पर बीमार महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर दूरस्थ इलाकों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचा दी जाएं तो बीमार लोगों को इस तरह सड़क खुलने का इंतजार न करना पड़ता. कई बार तो लोगों को बिना इलाज के ही अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है.

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