ETV Bharat / state

मुफलिसी में जिंदगी जी रहा अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर खिलाड़ी, डेयरी में कर रहा दिहाड़ी मजदूरी - wheelchair cricket team player working in milk dairy due to lockdown

उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी धन सिंह आज महज 4000 में अपने परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं. मगर सरकार की ओर से अब तक उनकी कोई मदद नहीं की गई है.

uttarakhand-wheelchair-cricket-team-player-working-in-milk-dairy
मुफलिसी में जिंदगी जी रहा अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर खिलाड़ी
author img

By

Published : Aug 3, 2020, 4:18 PM IST

रुद्रपुर: उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी लॉकडाउन में मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं. उधम सिंह नगर जिले के किच्छा तहसील के जवाहर नगर के रहने वाले धन सिंह कोरंगा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में प्रतिनिधित्व किया है. मगर आज वे पाई-पाई के लिए मोहताज हैं. उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए एक निजी दुग्ध की डेयरी में कमीशन पर काम करना पड़ रहा है. जहां उन्हें चार हजार रुपये मिलते हैं, जो कि इस दौर में नाकाफी है.

देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले दिव्यांग व्हीलचेयर क्रिकेट के खिलाड़ी इन दिनों मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश को पहचान दिलाने वाले खिलाड़ी इन दिनों जैसे-तैसे अपने परिवार का पालन कर रहे हैं. जिसके लिए कोई सड़कों पर मजदूरी कर रहा है तो कोई कमीशन पर नौकरी कर रहा है. वहीं कई तो ऐसे हैं जो ई रिक्शा और ठेली लगाकर भी दो जून की रोटी कमा रहे हैं.

मुफलिसी में जिंदगी जी रहा अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर खिलाड़ी

पढ़ें-भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन की मिली मदद, सोनू सूद ने भी बढ़ाए हाथ

सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे के गृह नगर उधम सिंह नगर जिले से ताल्लुक रखने वाले एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं धन सिंह कोरंगा, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में प्रतिनिधित्व किया है. मगर आज ये खिलाड़ी बदहाली में आंसू बहाने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान की मनरेगा में काम करने की खबरें सामने आई थी. जिसके बाद एक और ऐसी तस्वीर आना सरकारों के वादों और घोषणाओं पर सवाल खड़े करती है. जो प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की कोरी बातें करते हैं.

पढ़ें- कोरोना की मार, मनरेगा में पत्थर तोड़ने को मजबूर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेटर राजेंद्र सिंह धामी

उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी धन सिंह आज महज 4000 में अपने परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं. मगर सरकार की ओर से अब तक उनकी कोई मदद नहीं की गई है. धन सिंह व्हीलचेयर उत्तराखंड क्रिकेट टीम के उप कप्तान भी हैं. इटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए धन सिंह ने बताया कि वे पहले साइकिल पंचर की दुकान चलाते थे. लॉकडाउन के कारण उनका ये काम बंद हो गया.

पढ़ें- CORONA: कोविड-19 से भाजपा नेता की पत्नी की मौत, कोटद्वार बेस अस्पताल पर संकट के बादल

जिसके कारण अब वह एक निजी डेयरी में कमीशन पर काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्हें महीने के 4 हजार रुपये मिलते हैं. उन्होंने बताया कि वह अबतक कई अंतराष्ट्रीय स्पर्धाओं के साथ ही कई नेशनल मैचों में उत्तराखंड और देश को गौरवान्वित कर चुके हैं. साल 2018 में रुद्रपुर में हुए अंतरराष्ट्रीय मैच से उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत की थी. धन सिंह अपनी प्रतिभा का लोहा कई बार मनवा चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मैचों में उन्हें बेस्ट कैच, गुड फील्डिंग, मैन ऑफ द मैच, बेस्ट पार्टनर शिप, बेस्ट विकेटिंग के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है.

पढ़ें-भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन की मिली मदद, सोनू सूद ने भी बढ़ाए हाथ

सरकारों के रवैये को लेकर बात करते हुए धन सिंह कोरंगा बताते हैं कि प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कई बार नाम रोशन किया है. बावजूद आज भी उन्हें सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला है. उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों का मुंह ताकना पड़ता है.

रुद्रपुर: उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी लॉकडाउन में मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं. उधम सिंह नगर जिले के किच्छा तहसील के जवाहर नगर के रहने वाले धन सिंह कोरंगा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में प्रतिनिधित्व किया है. मगर आज वे पाई-पाई के लिए मोहताज हैं. उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए एक निजी दुग्ध की डेयरी में कमीशन पर काम करना पड़ रहा है. जहां उन्हें चार हजार रुपये मिलते हैं, जो कि इस दौर में नाकाफी है.

देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले दिव्यांग व्हीलचेयर क्रिकेट के खिलाड़ी इन दिनों मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश को पहचान दिलाने वाले खिलाड़ी इन दिनों जैसे-तैसे अपने परिवार का पालन कर रहे हैं. जिसके लिए कोई सड़कों पर मजदूरी कर रहा है तो कोई कमीशन पर नौकरी कर रहा है. वहीं कई तो ऐसे हैं जो ई रिक्शा और ठेली लगाकर भी दो जून की रोटी कमा रहे हैं.

मुफलिसी में जिंदगी जी रहा अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर खिलाड़ी

पढ़ें-भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन की मिली मदद, सोनू सूद ने भी बढ़ाए हाथ

सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे के गृह नगर उधम सिंह नगर जिले से ताल्लुक रखने वाले एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं धन सिंह कोरंगा, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में प्रतिनिधित्व किया है. मगर आज ये खिलाड़ी बदहाली में आंसू बहाने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान की मनरेगा में काम करने की खबरें सामने आई थी. जिसके बाद एक और ऐसी तस्वीर आना सरकारों के वादों और घोषणाओं पर सवाल खड़े करती है. जो प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की कोरी बातें करते हैं.

पढ़ें- कोरोना की मार, मनरेगा में पत्थर तोड़ने को मजबूर भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेटर राजेंद्र सिंह धामी

उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी धन सिंह आज महज 4000 में अपने परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं. मगर सरकार की ओर से अब तक उनकी कोई मदद नहीं की गई है. धन सिंह व्हीलचेयर उत्तराखंड क्रिकेट टीम के उप कप्तान भी हैं. इटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए धन सिंह ने बताया कि वे पहले साइकिल पंचर की दुकान चलाते थे. लॉकडाउन के कारण उनका ये काम बंद हो गया.

पढ़ें- CORONA: कोविड-19 से भाजपा नेता की पत्नी की मौत, कोटद्वार बेस अस्पताल पर संकट के बादल

जिसके कारण अब वह एक निजी डेयरी में कमीशन पर काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्हें महीने के 4 हजार रुपये मिलते हैं. उन्होंने बताया कि वह अबतक कई अंतराष्ट्रीय स्पर्धाओं के साथ ही कई नेशनल मैचों में उत्तराखंड और देश को गौरवान्वित कर चुके हैं. साल 2018 में रुद्रपुर में हुए अंतरराष्ट्रीय मैच से उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत की थी. धन सिंह अपनी प्रतिभा का लोहा कई बार मनवा चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मैचों में उन्हें बेस्ट कैच, गुड फील्डिंग, मैन ऑफ द मैच, बेस्ट पार्टनर शिप, बेस्ट विकेटिंग के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है.

पढ़ें-भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन की मिली मदद, सोनू सूद ने भी बढ़ाए हाथ

सरकारों के रवैये को लेकर बात करते हुए धन सिंह कोरंगा बताते हैं कि प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कई बार नाम रोशन किया है. बावजूद आज भी उन्हें सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला है. उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों का मुंह ताकना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.