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सितारगंज: लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश से आए करीब 200 मजदूर

शहर के अमरिया चौराहे पर मजदूरी करने वाले परिवारों के 200 लोग बदायूं जाने के लिए परमिशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. ये लोग परमिशन का इंतजार इसलिए कर रहे है ताकि रास्ते में इन्हें बेवजह परेशानी न उठाना पड़े.

सितारगंज लॉकडाउन न्यूज, labourers stuck in lockdown
लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश से आए मजदूर.
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Published : Mar 28, 2020, 5:28 PM IST

Updated : Mar 28, 2020, 11:43 PM IST

सितारगंज: कोरोना वायरस के कहर के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. प्रधानमंत्री ने लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की है, लेकिन शहर के अमरिया चौराहे पर मजदूरी करने वाले परिवारों के 200 लोग बदायूं जाने के लिए परमिशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. ये लोग परमिशन का इंतजार इसलिए कर रहे हैं, ताकि रास्ते में इन्हें बेवजह परेशानी न उठानी पड़े.

गौरतलब है कि परिमशन मिलने के इंतजार में ये मजदूरे भूखे प्यासे बैठे थे. मजदूरों की हालत देखकर कुछ लोग आगे आए और उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई. साथ ही पूर्व विधायक नारायण पाल भी मजदूरों से मिलने पहुंचे. हालांकि, बाद में जानकारी मिली की देर रात प्रशासन द्वारा बसों में बैठाकर प्रवासियों को अपने घर के लिए या बॉर्डर तक रवाना किया गया था.

फंसे उत्तर प्रदेश से आए करीब 200 मजदूर.

यह भी पढे़ें-ईटीवी भारत का सराहनीय कदम, भूखे लोगों को खाना खिलाने के बाद जागी सरकार

बता दें कि अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंज के लोगों को उनक घरों तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने फंड के साथ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इस दौरान पूर्व विधायक ने कहा कि आवश्यक वस्तु घरों तक पहुंचाने के मनचाहे पैसे वसूले जा रहे हैं. साथ ही प्रशासन द्वारा तय रेट से कहीं ज्यादा वसूली आम जनता से की जा रही है.

सितारगंज: कोरोना वायरस के कहर के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. प्रधानमंत्री ने लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की है, लेकिन शहर के अमरिया चौराहे पर मजदूरी करने वाले परिवारों के 200 लोग बदायूं जाने के लिए परमिशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. ये लोग परमिशन का इंतजार इसलिए कर रहे हैं, ताकि रास्ते में इन्हें बेवजह परेशानी न उठानी पड़े.

गौरतलब है कि परिमशन मिलने के इंतजार में ये मजदूरे भूखे प्यासे बैठे थे. मजदूरों की हालत देखकर कुछ लोग आगे आए और उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई. साथ ही पूर्व विधायक नारायण पाल भी मजदूरों से मिलने पहुंचे. हालांकि, बाद में जानकारी मिली की देर रात प्रशासन द्वारा बसों में बैठाकर प्रवासियों को अपने घर के लिए या बॉर्डर तक रवाना किया गया था.

फंसे उत्तर प्रदेश से आए करीब 200 मजदूर.

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बता दें कि अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंज के लोगों को उनक घरों तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने फंड के साथ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इस दौरान पूर्व विधायक ने कहा कि आवश्यक वस्तु घरों तक पहुंचाने के मनचाहे पैसे वसूले जा रहे हैं. साथ ही प्रशासन द्वारा तय रेट से कहीं ज्यादा वसूली आम जनता से की जा रही है.

Last Updated : Mar 28, 2020, 11:43 PM IST
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