रुद्रपुर: उत्तराखंड में सरकार और अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं. एक तरफ उधम सिंह नगर जिले के पूर्व कप्तान और इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के सेनानायक बरिंदरजीत सिंह अपने उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं और अपनी जान को खतरा बता रहे हैं. वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भी आईपीएस के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.
उधर, उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले आईपीएस अधिकारी बरिंदर जीत सिंह के खिलाफ उधम सिंह नगर जिले के विधायक मुखर हो चुके हैं. आज सत्ता पक्ष के दो विधायक राजकुमार ठुकराल और राजेश शुक्ला ने वर्तमान सेनानायक पर गंभीर आरोप लगाये हैं. रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल और किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि ये आईपीएस अनुशासनहीन और दिन प्रतिदिन अनुशासनहीनता कर रहे हैं. किच्छा विधायक और रुद्रपुर विधायक ने आईपीएस की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिए हैं.
किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने तो यह तक कह दिया कि उधम सिंह नगर जिले के कप्तान रहते हुए उनकी अपराधियों से गहरी साठ-गांठ थी. उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्यों बरिंदरजीत सिंह उधम सिंह नगर जिले में ही बने रहना चाहते हैं?
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वहीं, रुद्रपुर विधायक ठुकराल ने कहा कि जो खुद 1000 जवानों के सेनानायक हो और अत्याधुनिक हथियारों से लेस हो, उस अधिकारी को जान का खतरा ये बात हजम नहीं होती. उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नौकरी का ही एक हिस्सा है. जिन अधिकारियों पर सेनानायक द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं उनके ऊपर एक भी दाग अबतक नहीं लगा है. ऐसे में एक अधिकारी अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए और पद के लालच के कारण किसी पर कुछ भी आरोप लगा रहे हैं, जो बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने आईपीएस अधिकारी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अंतर्मन में झांककर देखना चाहिए और सरकार के फैसले को मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी और सरकार पर आरोप लगाना बहुत बड़ी अनुशासनहीनता है.