काशीपुर: कुंडा थाना क्षेत्र में बीते दिनों पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 30 लाख से अधिक की साइबर ठगी की गई. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि अभी तक मामले में मास्टरमाइंड समेत आधा दर्जन आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी का ये गिरोह बिहार के नवादा से संचालित हो रहा था.
बता दें कि बीती 18 सितंबर 2020 को सरवरखेड़ा के रहने वाले शशांक अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि मुकेश नामक एक व्यक्ति ने उन्हें फोन पर बताया कि उनका पेट्रोल पंप स्वीकृत हो गया है. मुकेश ने खुद को इंडियन ऑयल कार्पोरेशन का एक्जीक्यूटिव अधिकारी बताया था. जिसके बाद मुकेश ने शशांक से अपनी जमीन के कागज मेल करने के लिए कहा. जिस पर बीती 31 अगस्त को उन्होंने मुकेश द्वारा बताये गये मेल पर सारे कागजात मेल कर दिये.
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2 सितंबर को मुकेश ने सूचना दी की आपके जमीन के कागज सही हैं, इसलिए 25000 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करें. जिसके लिए उसने कोटक महिंद्रा बैंक का खाता नंबर देते हुए पैसे डालने को कहा. जिसके बाद शशांक ने बताये गये खाते में 25000 रुपये जमा करा दिये. रसीद भी उन्हें इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड के नाम से मिली. जिसके बाद मामले में शक की गुंजाइश नहीं बची थी. इसके बाद शशांक ने मुंबई के घाटकोपर स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा के दो अलग अलग बैंक खातों में पैसे जमा कराये.
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अब तक वह 30 लाख 85 हजार 998 रुपये जमा कर चुके थे. मगर कथित इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से उन्हें पेट्रोल पंप लगाने के लिए कोई सामग्री नहीं दी गई. जिसके बाद उन्होंने जानकारी जुटाई तो उनके होश उड़ गये. उन्हें पता चला कि जिस खाते में उन्होंने पैसे जमा किये, वह खाता किसी मुजाहिदुल इस्लाम नाम के व्यक्ति का है. जिसके बाद उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दी.
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आज मामले का खुलासा करते हुए एएसपी राजेश भट्ट ने बताया कि इस ठगी में बैंक खाते एवं मोबाइल के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची. बैंक खाता मुंबई से ऑपरेट हो रहा था. मगर मोबाइल की लोकेशन बिहार के नवादा निकली. जिसके बाद पुलिस ने खाताधारक मुजाहिदुल इस्लाम और बिट्टू कुमार को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया.
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एएसपी राजेश भट्ट ने बताया कि शशांक अग्रवाल के पिता ने गूगल पर पुराने बिक रहे पेट्रोल पंप की जानकारी सर्च की थी. आरोपी नेट पर ऐसे लोगों की फिराक रहते हैं. इन दोनों की गिरफ्तारी से जो जानकारी मिली उसके मुताबिक इस साइबर ठग गिरोह में चार से पांच लोग शामिल हैं. गिरोह का मास्टर माइंड नवादा बिहार का ही रहने वाला है जो कि अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है. इसके अलावा नवादा के ही धर्मवीर, रूपेश, कर्मवीर और बिट्टू कुमार भी अभी फरार हैं. एएसपी राजेश भट्ट ने बताया कि मास्टरमाइंड समेत सभी को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.