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गदरपुर में महिलाओं ने निकाली भव्य कलश यात्रा

गदरपुर में महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. यात्रा पंडित राजन शर्मा के नेतृत्व में पुरातन शिव मंदिर से बुध बाजार स्थित सनातन धर्म मंदिर तक निकाली गई.

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कलश यात्रा
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Published : Feb 10, 2021, 1:32 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 2:08 PM IST

गदरपुर: बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. यह यात्रा पंडित राजन शर्मा के नेतृत्व में पुरातन शिव मंदिर से बुध बाजार स्थित सनातन धर्म मंदिर तक निकाली गई. इस दौरान पंडित रजत शर्मा ने कहा कि पूरे संसार में जितनी भी आवाज व धुन हैं, वो मां सरस्वती के आशीर्वाद से हैं.

गदरपुर में महिलाओं ने निकाली भव्य कलश यात्रा.

पंडित राजन शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी पर नया मौसम शुरू होता है. साथ ही शरद ऋतु समाप्त होने की स्थिति पर होती है. इस 42वें शरद उत्सव के समागम पर गदरपुर में महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली है. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी पर माता सरस्वती का आगमन हुआ था. इसे लोग बसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं. उन्होंने कहा कि जब संसार में कोई रंग नहीं था तब उस समय बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का आगमन हुआ. तभी से संसार में उनकी कृपा से रंगों की बहार आई और मनुष्य बोलना भी उसी दिन से सीखा है.

पढ़ें: राजधानी में खुले 3 सरकारी स्मार्ट स्कूल, CM त्रिवेंद्र ने किया शुभारंभ

उन्होंने कहा कि पूरे संसार में जो भी आवाज एवं धुन आती है वह सब मां सरस्वती की कृपा है. इसी दिन सनातन मंदिर की प्रथम शिला रखी गई थी और कहा कि सनातन धर्म मंदिर में जितने भी देवी-देवता हैं उनकी प्राण प्रतिष्ठा भी उसी दिन हुई है.

गदरपुर: बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. यह यात्रा पंडित राजन शर्मा के नेतृत्व में पुरातन शिव मंदिर से बुध बाजार स्थित सनातन धर्म मंदिर तक निकाली गई. इस दौरान पंडित रजत शर्मा ने कहा कि पूरे संसार में जितनी भी आवाज व धुन हैं, वो मां सरस्वती के आशीर्वाद से हैं.

गदरपुर में महिलाओं ने निकाली भव्य कलश यात्रा.

पंडित राजन शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी पर नया मौसम शुरू होता है. साथ ही शरद ऋतु समाप्त होने की स्थिति पर होती है. इस 42वें शरद उत्सव के समागम पर गदरपुर में महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली है. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी पर माता सरस्वती का आगमन हुआ था. इसे लोग बसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं. उन्होंने कहा कि जब संसार में कोई रंग नहीं था तब उस समय बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का आगमन हुआ. तभी से संसार में उनकी कृपा से रंगों की बहार आई और मनुष्य बोलना भी उसी दिन से सीखा है.

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उन्होंने कहा कि पूरे संसार में जो भी आवाज एवं धुन आती है वह सब मां सरस्वती की कृपा है. इसी दिन सनातन मंदिर की प्रथम शिला रखी गई थी और कहा कि सनातन धर्म मंदिर में जितने भी देवी-देवता हैं उनकी प्राण प्रतिष्ठा भी उसी दिन हुई है.

Last Updated : Feb 10, 2021, 2:08 PM IST
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