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उत्तराखंड: सांसद निधि खर्च करने में सांसद फिसड्डी, आखिर कैसे मिलेगी विकास को गति?

17वीं लोकसभा में दिसंबर 2019 तक उत्तराखंड के सांसदों ने एक भी रुपया खर्च नहीं किया. इतना ही नहीं, 16वीं लोकसभा के सांसदों की ओर से स्वीकृत 3342 विकास कार्य भी प्रारंभ नहीं हुए. यह खुलासा आरटीआई से हुआ.

विकास निधि
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Published : Feb 14, 2020, 11:07 AM IST

Updated : Feb 14, 2020, 11:47 AM IST

काशीपुरः उत्तराखंड से सभी लोकसभा सांसद विकास निधि खर्च करने में फिसड्डी रहे हैं. आरटीआई से मिली जानकारी में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिसमें विकास को लेकर इन सांसदों का उदासीन रवैया सामने आया है. जबकि सांसदों को एक साल में सांसद निधि के रूप में पांच करोड़ रुपये मिलते हैं. सांसद निधि से सांसदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने होते हैं. वहीं खर्च बढ़ने पर सांसदों को केंद्र के अलावा राज्य सरकारों के संबंधित विभाग के मंत्रियों से सिफारिश करनी होती है.

प्रदेश में संसदीय क्षेत्र में विकास निधि के इस्तेमाल में सांसद अपने निधि को खर्च नहीं पाए. वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल प्रारम्भ हुए 6 माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन दिसम्बर 2019 तक एक भी रुपया खर्च नहीं हो सका है. यहां तक कि केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी को छोड़कर किसी भी सांसद का एक भी रुपया पिछली सांसद निधि शेष होने के कारण भारत सरकार से जारी नहीं हुआ है.

पिछले लोकसभा सांसदों की भी 26 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने को शेष है. पिछले सांसदों द्वारा स्वीकृत 3,342 विकास कार्य दिसम्बर 2019 तक प्रारंभ तक नहीं हुए है. काशीपुर निवासी व सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त से उत्तराखंड के सांसदों की सांसद निधि के खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी.

इसके उत्तर में ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी उपायुक्त (प्रशासन) हरगोविंद भट्ट ने एड. नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड लोकसभा सांसदों को विकास कार्यों के लिये 5 करोड़ प्रति वर्ष की सांसद निधि में से दिसम्बर 2019 तक केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की ढाई करोड़ की सांसद निधि ही जारी हो पायी है.

इसके अतिरिक्त किसी को भी सांसद निधि जारी ही नहीं हो सकी है. पिछली ढाई करोड़ की किश्त का प्रयोग विवरण उपलब्ध कराने पर भारत सरकार द्वारा अगली 2.5 करोड़ की किश्त जारी की जाती है.

एड. नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार दिसम्बर 2019 तक पिछली लोकसभा के सांसदों को ब्याज सहित उपलब्ध 99.66 करोड़ की सांसद निधि में से 78.95 करोड़ की सांसद निधि ही खर्च हो सकी है.

जारी नहीं हुई 30.00 करोड़ की सांसद निधि सहित कुल 129.66 करोड़ की सांसद निधि में से 61 प्रतिशत 78.95 करोड़ की सांसद निधि ही दिसंबर 2019 तक खर्च हुई है. नये लोकसभा सांसदों की सांसद निधि में केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की ढाई करोड़ की सांसद निधि जारी हुई है जिसका कोई रूपया भी दिसम्बर 2019 तक खर्च नहीं हुआ है.

  • अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की ब्याज सहित सांसद निधि 2633.84 लाख है जिसमें से दिसंबर 2019 तक केवल 50 प्रतिशत 1310.99 लाख की सांसद निधि ही खर्च हो सकी.
  • हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की कुल 2605.09 लाख सांसद निधि में से केवल 77 प्रतिशत 1997.19 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है
  • पौड़ी सांसद बीसी खंडूड़ी की 2531.32 लाख की सांसद निधि में से केवल 40 प्रतिशत 1001.14 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.
  • टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की 2634.83 लाख की पिछले सांसद निधि में से केवल 68 प्रतिशत 1790.2 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी जोकि वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, की 2560.9 लाख की सांसद निधि में से 70 प्रतिशत 1795.87 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.

उत्तराखंड के पिछले लोकसभा सांसदों के सांसद निधि से कुल 9,128 कार्य स्वीकृत हुए हैं. इसमें से दिसंबर 2019 तक 50 प्रतिशत 4,592 कार्य हुए हैं, जबकि 13 प्रतिशत 1,194 कार्य चल रहे हैं तथा 37 प्रतिशत 3,342 कार्य दिसंबर 2019 तक प्रारंभ ही नहीं हुए हैं.

  • अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा के 3077 कार्यों में 29 प्रतिशत 877 पूर्ण हुए हैं. 181 चल रहे है तथा 2019 प्रारम्भ नहीं हुए हैं
  • हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल के कुल 823 कार्यों में से 76 प्रतिशत 627 कार्य पूर्ण हुए हैं. 116 कार्य चल रहे तथा 80 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • टिहरी सांसद राजलक्ष्मी के 1,486 कार्यों में 39 प्रतिशत 574 पूर्ण हुए हैं, 760 चल रहे हैं, 152 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • पौड़ी सांसद बीसी खंडूड़ी के 2694 कार्यो में 58 प्रतिशत 1568 पूर्ण हुए, 89 चल रहे हैं तथा 1037 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी के कुल 1048 कार्यो में से 90 प्रतिशत 946 पूर्ण हुए हैं, 48 कार्य चल रहे हैं तथा 54 कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं.

काशीपुरः उत्तराखंड से सभी लोकसभा सांसद विकास निधि खर्च करने में फिसड्डी रहे हैं. आरटीआई से मिली जानकारी में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिसमें विकास को लेकर इन सांसदों का उदासीन रवैया सामने आया है. जबकि सांसदों को एक साल में सांसद निधि के रूप में पांच करोड़ रुपये मिलते हैं. सांसद निधि से सांसदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने होते हैं. वहीं खर्च बढ़ने पर सांसदों को केंद्र के अलावा राज्य सरकारों के संबंधित विभाग के मंत्रियों से सिफारिश करनी होती है.

प्रदेश में संसदीय क्षेत्र में विकास निधि के इस्तेमाल में सांसद अपने निधि को खर्च नहीं पाए. वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल प्रारम्भ हुए 6 माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन दिसम्बर 2019 तक एक भी रुपया खर्च नहीं हो सका है. यहां तक कि केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी को छोड़कर किसी भी सांसद का एक भी रुपया पिछली सांसद निधि शेष होने के कारण भारत सरकार से जारी नहीं हुआ है.

पिछले लोकसभा सांसदों की भी 26 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने को शेष है. पिछले सांसदों द्वारा स्वीकृत 3,342 विकास कार्य दिसम्बर 2019 तक प्रारंभ तक नहीं हुए है. काशीपुर निवासी व सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त से उत्तराखंड के सांसदों की सांसद निधि के खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी.

इसके उत्तर में ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी उपायुक्त (प्रशासन) हरगोविंद भट्ट ने एड. नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड लोकसभा सांसदों को विकास कार्यों के लिये 5 करोड़ प्रति वर्ष की सांसद निधि में से दिसम्बर 2019 तक केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की ढाई करोड़ की सांसद निधि ही जारी हो पायी है.

इसके अतिरिक्त किसी को भी सांसद निधि जारी ही नहीं हो सकी है. पिछली ढाई करोड़ की किश्त का प्रयोग विवरण उपलब्ध कराने पर भारत सरकार द्वारा अगली 2.5 करोड़ की किश्त जारी की जाती है.

एड. नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार दिसम्बर 2019 तक पिछली लोकसभा के सांसदों को ब्याज सहित उपलब्ध 99.66 करोड़ की सांसद निधि में से 78.95 करोड़ की सांसद निधि ही खर्च हो सकी है.

जारी नहीं हुई 30.00 करोड़ की सांसद निधि सहित कुल 129.66 करोड़ की सांसद निधि में से 61 प्रतिशत 78.95 करोड़ की सांसद निधि ही दिसंबर 2019 तक खर्च हुई है. नये लोकसभा सांसदों की सांसद निधि में केवल टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की ढाई करोड़ की सांसद निधि जारी हुई है जिसका कोई रूपया भी दिसम्बर 2019 तक खर्च नहीं हुआ है.

  • अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की ब्याज सहित सांसद निधि 2633.84 लाख है जिसमें से दिसंबर 2019 तक केवल 50 प्रतिशत 1310.99 लाख की सांसद निधि ही खर्च हो सकी.
  • हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की कुल 2605.09 लाख सांसद निधि में से केवल 77 प्रतिशत 1997.19 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है
  • पौड़ी सांसद बीसी खंडूड़ी की 2531.32 लाख की सांसद निधि में से केवल 40 प्रतिशत 1001.14 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.
  • टिहरी सांसद राजलक्ष्मी की 2634.83 लाख की पिछले सांसद निधि में से केवल 68 प्रतिशत 1790.2 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी जोकि वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, की 2560.9 लाख की सांसद निधि में से 70 प्रतिशत 1795.87 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है.

उत्तराखंड के पिछले लोकसभा सांसदों के सांसद निधि से कुल 9,128 कार्य स्वीकृत हुए हैं. इसमें से दिसंबर 2019 तक 50 प्रतिशत 4,592 कार्य हुए हैं, जबकि 13 प्रतिशत 1,194 कार्य चल रहे हैं तथा 37 प्रतिशत 3,342 कार्य दिसंबर 2019 तक प्रारंभ ही नहीं हुए हैं.

  • अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा के 3077 कार्यों में 29 प्रतिशत 877 पूर्ण हुए हैं. 181 चल रहे है तथा 2019 प्रारम्भ नहीं हुए हैं
  • हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल के कुल 823 कार्यों में से 76 प्रतिशत 627 कार्य पूर्ण हुए हैं. 116 कार्य चल रहे तथा 80 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • टिहरी सांसद राजलक्ष्मी के 1,486 कार्यों में 39 प्रतिशत 574 पूर्ण हुए हैं, 760 चल रहे हैं, 152 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • पौड़ी सांसद बीसी खंडूड़ी के 2694 कार्यो में 58 प्रतिशत 1568 पूर्ण हुए, 89 चल रहे हैं तथा 1037 प्रारंभ नहीं हुए हैं.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी के कुल 1048 कार्यो में से 90 प्रतिशत 946 पूर्ण हुए हैं, 48 कार्य चल रहे हैं तथा 54 कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं.
Last Updated : Feb 14, 2020, 11:47 AM IST
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