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राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बंदरों का आतंक, फसलों को पहुंचा रहे नुकसान

राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में इन दिनों बंदरों का आतंक छाया हुआ है. सड़क किनारे बंदरो की टोलियां के कारण सड़क हादसे का डर बना हुआ है. पन्तनगर के आसपास बंदरों के आतंक से किसान परेशान है.

रुद्रपुर बंदरों का आतंक , rudrapur terror of monkeys
राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बंदरों का आतंक .
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Published : Nov 30, 2019, 3:53 PM IST

रुद्रपुर : जंगलों में पर्याप्त भोजन ना मिलने के चलते इन दिनों बंदरो ने राष्ट्रीय राजमार्गों को अपना अड्डा बनाया हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में इन दिनों बंदरों का आतंक छाया हुआ है. आलम ये है कि सड़क किनारे बंदरों की टोलियों के कारण सड़क हादसे का डर बना रहता है.

पन्तनगर के आसपास बंदरों के आतंक से किसान परेशान है. अब सड़क के बाद बंदर किसानों के खेतों में उगाई जा रही फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण किसानों को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ रहा है. जंगलों में पर्याप्त भोजन न मिलने और भोजन की तलाश में जगंल से सड़कों पर आने वाले इन बंदरों को अब वन विभाग पकड़ने की योजना बना रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बंदरों का आतंक.

यह भी पढ़ें-दरिंदगी की हदः तेलंगाना में डॉक्टर से गैंगरेप व हत्या के बाद एक और महिला का जला हुआ शव बरामद

वहीं, तराई केंद्रीय प्रभाग के डीएफओ ने बताया कि नगरीय ओर अर्धनगरीय क्षेत्रों में बन्दर पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. वन विभाग द्वारा उनका सहयोग किया जाता है. बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजड़े भी लगाए जाते हैं. जिन्हें पकड़ कर रानीबाग भेजा जाता है. पकड़े गए बंदरों की नशबंदी भी कराई जाती है. साथ ही वन महकमा बंदरों को जंगल को खदेड़ने का भी प्रयास करता रहता है.

रुद्रपुर : जंगलों में पर्याप्त भोजन ना मिलने के चलते इन दिनों बंदरो ने राष्ट्रीय राजमार्गों को अपना अड्डा बनाया हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में इन दिनों बंदरों का आतंक छाया हुआ है. आलम ये है कि सड़क किनारे बंदरों की टोलियों के कारण सड़क हादसे का डर बना रहता है.

पन्तनगर के आसपास बंदरों के आतंक से किसान परेशान है. अब सड़क के बाद बंदर किसानों के खेतों में उगाई जा रही फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण किसानों को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ रहा है. जंगलों में पर्याप्त भोजन न मिलने और भोजन की तलाश में जगंल से सड़कों पर आने वाले इन बंदरों को अब वन विभाग पकड़ने की योजना बना रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बंदरों का आतंक.

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वहीं, तराई केंद्रीय प्रभाग के डीएफओ ने बताया कि नगरीय ओर अर्धनगरीय क्षेत्रों में बन्दर पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. वन विभाग द्वारा उनका सहयोग किया जाता है. बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजड़े भी लगाए जाते हैं. जिन्हें पकड़ कर रानीबाग भेजा जाता है. पकड़े गए बंदरों की नशबंदी भी कराई जाती है. साथ ही वन महकमा बंदरों को जंगल को खदेड़ने का भी प्रयास करता रहता है.

Intro:Summry - जंगलों में पर्याप्त भोजन ना मिलने के चलते इन दिनों बंदरो द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों को अपना अड्डा बनाया हुआ है। आलम ये है कि बंदरो के झुंड के कारण सड़क हादसों की संभावना भी बढ़ गयी है। यही नही अब बंदर किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुचाने लगे है। लेकिन वन विभाग हाथ पर हाथ धरा बैठा है।

एंकर - राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में इन दिनों बंदरो का आतंक छाया हुआ है। आलम ये है कि सड़क किनारे बंदरो की टोलियां के कारण सड़क हादसे का डर बना हुआ है। यही नही किसानों द्वारा लगाई गई फसलों को नुकसान पहुचा रहे है। इस सब के बावजूद वन महकमा उत्पाती बंदरो से निपटने पर नाकाम साबित हो रहा है।

Body:वीओ - नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर इन दिनों बंदरों के आंतक के कारण वाहन चालकों को और बंदरों दोनों को ही दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़क में चहल कदमी के कारण सड़क हादसों का भी डर बना हुआ है। आलम ये है कि अब सड़क के बाद बन्दर किसानों के खेतों में उगाई जा रही फसलों को भी नुकसान पहुचा रहे है। जिसकारण किसानों को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ रहा है। पन्तनगर के आसपास बंदरो के आतंक से किसान परेशान है। उतपाती बंदरो से निपटने के लिए वन महकमा नाकाम साबित हो रहा है। जंगलों में पर्याप्त भोज ना मिलने और भोजन की तलाश में जगंल से सड़कों पर आने वाले इन बंदरों को अब वन विभाग पकड़ने की योजना बना रहा है। ऐसे बंदरो से निपटने के लिए वन विभाग पिंजरे लगा कर कैद करने और फिर उत्पाती बंदरो को हल्द्वानी रानीबाग स्थित बन्दर बाड़े में कैद करने की बात कह रहा है।
वही तराई केंद्रीय प्रभाग के डीएफओ ने बताया कि नगरीय ओर अर्धनगरिय क्षेत्रों में बन्दर पकड़ने की जिमेदारी नगर निगम की है वन विभाग द्वारा उनका सहयोग किया जाता है। उत्पाती बंदरो को पकड़ने के लिए पिजड़े भी लगाए जाते है। जिन्हें पकड़ कर रानीबाग भेजा जाता है। पकड़े गए बंदरो की नशबंदी भी कराई जाती है। साथ ही वन महकमा बंदरो को जंगल को खदेड़ने का भी प्रयास करता रहता है।


बाइट - आर.के सिंह,डीएफओ,तारई केंद्रीय वन प्रभाग
Conclusion:
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