खटीमा: भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सिसैया ग्राम पंचायत के कई गांव इन दिनों जलमग्न हैं. शारदा सागर डैम में अत्यधिक पानी होने के कारण बंधा, बलुवा, खैरानी गांव में जलभराव की समस्या बनी हुई है. जिसके कारण स्थानी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि ग्रामीण नाव से यहां आवाजाही कर रहे हैं.
बता दें कि लगभग 1000 आबादी वाले इस गांव के खेत, खलिहान, फसल, रास्ते, गोठ, घर-मकान, शौचालय और आंगनबाड़ी पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. वहीं, जलस्तर प्रतिदिन लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण यहां जलीय जीवों जैसे सांप और मगरमच्छ आदि का खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही यहां संक्रामक बीमारियों के फैलने की भी आशंका बनी हुई है. लिहाजा, यहां लोग रोड के किनारे आशियाना बनाकर रहने को मजबूर हैं.
पढ़ें- पौड़ी के थापली गांव में घर में लगी भीषण आग, बुजुर्ग दंपति की जलकर मौत
स्थिति ये है कि गांव में पीन तक के लिए शुद्ध पानी नहीं है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. वहीं, तबीयत बिगड़ने पर भी लोग समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. उन्हें आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि जलभराव के कारण विगत वर्षों पानी में डूबने से कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब जब फसल तैयार होती है तो यूपी सिंचाई विभाग द्वारा जलभराव कर फसल को बर्बाद कर दिया जाता है, जिससे भारी तबाही का सामना करना पड़ता है और भुखमरी के कगार पर पहुंच जाते हैं. विगत वर्ष भी जलभराव से फसल की बर्बादी हुई थी. वहीं, पीड़ित ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से डैम का जलस्तर कम कराने तथा इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की गुहार लगाई है.