रुद्रपुरः किच्छा कोतवाली क्षेत्र से गोवंश स्क्वाड टीम और पुलिस ने प्रतिबंधित मांस के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि, एक आरोपी भागने में कामयाब रहा. आरोपियों के पास से 150 किलो प्रतिबंधित मांस बरामद किया गया है. आरोपी अपने घर से ही प्रतिबंधित मांस को काट कर सप्लाई कर रहे थे. वहीं, आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर किच्छा पुलिस और गोवंश स्क्वाड की टीम ने किच्छा के कुरैय्या गांव के मेहताब अली के घर पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान घर के अंदर से लगभग 150 किलोग्राम प्रतिबंधित मांस, एक इलेक्ट्रॉनिक तराजू, 5 धारदार छुरी, एक चापड़, 2 सूजे, एक कुल्हाड़ी व एक लकड़ी का गुटका बरामद हुआ. जिसे टीम ने अपने में कब्जे में लिया. साथ ही मौके से मेहताब को हिरासत में लिया.
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वहीं, रईस अहमद मौके से भागने लगा, जिसे टीम ने गली से गिरफ्तार किया. इसके अलावा एक आरोपी टीम को आता देख मौके से फरार होने में कामयाब रहा. आरोपियों के खिलाफ किच्छा कोतवाली में अभियोग पंजीकृत कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है.
कोतवाल चंद्र मोहन रावत ने बताया कि संयुक्त कार्रवाई में एक घर में छापेमारी कर प्रतिबंधित मांस के साथ दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. जबकि, एक मौका देख फरार होने में कामयाब रहा. आरोपियों को जेल भेज दिया है. फरार आरोपी की तलाश जारी है.
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प्याज खरीदने के नाम पर धोखाधड़ी: वहीं, रुद्रपुर के एक आढ़ती से लाखों रुपए की प्याज खरीदने के बाद बकाए रुपए नहीं देने पर पुलिस ने पुलिस ने चार नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के मलिक कालोनी निवासी आढ़ती से प्याज खरीदने के नाम पर 11.94 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पीड़ित आढ़ती ने कोतवाली पुलिस को तहरीर सौप कर न्याय की गुहार लगाई है. सौपी गई तहरीर में सतनाम सिंह ने बताया कि वह रुद्रपुर बगवाड़ा सब्जी मंडी में आढ़त की दुकान संचालित करता है.
21 मई 2020 को वह अपनी आढ़त में बैठे हुए थे. इसी बीच शिव कुमार नारंग और सुनील कुमार नारंग उसकी दुकान पर पहुंचे और कहा कि वह गोवर्धन इंटरप्राइजेज के स्वामी है. उन्होंने कहा कि उन्हें 12.69 लाख रुपये का प्याज खरीदना है. बातचीत होने के बाद उनके द्वारा 55 हजार रुपये उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए. जबकि बची हुई रकम 11.94 लाख रुपये का एग्रीमेंट बना दिया गया. उन्होंने आश्वासन दिया कि 15 जून 2020 तक वह सभी रकम दे देंगे. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई भी रकम नहीं दी. रुपए मांगने पर उसके साथ मारपीट की गई.