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नई खनन नीति के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर स्टोन क्रशर संचालक, राज्य सरकार को घेरा - Stone Crusher

राज्य सरकार की नई खनन नीति के विरोध में स्टोन क्रशर संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है. स्टोन क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन का आरोप है कि शासन द्वारा बनाई गई जांच टीम हाई कोर्ट के नाम पर भारी भरकम जुर्माना लगाकर उन्हें बेवजह परेशान कर रही है.

Haridwar Hindi News
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Published : Mar 1, 2020, 1:02 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:13 PM IST

हरिद्वार/बाजपुर: प्रदेश के स्टोन क्रशर संचालकों ने शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. ऐसे में हरिद्वार में भी हरिद्वार स्टोन क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन ने भी सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, नई खनन नीति के मुद्दे पर विपक्ष भी सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है.

हरिद्वार स्टोन क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष भैरव ने कहा कि शासन द्वारा बनाई गई जांच टीम हाई कोर्ट के नाम पर भारी भरकम जुर्माना लगाकर उन्हें बेवजह परेशान कर रही है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि प्रशासन की टीम ने खनन के काम से मिलने वाले राजस्व के टारगेट को पूरा करने के लिए उनके साथ ऐसा कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गलत रिपोर्ट पेश कर सच्चाई से भ्रमित किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, तब तक सभी स्टोन क्रशर संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

पढ़ेंः गौला नदी में दोबारा खनन की मिली अनुमति, राजस्व और रोजगार में मिलेगा फायदा

सरकार को घेर रहा विपक्ष

एक ओर जहां खनन नीति में हो रहे बार-बार बदलाव के विरोध में स्टोन क्रशर यूनियन की हड़ताल पर चली गई है, जिससे खनन से जुड़े श्रमिकों व आम लोगों पर भी हड़ताल का असर पड़ने लगा है. उधर, बाजपुर में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर एसडीएम कोर्ट पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित किया.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रशासन व शासन के उत्पीड़न से तंग आकर स्टोन क्रशर संचालक हड़ताल पर चले गये हैं. इस कारण हजारों श्रमिक, खनन से जुड़े ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों को खासी परेशानी हो रही है. प्रदेश कांग्रेस सचिव सुरजीत अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान लोगों की रोजी-रोटी देने की ओर बिलकुल नहीं है, बल्कि रोजी रोटी छीनने की ओर है.

हरिद्वार/बाजपुर: प्रदेश के स्टोन क्रशर संचालकों ने शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. ऐसे में हरिद्वार में भी हरिद्वार स्टोन क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन ने भी सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, नई खनन नीति के मुद्दे पर विपक्ष भी सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है.

हरिद्वार स्टोन क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष भैरव ने कहा कि शासन द्वारा बनाई गई जांच टीम हाई कोर्ट के नाम पर भारी भरकम जुर्माना लगाकर उन्हें बेवजह परेशान कर रही है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि प्रशासन की टीम ने खनन के काम से मिलने वाले राजस्व के टारगेट को पूरा करने के लिए उनके साथ ऐसा कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गलत रिपोर्ट पेश कर सच्चाई से भ्रमित किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, तब तक सभी स्टोन क्रशर संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

पढ़ेंः गौला नदी में दोबारा खनन की मिली अनुमति, राजस्व और रोजगार में मिलेगा फायदा

सरकार को घेर रहा विपक्ष

एक ओर जहां खनन नीति में हो रहे बार-बार बदलाव के विरोध में स्टोन क्रशर यूनियन की हड़ताल पर चली गई है, जिससे खनन से जुड़े श्रमिकों व आम लोगों पर भी हड़ताल का असर पड़ने लगा है. उधर, बाजपुर में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर एसडीएम कोर्ट पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित किया.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रशासन व शासन के उत्पीड़न से तंग आकर स्टोन क्रशर संचालक हड़ताल पर चले गये हैं. इस कारण हजारों श्रमिक, खनन से जुड़े ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों को खासी परेशानी हो रही है. प्रदेश कांग्रेस सचिव सुरजीत अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान लोगों की रोजी-रोटी देने की ओर बिलकुल नहीं है, बल्कि रोजी रोटी छीनने की ओर है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:13 PM IST
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