खटीमा: उत्तराखंड के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर जहां गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान भुखमरी की कगार पर है, तो वहीं अब किसानों का गेहूं भुगतान का मामला भी लटक गया है. ऐसे में भुगतान न होने से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया है.
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उत्तराखंड प्रदेश में गेहूं की खरीद का 60 फीसदी से ज्यादा गेहूं उधम सिंह नगर जनपद जिले से खरीदा जाता है. वहीं, खटीमा से कुल सरकारी खरीद का 35 से 40 फीसदी खरीद की जाती है. जिसके लिए सरकार ने 1 अप्रैल से सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खोल कर खरीद शुरू की जा चुकी है.
बात खटीमा की करें तो खटीमा में कुल 33 गेहूं क्रय केंद्र हैं, जिसमें से 32 गेहूं क्रय केंद्र सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं और इन केंद्रों में अब तक 7 करोड़ से अधिक मूल्य का 36 हजार कुंतल गेहूं खरीदा जा चुका है.
जबकि, राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसी भी किसान को एक भी रुपया नहीं दिया गया है, जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द सरकार ने गेहूं खरीद का पैसा नहीं दिया तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे.