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उत्तरकाशी: ऑलवेदर रोड के मलबे में दबी काश्तकारों की 20 एकड़ जमीन, DM से मांगा मुआवजा

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Published : Feb 23, 2022, 12:32 PM IST

उत्तरकाशी में ऑलवेदर रोड निर्माण के कारण काश्तकारों की जमीन मलबे की भेंट चढ़ गई है. जमीन पर मलबा डंपिंग जोन की आड़ में डाला जा रहा है. काश्तकारों ने डीएम से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की है.

uttarkashi dm
उत्तरकाशी डीएम

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर मातली क्षेत्र में ऑलवेदर रोड निर्माण के बीच डंपिंग जोन की आड़ में काश्तकारों की 20 एकड़ भूमि और सिंचाई गूल मलबे की भेंट चढ़ गई है. सड़क के मलबे से खेत और सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं. इस संबंध में क्षेत्र के काश्तकारों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की है.

जिला मुख्यालय में डीएम को पत्र प्रेषित कर काश्तकारों ने कहा कि संबंधित ठेकेदार ने ग्रामीणों को धोखे में रखते हुए डंपिंग जोन के लिए सरकार से अनुमति ली है और लगातार मलबा डाला जा रहा है. इससे उनके खेतों और गूलों को नुकसान पहुंच रहा है. भविष्य में बरसात के समय खेतों के नष्ट होने का डर है. इसके साथ ही फसलें नष्ट हो रही हैं.

ये भी पढ़ेंः शिवरात्रि के लिए नीलकंठ पहुंचने लगे हैं शिवभक्त, खिले व्यापारियों के चेहरे

इस दौरान ग्रामीण वाचस्पति नौटियाल, प्रवीण, रामकृष्ण नौटियाल ने कहा कि जब से यहां डंपिंग जोन बना, तब से हरी-भरी भूमि बंजर हो रही है. सभी ने जिलाधिकारी से संबंधित ठेकेदार के डंपिंग जोन के परमिट को निरस्त करते हुए सिंचाई नहरों के पुनर्निर्माण और नष्ट फसलों का मुआवजा देने की मांग की है.

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर मातली क्षेत्र में ऑलवेदर रोड निर्माण के बीच डंपिंग जोन की आड़ में काश्तकारों की 20 एकड़ भूमि और सिंचाई गूल मलबे की भेंट चढ़ गई है. सड़क के मलबे से खेत और सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं. इस संबंध में क्षेत्र के काश्तकारों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की है.

जिला मुख्यालय में डीएम को पत्र प्रेषित कर काश्तकारों ने कहा कि संबंधित ठेकेदार ने ग्रामीणों को धोखे में रखते हुए डंपिंग जोन के लिए सरकार से अनुमति ली है और लगातार मलबा डाला जा रहा है. इससे उनके खेतों और गूलों को नुकसान पहुंच रहा है. भविष्य में बरसात के समय खेतों के नष्ट होने का डर है. इसके साथ ही फसलें नष्ट हो रही हैं.

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