पुरोला: उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड के लगभग पांच दर्जन गांवों में लोग अपने लिए राशन और पशुओं के लिए चारा जमा करने में जुटे हुए हैं. चार माह सीमावर्ती क्षेत्र के लोग भारी बर्फबारी के चलते अपने घरों में कैद हो जाएंगे. ऐसे में ग्रामीण अपने दैनिक जरुरतों का जरूरी सामान घरों में इकट्ठा कर रहे हैं. अप्रैल माह तक यहां का सम्पर्क बाकी सीमाओं से कट जाएगा. सीमावर्ती गांवों में चार से पांच फुट बर्फबारी होने के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
मोरी प्रखंड के ओसला, गंगाड, ढाटमीर, पंवाणी, फिताडी, लिवाड़ी, राला, रेक्चा, गोकुल, झोटाडी, किराणु, मौण्डा, बलावट सहित लगभग पांच दर्जन गांवों में इन दिनों लोग 4 माह का रसद और पशुओं के लिए चारा इकठ्ठा करने में जुटे हैं. अब इन गांवों में दिसम्बर माह से अप्रैल माह तक भारी बर्फबारी होती है, जिससे यहां का जनजीवन चार माह तक ठहर जाता है.
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बर्फबारी से जहां इन लोगों के खेत-खलियानों में खूब पैदावार होती है. वहीं, पशुओं के लिये बर्फबारी में खिलाने को इकठ्ठा किये सूखे चारे से आगजनी का खतरा बना रहता है. क्योंकि यहां के घर लकड़ी के बने रहते हैं. ऐसे में कई बार घरों के गर्म रखने के चक्कर में लगाई गई आग के कारण कई दुर्घटनाएं भी हुई हैं.