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सर्दी के दस्तक देते ही वन विभाग हुआ सतर्क, शिकारियों पर अंकुश लगाने शुरू की GPS गश्त - खटीमा हिंदी समाचार

अक्टूबर के महीने से मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही वन क्षेत्रों में शिकारियों की बढ़ने वाली गतिविधियों के मद्देनजर विभाग ने वन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है.

जीपीएस गश्त
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Published : Oct 9, 2019, 8:05 AM IST

Updated : Oct 9, 2019, 10:11 AM IST

खटीमा: मौसम में परिवर्तन के साथ ही सर्दी ने दस्तक दे दी है. इस मौसम में भारत-नेपाल और यूपी सीमा से सटे वन क्षेत्रों में वन्य जीव शिकारी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में इन शिकारियों की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए वन कर्मियों ने इन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है.

शिकारियों पर अंकुश लगाने वन विभाग सतर्क.
अक्टूबर के महीने से मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही जाड़े का मौसम शुरू हो जाता है. इस दौरान वन क्षेत्रों में शिकारियों की बढ़ने वाली गतिविधियों को लेकर वन विभाग सतर्क है. वन कर्मियों ने वन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है. ऐसे में खटीमा के उप वन प्रभाग की सुरई वन रेंज के सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी के नेतृत्व में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: यहां दशहरे के एक दिन बाद होता है रावण का दहन, जानिए वजह ?

वहीं सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी ने बताया कि, अक्टूबर के महीने से मौसम में परिवर्तन होने लगता है, वहीं कोहरे का सीजन भी शुरू होने लगता है, जिसके चलते शिकारियों को वन्य जीवों का शिकार करने में काफी आसानी होती है. इसलिए शिकारियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए जंगल में जीपीएस गश्त अभी से शुरू कर दी है.

खटीमा: मौसम में परिवर्तन के साथ ही सर्दी ने दस्तक दे दी है. इस मौसम में भारत-नेपाल और यूपी सीमा से सटे वन क्षेत्रों में वन्य जीव शिकारी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में इन शिकारियों की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए वन कर्मियों ने इन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है.

शिकारियों पर अंकुश लगाने वन विभाग सतर्क.
अक्टूबर के महीने से मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही जाड़े का मौसम शुरू हो जाता है. इस दौरान वन क्षेत्रों में शिकारियों की बढ़ने वाली गतिविधियों को लेकर वन विभाग सतर्क है. वन कर्मियों ने वन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है. ऐसे में खटीमा के उप वन प्रभाग की सुरई वन रेंज के सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी के नेतृत्व में जीपीएस गश्त शुरू कर दी है.

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वहीं सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी ने बताया कि, अक्टूबर के महीने से मौसम में परिवर्तन होने लगता है, वहीं कोहरे का सीजन भी शुरू होने लगता है, जिसके चलते शिकारियों को वन्य जीवों का शिकार करने में काफी आसानी होती है. इसलिए शिकारियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए जंगल में जीपीएस गश्त अभी से शुरू कर दी है.

Intro:summary- मौसम परिवर्तन के कारण जाड़े का मौसम शुरू होते ही सुबह और शाम होने वाले कोहरे के चलते 1 क्षेत्रों में बढ़ने वाली शिकारियों की गतिविधियों के मद्देनजर वन कर्मियों ने जीपीएस गस्त की शुरू।

नोट- खबर एफटीपी में - van vivah ki gps gasht- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- जाड़े का मौसम शुरू होते ही भारत - नेपाल और यूपी सीमा से सटे वन क्षेत्रों में वन्य जीव शिकारियों की गतिविधियों के बढ़ने की आशंका के चलते वन कर्मियों ने नेपाल और यूपी सीमा से सटे वन क्षेत्रों में जीपीएस गस्त की शुरू।


Body:वीओ- अक्टूबर माह से मौसम परिवर्तन होने के साथ ही जाड़े का मौसम शुरू होते ही वन क्षेत्रों में शिकारियों की बढ़ने वाली गतिविधियों के मद्देनजर वन कर्मियों ने वन क्षेत्रों में जीपीएस गश्त चालू कर दी है। आज खटीमा उप वन प्रभाग की सुरई वन रेंज में सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी के नेतृत्व में वन कर्मियों ने जीपीएस गश्त की।
वही सहायक वन क्षेत्राधिकारी सतीश रेखाड़ी ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर माह से मौसम परिवर्तन के चलते जाड़े और कोहरे का सीजन शुरू हो जाता है। जिसके चलते शिकारियों को शिकार करने में काफी आसानी होती है। और शिकारी वन क्षेत्रों में शिकार के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा देती हैं। खटीमा उप वन प्रभाग की सीमाएं नेपाल और यूपी से लगी हुई है। जिस कारण शिकारी यहां वन्य जीवों का शिकार कर यूपी और नेपाल भाग जाते है। इस लिये शिकारियों की गतिविधियां काफी ज्यादा होती है। जिसको देखते हुए सुरई वन रेंज में हर माह आठ से बारह जीपीएस गश्ते की जा रही हैं। जीपीएस गश्त में वन कर्मियों द्वारा जंगल में की जाने वाली गश्त के पूरे रूट की जानकारी जीपीएस के द्वारा उच्चाधिकारियों को रहती है। साथ ही जीपीएस गस्त का पूरा नक्शा बनाकर उच्चाधिकारियों को दिया जाता है ताकि जंगल में शिकारियों की गतिविधियों पर वहा अंकुश लगाया जा सके।

बाइट- सतीश रेखाडी सहायक वन क्षेत्राधिकारी सुरई वन रेंज खटीमा


Conclusion:
Last Updated : Oct 9, 2019, 10:11 AM IST
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