खटीमा: सितारगंज नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने सभासदों के साथ जिले के अपर जिलाधिकारी जगदीश चंद्र कांडपाल के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. पालिका अध्यक्ष ने अपर जिलाधिकारी पर आरोप लगाया है कि वह राजनीतिक कारणों के चलते नगर पालिका के विकास कार्यों पर अड़ंगा लगा रहे हैं.
सितारगंज नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने कहा कि नगर पालिका बोर्ड द्वारा 233 सड़कों को बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें 123 सड़कें अधर में लटकी हैं. क्योंकि, ठेकादारों द्वारा बनाई गई सड़कों का पेमेंट अपर जिलाधिकारी जगदीश चंद्र कांडपाल द्वारा जांच के नाम पर रोक दिया गया है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा, 1,500 करोड़ रुपए की हुई खरीद
वहीं, राजीव आवास व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लाभार्थियों ने अपने मकान कर्जा लेकर बना लिए हैं. उनका भी पैसा जगदीश चंद्र कांडपाल द्वारा रुकवा दिया गया है. जिसके चलते आज मजबूरन उन्हें सभासदों के साथ सितारगंज नगर पालिका के बारात घर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा हैं. जबकि, अपर जिलाधिकारी जगदीश चंद्र कांडपाल साढ़े तीन साल से उधम सिंह नगर जनपद में तैनात हैं. पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मांग है कि अपर जिलाधिकारी को जिले से हटाया जाए ताकि सितारगंज नगर पालिका में विकास कार्य फिर से शुरू हो सके.
व्यापार मंडल ने फूंका पुतला
वहीं, विभिन्न मांगों को लेकर पालिका चेयरमैन हरीश दुबे दूसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे. इस दौरान व्यापारियों ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए एसडीएम का पुतला फूंका. व्यापारियों का कहना है कि एसडीएम पद का दुरुपयोग कर विकास कार्यों को रोक रहे हैं और जांच के नाम पर व्याापरियों का उत्पीड़न कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि एडीएम पिछले 4 वर्षों से जिले में तैनात हैं, ऐसे में उनका ट्रांसफर जिले से बाहर किया जाए.