पंतनगर: सीमैप में किसानों के लिये दो दिवसीय गोष्ठी आयोजित की गई. लखनऊ से आए वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती के गुर सिखाए. पहले सीमैप में किसान मेला लगता था. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे गोष्ठी का रूप दिया गया.
दो दिन तक चलने वाली गोष्ठी में 100 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया. लखनऊ से आये वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किसानों को औषधीय खेती व गुलाब जल बनाने के गुर भी सिखाये गए. वैज्ञानिकों ने किसानों को पारम्परिक खेती के साथ साथ एरोमेटिक ओर औषधीय खेती कर आमदनी बढ़ाने के बारे में भी बताया गया.
हर साल होने वाले कृषि मेले को स्थगित करते हुए इस वर्ष केंद्रीय औषधि केंद्र सीमैप पन्तनगर में किसानों के लिए दो दिवशीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सीमैप के तमाम वैज्ञानिक मौजूद रहे. कार्यशाला में किसानों को पारम्परिक खेती के साथ ही कमर्शियल खेती करने और औषधीय पौधों का उत्पादन कर आमदनी बढ़ाने को लेकर जागरूक किया गया.
सीमैप के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार त्रिवेदी, वैज्ञानिक डॉ. वीआर सिंह, डॉ. सौदान सिंह, सीमैप प्रभारी आरसी प्लेडिया द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया गया. गोष्ठी में 100 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया. इस दौरान वैज्ञानिकों ने औषधीय पौधों की खेती सहित गुलाब जल बनाने के गुर भी सिखाये.
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सीमैप के डारेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसान मेले का आयोजन नहीं किया गया है. इसी एवज में दो दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन 8 फरवरी ओर 9 फरवरी तक किया गया है. गोष्ठी में किसानों के लिए गुणवत्ता युक्त औषधीय पौधे, बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के गुर सिखाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पारम्परिक खेती के साथ साथ किसानों को औषधीय खेती के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.