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काशीपुर में विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ, बच्चों को पढ़ाया इतिहास का पाठ

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Published : Nov 19, 2019, 7:18 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 8:13 PM IST

भारतीय पुरातत्व विभाग, यूनेस्को के तत्वाधान में हर साल 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाता है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करना है.

विश्व धरोहर सप्ताह

काशीपुर: भारतीय पुरातत्व विभाग ने मगंलवार को काशीपुर में एक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का शुभारंभ कुमाऊं मंडल के मंडलायुक्त राजीव रौतेला और उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया.

काशीपुर में बाजपुर रोड पर द्रोणा सागर में स्थित गोविषाण टीले पर इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस मौके पर कुमाऊं मंडलायुक्त रौतेला ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग कुमाऊं के अनेक स्मारकों और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करके उन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है. आज के इस कार्यक्रम का उद्देश्य पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करके लिए लोगों को जागरूक करना है. गोविषाण टीला भी एक पौराणिक धरोहर है.

काशीपुर में विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ.

पढ़ें- उत्तराखंड के 'खेमका' को पद से हटाने के लिए PM मोदी ने किया था फोन? जानें क्या है IFS चतुर्वेदी का मामला

इस दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी का निरीक्षण किया. इस छायाचित्र प्रदर्शनी में उत्तराखंड प्रदेश के अलावा देश के कोने-कोने की पौराणिक धरोहरों को छायाचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था.

बता दें कि 19 नवंबर से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत इस छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. भारतीय पुरातत्व विभाग, यूनेस्को के तत्वाधान में हर साल 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाता है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करना है. ताकि वो भावी पीढ़ियों इन स्मारकों को संरक्षित रखने में सहयोग कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.

काशीपुर: भारतीय पुरातत्व विभाग ने मगंलवार को काशीपुर में एक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का शुभारंभ कुमाऊं मंडल के मंडलायुक्त राजीव रौतेला और उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया.

काशीपुर में बाजपुर रोड पर द्रोणा सागर में स्थित गोविषाण टीले पर इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस मौके पर कुमाऊं मंडलायुक्त रौतेला ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग कुमाऊं के अनेक स्मारकों और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करके उन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है. आज के इस कार्यक्रम का उद्देश्य पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करके लिए लोगों को जागरूक करना है. गोविषाण टीला भी एक पौराणिक धरोहर है.

काशीपुर में विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ.

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इस दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी का निरीक्षण किया. इस छायाचित्र प्रदर्शनी में उत्तराखंड प्रदेश के अलावा देश के कोने-कोने की पौराणिक धरोहरों को छायाचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था.

बता दें कि 19 नवंबर से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत इस छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. भारतीय पुरातत्व विभाग, यूनेस्को के तत्वाधान में हर साल 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाता है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करना है. ताकि वो भावी पीढ़ियों इन स्मारकों को संरक्षित रखने में सहयोग कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.

Intro:

Summary- भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत आज काशीपुर में एक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ कुमाऊँ मंडल के मंडलायुक्त राजीव रौतेला और जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल ने फीता काटकर किया।

एंकर- भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत आज काशीपुर में एक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ कुमाऊँ मंडल के मंडलायुक्त राजीव रौतेला और जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल ने फीता काटकर किया।
Body:वीओ- काशीपुर में बाजपुर रोड पर द्रोणा सागर में स्थित गोविषाण टीले पर इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी के दौरान आयोजित कार्यक्रम में कुमाऊं के मंडलायुक्त राजीव रौतेला तथा जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए कुमाऊं मंडलायुक्त राजीव रौतेला ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग कुमाऊं के अनेक स्मारकों और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करके उन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा की जाने वाली कार्य प्रक्रियाओं को और उन प्रक्रिया के माध्यम से किए जाने वाली परिवर्तनों के बारे में आम जनमानस को अवगत कराना तथा यह प्रक्रियाए तथा परिवर्तन क्यों किए जाते हैं इसके बारे में आप जनमानस को अवगत कराना है साथ ही इससे लोगों को क्या लाभ होता है इसको भी जाने। उन्होंने कहा कि गोविषाण टीला भी एक पौराणिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चे भी आए थे और स्कूली बच्चे किसी भी अच्छे काम के लिए अच्छे संदेश वाहक होते हैं और पंपलेट आदि के जरिए स्कूलों में बच्चों के माध्यम से उनके माता-पिता को भी पौराणिक धरोहरों के बारे में समझाया जा सकता है। इस दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस छायाचित्र प्रदर्शनी में उत्तराखंड प्रदेश के अलावा देश के कोने कोने की पौराणिक धरोहरों को छायाचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। आपको बताते चलें कि 19 नवम्बर से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत इस छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां बताते चलें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं यूनेस्को के तत्वाधान में प्रतिवर्ष 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाता है इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक बनाना और इन स्मारकों को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने में जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
बाइट- राजीव रौतेला, कुमाऊं मंडलायुक्तConclusion:
Last Updated : Nov 19, 2019, 8:13 PM IST
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