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खटीमा में बाघ के डर से घरों में दुबकने के मजबूर लोग, प्रशासन से कहीं और बसाने की मांग - खटीमा लेटेस्ट न्यूज

उधमसिंह नगर जिले के सीमांत इलाके खटीमा में इन दिनों बाघ की दस्तक से लोग डरे हुए हैं. झाऊपरसा और बगुलिया गांव में बाघ कई लोगों पर हमला कर चुका है. ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है.

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Published : May 16, 2023, 4:01 PM IST

खटीमा: कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिलता है. इस दिनों झाऊपरसा और बगुलिया गांव में भी बाघ की दस्तक से लोग डरे हुए हैं. गांव में हालत ये है कि बाघ के डर से शाम होते ही ग्रामीण घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ग्रामीण कई बार वन विभाग और प्रशासन से इलाके में पिंजरे लगाने की मांग कर चुके हैं, ताकि बाघ के आतंक से उन्हें निजात मिल सके. हालांकि प्रशासन ग्रामीणों की मांग पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है. आखिर में प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने मंगलवार 16 मई को उप जिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट का घेराव किया.

ग्रामीणों ने उप जिला अधिकारी को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि बाघ अभी तक कई लोगों पर हमला भी कर चुका है. कई बार तो बाघ गांव में भी देखा जा चुका है. बाघ के डर से लोग अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज रहे हैं. महिलाएं खेतों में मवेशियों के लिए चारा लेने नहीं जा पा रही हैं. सभी लोग बाघ के डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
पढ़ें- फयाटनौला का आदमखोर गुलदार पिंजरे में कैद, गांव के युवक को बनाया था निवाला

ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव झाऊपरसा और बगुलिया नेपाल बॉर्डर से लगे सुरई जंगल के बीचों बीच बसा है. इसीलिए वहां अक्सर जंगली जानवरों का डर बना रहता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कई और बसाया जाए. वहीं ग्रामीणों की तरफ से दिए ज्ञापन पर उप जिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों को बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही शासन से वार्ता कर उन्हें कई और बसाने की कार्रवाई की जाएगी.

खटीमा: कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिलता है. इस दिनों झाऊपरसा और बगुलिया गांव में भी बाघ की दस्तक से लोग डरे हुए हैं. गांव में हालत ये है कि बाघ के डर से शाम होते ही ग्रामीण घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ग्रामीण कई बार वन विभाग और प्रशासन से इलाके में पिंजरे लगाने की मांग कर चुके हैं, ताकि बाघ के आतंक से उन्हें निजात मिल सके. हालांकि प्रशासन ग्रामीणों की मांग पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है. आखिर में प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने मंगलवार 16 मई को उप जिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट का घेराव किया.

ग्रामीणों ने उप जिला अधिकारी को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि बाघ अभी तक कई लोगों पर हमला भी कर चुका है. कई बार तो बाघ गांव में भी देखा जा चुका है. बाघ के डर से लोग अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज रहे हैं. महिलाएं खेतों में मवेशियों के लिए चारा लेने नहीं जा पा रही हैं. सभी लोग बाघ के डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव झाऊपरसा और बगुलिया नेपाल बॉर्डर से लगे सुरई जंगल के बीचों बीच बसा है. इसीलिए वहां अक्सर जंगली जानवरों का डर बना रहता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कई और बसाया जाए. वहीं ग्रामीणों की तरफ से दिए ज्ञापन पर उप जिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों को बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही शासन से वार्ता कर उन्हें कई और बसाने की कार्रवाई की जाएगी.

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