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सावधान! प्लास्टिक के बर्तनों का करते हैं प्रयोग तो जरूर पढ़े ये खबर - Uttarakhand News

अगर आप प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाइये. अकसर लोग प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करते दिखाई देते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माना जाता है.

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Published : Jul 21, 2019, 3:32 PM IST

उधम सिंह नगर: प्लास्टिक के वस्तुओं का उपयोग लोगों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई बीमारियों को भी न्योता देता है. कई बार विशेषज्ञ इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दे चुके हैं.

प्लास्टिक के बर्तन बीमारियों को दे रहे न्योता.

अगर आप प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाइये. अकसर लोग प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करते दिखाई देते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माना जाता है. पंतनगर के केमस्ट्री विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लास्टिक से बने वस्तुओं में न ही गर्म खाना परोसा जा सकता है और न ही ठंडा. गर्म खाना और ठंडा पानी रखने से प्लास्टिक में मिलाए गए कैमिकल धीरे धीरे पानी और खाने में मिल जाते हैं. जिस कारण भंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

पढ़ें-मंत्री जी की बैठक में मोबाइल पर गेम खेलने में मस्त दिखे अफसर, CM ने कही कार्रवाई की बात

वैसे तो प्लास्टिक से बनी सभी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं. लेकिन रंगीन प्लास्टिक सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. क्योंकि प्लास्टिक को रंगीन बनाने के लिए केमिकल कास्टिंग का प्रयोग होता है, जो कि गर्म, ठंडे पानी और भोजन में मिल कर मानव शरीर में मिलता है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग करने से लीवर की बीमारी, बच्चों में चीड़-चिड़ापन, आंखें कमजोर होना जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.

उधम सिंह नगर: प्लास्टिक के वस्तुओं का उपयोग लोगों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई बीमारियों को भी न्योता देता है. कई बार विशेषज्ञ इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दे चुके हैं.

प्लास्टिक के बर्तन बीमारियों को दे रहे न्योता.

अगर आप प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाइये. अकसर लोग प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करते दिखाई देते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माना जाता है. पंतनगर के केमस्ट्री विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लास्टिक से बने वस्तुओं में न ही गर्म खाना परोसा जा सकता है और न ही ठंडा. गर्म खाना और ठंडा पानी रखने से प्लास्टिक में मिलाए गए कैमिकल धीरे धीरे पानी और खाने में मिल जाते हैं. जिस कारण भंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

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वैसे तो प्लास्टिक से बनी सभी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं. लेकिन रंगीन प्लास्टिक सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. क्योंकि प्लास्टिक को रंगीन बनाने के लिए केमिकल कास्टिंग का प्रयोग होता है, जो कि गर्म, ठंडे पानी और भोजन में मिल कर मानव शरीर में मिलता है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग करने से लीवर की बीमारी, बच्चों में चीड़-चिड़ापन, आंखें कमजोर होना जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.

Intro:summry - प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग कितना खतरनाक हो सकते है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। लगातार इसके प्रयोग से आपको गम्भीर बीमारी हो सकती है। वैज्ञानिक भी इनके प्रयोग ना करने की सलाह दे रहे है।

एंकर - सस्ते वस्तुओं व आधुनिक की चकाचौंध ओर बदलते परिवेश में अब मनुष्य ने अपने आप को प्लास्टिक से बने पदार्थो से घेर लिया है। पानी से लेकर खाने की वस्तुओं को प्लास्टिक के बर्तनों में प्रयोग कर रहा है। क्या आपको पता है कि लगातार प्लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से आप बीमार हो सकते है। अगर आपका जवाब ना है तो देखिए हमारी खास खबर स्लो पॉइजन


Body:वीओ - अगर आप प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को लगातार प्रयोग में ला रहे है तो ये खबर आप के लिए है। अक्सर बाज़रो में लोग प्लास्टिक की बोतल में पानी खरीद कर पीते है। क्या आपको मालूम है कि प्लास्टिक में रखा पानी आप के लिए कितना घातक हो सकता है। यही हाल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो का है। दरशल पन्तनगर के कैमस्ट्री विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लास्टिक से बने वस्तुओं में ना ही गर्म खाना परोसा जा सकता है और ना ही ठंडा। गर्म खाना व ठंडा पानी रखने से प्लास्टिक में मिलाएं गए कैमिकल धीरे धीरे पानी और खाने में मिल जाते है। जिसकारण आपको गम्भीर बीमारी भी हो सकती है।


वीओ - वैसे तो प्लास्टिक से बनी सभी वस्तुए स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। लेकिन रंगीन प्लास्टिक सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। क्यो की प्लास्टिक को रंगीन बनाने के लिए कैमिकल कास्टिंग का प्रयोग होता है। जो कि गर्म और ठंडे पानी/भोजन में मिल कर मानव शरीर मे घुस रहा है। प्लास्टिक तीन प्रकार के होते है।

पोली प्रोपिलीन - अपारदर्शी प्लास्टिक
पॉलीथिन - इसके विभिन्न प्रकार पारदर्शी।
पीवीसी - पाइप।

किसी भी प्लास्टिक के निर्माण में विभिन्न पर प्रकार की विषाक्त पदार्थ ग्रेफाइट, चुना, सिलिका, टेल्क, टाइटेनियम ऑक्साइड कार्बनिक रंग, संश्लेषित ऑक्सीकारक एलाइन ओर विस्फीनाल ए कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। जो धीरे धीरे प्लास्टिक से छूट कर पानी व खाने में मिल कर हमारे शरीर तक पहुचता है। लम्बे समय तक प्लास्टिक के सेवन करने से गम्भीर बीमारी हो सकती है। प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग करने से लीवर की बीमारी, बच्चो में चीड़ चिड़ापन, आँखे कमजोर होना जैसी गम्भीर बीमारी हो सकती है।

बाइट - एमजीएच जैदी, प्रोफेसर रसायन विज्ञान।



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