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खटीमा: जलभराव से परेशान किसान, बोले- अधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद

कई सालों से खेतों में पानी जमा होने के चलते कुटरी ग्राम सभा के किसानों की फसल खराब हो रही है. जिससे परेशान किसान जनप्रतिनिधि, शासन- प्रशासन तक कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली है.

कुटरी ग्राम सभा न्यूज  news of waterlogging in the fields
खेतों में जलभराव
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Published : Dec 20, 2019, 5:22 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 5:50 PM IST

खटीमा: कुटरी ग्रामसभा के किसानों के खेतों में जलभराव के चलते उनकी कई एकड़ फसल खराब हो रही है. जिसके चलते किसान खेतों से जल निकासी की मांग को लेकर कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं. लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है जिससे उनकी परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.

खेतों में जल भराव के चलते सालों से परेशान हैं किसान.

किसानों ने बताया कि सालों से उनके खेतों में जल भराव हो रहा है. जिसके चलते हर साल उनकी फसल खेतों में ही खराब हो जाती है. जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मामले को लेकर वे कई बार सांसद और मुख्यमंत्री से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है. साथ ही बताया कि तहसील दिवस के मौके पर भी उन्होंने खेतों से जल निकासी की गुहार लगाई थी. लेकिन उस पर भी प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई.

ये भी पढ़े: खनन कारोबारियों ने SDM कार्यालय पर दिया धरना, सरकार पर पक्षपात का लगाया आरोप

ऐसे में मजबूर होकर किसान ग्राम प्रधान के साथ मिलकर अस्थाई समाधान का प्रयास कर रहे हैं.

खटीमा: कुटरी ग्रामसभा के किसानों के खेतों में जलभराव के चलते उनकी कई एकड़ फसल खराब हो रही है. जिसके चलते किसान खेतों से जल निकासी की मांग को लेकर कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं. लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है जिससे उनकी परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.

खेतों में जल भराव के चलते सालों से परेशान हैं किसान.

किसानों ने बताया कि सालों से उनके खेतों में जल भराव हो रहा है. जिसके चलते हर साल उनकी फसल खेतों में ही खराब हो जाती है. जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मामले को लेकर वे कई बार सांसद और मुख्यमंत्री से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है. साथ ही बताया कि तहसील दिवस के मौके पर भी उन्होंने खेतों से जल निकासी की गुहार लगाई थी. लेकिन उस पर भी प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई.

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ऐसे में मजबूर होकर किसान ग्राम प्रधान के साथ मिलकर अस्थाई समाधान का प्रयास कर रहे हैं.

Intro:summary- कई सालों से खेतों में पानी जमा होने कारण फसल खराब होने से परेशान किसानों की जनप्रतिनिधि- शासन और प्रशासन ने नही ली कोई सुध। परेशान किसानों ने स्वयं पानी की निकासी के लिए काम किया शुरू।

नोट-खबर एफटीपी में - kheto se paani nikasi ko taraste kisan- नाम के फोल्डर पर है।

एंकर- उधम सिंह नगर जनपद की सीमांत खटीमा विधानसभा की कुटरी ग्राम सभा के किसान विगत कई सालों से अपने खेतों से जल निकासी की मांग को गुहार लगाकर थक चुके हैं। जहां खेतों में जलभराव से हर साल कई एकड़ फसल खेतों में आनी जमा रहने के कारण से खराब हो रही है। वहीं इसके बावजूद इन किसानों कि शासन-प्रशासन में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पेश है एक रिपोर्ट.....


Body:वीओ- लोकतंत्र में भले ही जनता सर्वोपरि होती है लेकिन अक्सर चुनाव के बाद से जनता को बिसरा दिया जाता है। यह जनता अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए कभी नेता तो कभी अधिकारी की चौखट पर ठोकरे खाती फिरती है। लेकिन मजाल है कि जनता का खुद को सेवक कहने वाले जनप्रतिनिधियों अधिकारियों का दिल पसीज जाये। ऐसी कड़वी हकीकत से रूबरू होने को मजबूर है सीमांत खटीमा विधानसभा की कुटरी ग्राम सभा के ग्रामीण, जिसके जिनके खेतों मैं कई सालों से से पानी की निकासी ना होने की वजह से उनकी फसल खराब हो जाती है। गांव में जल निकासी को एक अदद नाली की मांग विधायक- सांसद से लेकर मुख्यमंत्री तक से की जा चुकी है लेकिन कोई भी इनकी सुनने को तैयार नहीं है। मजबूर होकर अपने खेत में पानी निकासी व स्थापित करने में लगे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी हैं अपने विधायक व प्रशासन से जल निकासी के लिये पक्की नाली निर्माण की दरकार है।

बाइट- मुरलीधर। स्थानीय किसान

बाइट- पार्वती देवी स्थानीय महिला

बाइट- नीरज सिंह ग्राम प्रधान कुटरी


वीओ 2- वहीं प्रशासन से जब ग्रामीणों ने तहसील दिवस पर जल निकासी की गुहार लगाई तो तहसीलदार गांव में पहुंचकर प्रधान स्तर से जल निकासी का फरमान सुना गये। साथ ही ग्रामीणों को हर बार की तरह आश्वासन कि वह मीठी गोली दे गए जिससे ग्रामीण 2016 से खाने को मजबूर है।

बाइट- यूसुफ अली तहसीलदार खटीमा



Conclusion:फाइनल वीओ- बढ़ाओ 2016 से जलभराव की समस्या को झेल रहे ग्रामीणों ने विधायक सांसद ,डीएम, एसडीएम और मुख्यमंत्री तक अपनी समस्या के निराकरण को गुहार लगाई हो। लेकिन किसी भी नेता या अधिकारी ने इनकी पीड़ा पर मरहम नहीं लगाया। मजबूर होकर अपने गांव के प्रधान के साथ मिलकर ग्रामीण अस्थाई समाधान का प्रयास कर रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह उठता है जब शासन - प्रशासन को जनता की पीड़ा की सुध नहीं है तो आखिर जनता अपनी जन समस्याओं को लेकर जाए तो कहां जाए।
Last Updated : Dec 20, 2019, 5:50 PM IST
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