उत्तरकाशी: गर्मी का प्रकोप बढ़ने के कारण पहाड़ों के वन क्षेत्रों में लगी आग विकराल होने लगी है. वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हैं लेकिन आग को काबू पाने में बहुत मुश्किल हो रही है. उत्तरकाशी जिले के विभागीय अधिकारियों की माने तो अभी तक जिले के वन क्षेत्रों में आग लगने की 37 घटनाओं में लगभग 17 हेक्टेयर जंगल जल चुका है. जबकि दिन रात जिले में जंगल धू-धू कर जल रहा है.
सोमवार को भी वरुणावत पर्वत समेत उत्तरकाशी से सटे मुखेम रेंज, डुंडा और धरासू रेंज के जंगल आग से सुलगते नजर आए. वहीं, देर रात जिला मुख्यालय में वरुणावत पर्वत के जंगल में लगी आग से रातभर शहरवासियों के बीच अफरी-तफरी का माहौल रहा. वरुणावत की तलहटी से लेकर संग्राली टॉप तक आग के विकराल रूप धारण करने से लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गई. इसके साथ ही आग से शयम स्मृति वन में भी विभिन्न प्रजाति के 1200 से ज्यादा पेड़ जलकर राख हो गए.
वन विभाग के कर्मचारी रातभर आग बुझाने में जुटे रहे, लेकिन पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण बेशकीमती वन संपदा को नुकसान होने से नहीं बचाया जा सका. जिसके बाद एसडीआरफ, एनडीआरफ व पुलिस फोर्स की मदद लेनी पड़ी. अब आग पर कुछ हद तक काबू पाया जा सका है. इस तरह वन विभाग की लापरवाही के कारण आवासीय बस्ती में आग फैलने से बड़ा हादसा भी हो सकता था.
आग पर पाया काबूः प्रभागीय वनाधिकारी पुनीत तोमर ने बताया कि जिला मुख्यालय के वरुणावत की पहाड़ी पर लगी आग को बुझा लिया गया है. जबकि मुख्यालय के समीप मुखेम रेंज के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए टीम मौके पर है. डीएफओ पुनीत तोमर ने बताया कि जिले में अभी तक 17 हेक्टेयर वन भूमि जलकर राख हुई है. जिसमें 37 घटनाएं आगजनी की है.
उन्होंने कहा कि फायर वाचरों की अवशेष धनराशि का भुगतान कर दिया गया है. जिले में 133 फायर वाचर आग बुझाने में लगे हैं. जंगल में लगने वाली आगजनी की घटनाओं की जानकारी सैटेलाइट से मिल रही है. जिसके बाद टीम तत्काल मौके के लिए रवाना की जा रही है. फायर वाचरों को आग बुझाने के लिए गमबूट खरीदकर जल्द दिए जाएंगे.