रुद्रपुर: फर्जी ट्रेडिंग कंपनी बना कर लोगों से लाखो रुपए ठगने वाले सरगना को साइबर पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए सात दिनों से अलग अलग राज्यों में जा रहा था. आरोपी द्वारा रुद्रपुर के एक व्यक्ति से 14 लाख की ठगी की गई थी. आरोपी अब तक सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है. उसके पास से तीन मोबाइल, कई सिम और कई डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं. थाना पुलिस पकड़े गए ठग से पूछताछ में जुटी हुई है.
शातिर साइबर ठग गिरफ्तार: रुद्रपुर साइबर थाना पुलिस ने ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. आरोपी अब तक देश के कई राज्यों के लोगों को चूना लगा चुका है. उसके पास से तीन मोबाइल, कई सिम कार्ड, कई बैंक के डेबिट कार्ड बरामद किए हैं. साइबर थाने के प्रभारी ललित जोशी ने बताया कि फरवरी माह में साइबर थाने रुद्रपुर में ट्रांजिट कैंप निवासी एक व्यक्ति ने तहरीर सौंप कर बताया की एक फर्जी ट्रेडिंग वेबसाइट के माध्यम से उससे 14 लाख रुपए ठग लिए गए हैं.
2700 किलोमीटर पीछा कर विजय चावला हुआ गिरफ्तार: मामले में थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया. जिसके बाद से साइबर पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी. इस बीच टीम द्वारा पिछले सात दिनों में पांच राज्यों में 27 सौ किमी चल कर आरोपी को हरिद्वार से दबोच लिया. पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम विजय चावला निवासी गभीरथ पुरा इंदौर बताया. आरोपी ने बताया कि उसके द्वारा फर्जी गेंस मोर वेबसाइट ब्रोकिंग कंपनी बनाई गई थी. इसके लिए उसके द्वारा एक फर्जी कॉल सेंटर भी खोला गया था.
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आरोपी लोगों से पहले डीमेट अकाउंट खुलवाता था. बाद में सर्विस चार्ज, जीएसटी और अन्य माध्यम से लोगों को ठगने का काम करता था. इंस्पेक्टर ललित मोहन जोशी ने बताया कि उनकी टीम पिछले सात दिनों में इंदौर, ग्वालियर, मथुरा, वृंदावन, नोएडा, मेरठ और हरिद्वार में 27 सौ किलोमीटर का सफर करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया.
साइबर ठगों ने कैसे बनाया शिकार: साइबर ठगों द्वारा पीड़ित को पहले तो अधिक मुनाफे का लालच देकर ANGEL BROKING APP पर डीमेट एकाउन्ट खुलवाकर ट्रेडिंग चालू करायी गई. बाद में बहाने बनाते हुये एप्लिकेशन के ठीक ढंग से कार्य नहीं करने की बात कहकर खुद की कम्पनी में ही पीड़ित का डीमेट एकाउन्ट खुलवाया गया. जिसके लिये पीड़ित से कम्पनी के सर्विस चार्ज, जीएसटी और अलग अलग नामों से धनराशि की मांग की गयी. आरोपियों द्वारा पीड़ित से करीब 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर दी गयी. ठगी के शिकार व्यक्ति की दी गई तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था.
एसटीएफ ने की पूरे मामले की जांच: साइबर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयोग की गई फर्जी वेबसाइट, जीमेल एकाउन्ट और मोबाइल नम्बरों के बारे में सम्बन्धित कम्पनियों से पत्राचार कर आईडी के डिटेल्स प्राप्त किये गये. तब जानकारी हुई कि यह जीमेल एकाउन्ट और विभिन्न मोबाइल नम्बर इन्दौर, मध्य प्रदेश से संचालित प्रयोग किये जा रहे हैं. साथ ही घटना में प्रयोग मोबाइल नम्बर और वाट्सअप नम्बर से पीड़ित को मैसेज और कॉल की जाती थी. वह सभी फर्जी आईडी से ली पाई गई. धोखाधड़ी से जो धनराशि जिन बैंक खातों में प्राप्त की गयी, वह दिल्ली, दिल्ली एनसीआर से सम्बन्धित पाये गये.
साइबर ठग विजय चावल ऐसे हुआ गिरफ्तार: पुलिस टीम द्वारा कई राज्यों में कई व्यक्तियों का सत्यापन करते हुये पाया गया कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त मध्य प्रदेश इन्दौर का रहने वाला है. इस पर एसटीएफ की टीम ने लगातार 07 दिन तक आरोपी विजय चावला निवासी इन्दौर की तलाश में जगह जगह छापेमारी की. इस दौरान एसटीएफ की दबिशों से परेशान होकर आरोपी विजय चावल इंदौर से बचने के लिये अपने दोस्तों के साथ जगह बदलते बदलते ग्वालियर, मथुरा, नोएडा होते हुये उत्तराखंड की तरफ आ गया.
राज्य-राज्य और शहर-शहर भागा विजय चावला: अभियुक्त एक शहर से दूसरे राज्य के शहर में एक-दो दिन ठहर कर फरार हो जाता था. इस पर साइबर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त का लगातार पीछा करते हुये इंदौर से ग्वालियर, मथुरा, वृन्दावन, नोएडा, मेरठ के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. आरोपी को ट्रेस करते हुये ग्वालियर, मथुरा, वृन्दावन, नोएडा, मेरठ और हरिद्वार तक करीब 2700 किलोमीटर तक पीछा किया गया. आखिर साइबर ठग विजय चावला हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया.
विजय चावला से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बेबसाइट https://gainsmorebroking.com और ईमेल आईडी gainsmorebroking@gmail.com और abhimanyusinghcmt@gmail.com बनाकर विभिन्न फर्जी मोबाइल नंबर्स का प्रयोग कर गेन्स मोर ब्रोकिंग कंपनी में इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर 14,07,498 रुपए की धोखाधड़ी की है.