खटीमा: उत्तराखंड राज्य का 67 प्रतिशत भाग वनभूमि से घिरा है. जिस कारण यहां वन्य जीव काफी अच्छी संख्या में पाए जाते हैं. ऐसे में वन्य जीवों की भरमार के चलते शिकारी भी विगत कुछ सालों से उत्तराखंड में सक्रिय हैं. हर साल तराई के वन क्षेत्र में वन कर्मियों से वन्यजीव और लकड़ी तस्करों की मुठभेड़ की खबरें सामने आती रहती हैं. जिसके चलते अब उत्तराखंड वन विभाग अपने वनकर्मियों को हाईटेक करने के साथ-साथ आधुनिक हथियारों से भी लैस करने जा रहा है.
वन्यजीव और लकड़ी तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग ने अपने कर्मियों को हाईटेक करने की योजना बनाई है. जिसके तहत कुमाऊं मुख्य वन संरक्षक द्वारा नए हथियारों की खरीद का प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड के द्वारा शासन को भेजा गया है. साथ ही पुराने हथियारों की भी मरम्मत कराई जा रही है.
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खटीमा के दौरे पर पहुंचे कुमाऊं वन संरक्षक विवेक पांडे ने बताया कि तराई वन क्षेत्र में वन्यजीव व लकड़ी तस्करों को रोकना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. इस चुनौती से पार पाने के लिए वन कर्मियों को हाईटेक करने का प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड को भेजा है. साथ ही वन विभाग के पुराने हथियारों की मरम्मत कराई जा रही है. उनका पूरा प्रयास है की वन विभाग वर्तमान समय की जरुरतों के मुताबिक हाईटेक हो जाए.