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देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मार, राज्य सरकार पर 7 करोड़ बकाया

खटीमा में कुल 33 गेहूं क्रय केंद्र हैं, जिसमें से 32 गेहूं क्रय केंद्र सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं और इन केंद्रों में अब तक 7 करोड़ से अधिक का 36 हजार कुंतल से ज्यादा जा चुका है.

देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मा
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Published : Apr 30, 2019, 8:25 AM IST

खटीमा: उत्तराखंड के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर जहां गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान भुखमरी की कगार पर है, तो वहीं अब किसानों का गेहूं भुगतान का मामला भी लटक गया है. ऐसे में भुगतान न होने से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया है.

देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मार.

पढ़ें- आज भारतीय तट से टकराएगा फेनी तूफान, जानें उत्तराखंड में क्या होगा इसका असर

उत्तराखंड प्रदेश में गेहूं की खरीद का 60 फीसदी से ज्यादा गेहूं उधम सिंह नगर जनपद जिले से खरीदा जाता है. वहीं, खटीमा से कुल सरकारी खरीद का 35 से 40 फीसदी खरीद की जाती है. जिसके लिए सरकार ने 1 अप्रैल से सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खोल कर खरीद शुरू की जा चुकी है.

बात खटीमा की करें तो खटीमा में कुल 33 गेहूं क्रय केंद्र हैं, जिसमें से 32 गेहूं क्रय केंद्र सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं और इन केंद्रों में अब तक 7 करोड़ से अधिक मूल्य का 36 हजार कुंतल गेहूं खरीदा जा चुका है.

जबकि, राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसी भी किसान को एक भी रुपया नहीं दिया गया है, जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द सरकार ने गेहूं खरीद का पैसा नहीं दिया तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे.

खटीमा: उत्तराखंड के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर जहां गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान भुखमरी की कगार पर है, तो वहीं अब किसानों का गेहूं भुगतान का मामला भी लटक गया है. ऐसे में भुगतान न होने से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया है.

देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मार.

पढ़ें- आज भारतीय तट से टकराएगा फेनी तूफान, जानें उत्तराखंड में क्या होगा इसका असर

उत्तराखंड प्रदेश में गेहूं की खरीद का 60 फीसदी से ज्यादा गेहूं उधम सिंह नगर जनपद जिले से खरीदा जाता है. वहीं, खटीमा से कुल सरकारी खरीद का 35 से 40 फीसदी खरीद की जाती है. जिसके लिए सरकार ने 1 अप्रैल से सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खोल कर खरीद शुरू की जा चुकी है.

बात खटीमा की करें तो खटीमा में कुल 33 गेहूं क्रय केंद्र हैं, जिसमें से 32 गेहूं क्रय केंद्र सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं और इन केंद्रों में अब तक 7 करोड़ से अधिक मूल्य का 36 हजार कुंतल गेहूं खरीदा जा चुका है.

जबकि, राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसी भी किसान को एक भी रुपया नहीं दिया गया है, जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द सरकार ने गेहूं खरीद का पैसा नहीं दिया तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे.

Intro:एंकर- खटीमा में सरकार पर किसानों का 7 करोड़ के लगभग गेहू का पेमेन्ट है बकाया। सरकार ने एक अप्रैल से अब तक 37 हजार कुंतल खरीदा खटीमा में किसानों का गेहू। गेहू का पेमेन्ट नही मिलने से किसान हो रहे है परेशान।

नोट-खबर एफटीपी में - kisano ko nahi mila gehu ka peyment - नाम के फोल्डर में है।


Body:वीओ- उत्तराखंड प्रदेश की सरकारी खरीद का 60 परसेंट से ज्यादा गेहूं उधम सिंह नगर जनपद से खरीदा जाता है। वहीं जनपद के खटीमा में जिले की कुल सरकारी खरीद का 35 से 40 प्रतिशत गेहूं की खरीद की जाती है। 1 अप्रैल से राज्य सरकार द्वारा सरकारी गेहू क्रय केंद्र खोल कर गेहूं की खरीद शुरू की जा चुकी है। बात खटीमा की करें तो खटीमा में कुल 33 गेहूं क्रय केंद्र है। जिसमें से 32 गेहू क्रय केंद्र सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। 32 गेहूं क्रय केंद्रों में अब तक राज्य सरकार द्वारा सात करोड़ से अधिक कीमत का 37 हजार कुंटल से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है।
सात करोड़ का गेहू खरीदने के बाद राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसी भी किसान को एक भी रुपया नही दिया गया है। जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द सरकार ने गेहू खरीद का पैसा नही दिया तो उनके आगे भूममरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।

बाइट- प्रकाश तिवारी किसान

बाइट- शोभित अग्रवाल एडीओ सहकारिता


Conclusion:
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