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अपना सपना साकर नहीं होने पर इस शख्स ने खोल दी क्रिकेट एकेडमी, अब संवार रहे युवाओं का भविष्य

आज खेल दिवस है. खेल दिवस के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए दूसरे के सपनों को पूरा करने की ठान ली और फिर खुद की करोड़ों की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बना दिया.

हाइलैंडर एकेडमी
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Published : Aug 29, 2019, 2:27 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 2:39 PM IST

काशीपुरः लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए हर तरह से जंग लड़ते हैं, मगर काशीपुर में तो इसके उलट ही हुआ है. एक क्रिकेटर के सपने पूरे नहीं हुए तो उसने इस कसक को दूर करने के लिए दूसरे के सपनों को पूरा करने की ठान ली और फिर खुद की करोड़ों की जमीन पर शानदार स्टेडियम बना दिया.

इस एकेडमी में ऑस्ट्रेलिया के ऑल राउंडर क्रेग मैथ्यूज भी आ चुके हैं. जिन्होंने इस मैदान की पिच की तुलना ऑस्ट्रेलिया की पिच से की थी. यही नहीं बीसीसीआई ने इस मैदान पर अंडर 19 कूच बिहार ट्रॉफी के साथ-साथ कई अन्य ट्रॉफी के मैच भी करवाए हैं.

काशीपुर में रामनगर रोड स्थित संजय ठाकुर की हाइलैंडर एकेडमी जहां रोजाना क्रिकेट प्रतिभाएं संजय के सपनों के मैदान पर उड़ान भर रही हैं. यह मैदान 78 गज यार्ड का है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा है. रणजी ट्रॉफी के लिए मैदान में दर्शकों को बैठने की क्षमता 1000 तक होनी चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम 45000. संजय ठाकुर की मानें तो इस मैदान पर आने वाले समय में 1000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी.

हाइलैंडर एकेडमी में तराशी जा रहीं हैं प्रतिभाएं.

संजय के मुताबिक बीसीसीआई ने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए तीन मैच खेलने के लिए इस मैदान का चयन किया जोकि उनके लिए एक सौभाग्य की बात है. संजय ठाकुर वर्ष 1990 से 1995 तक चार बार अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट नॉर्थ जोन व दो बार सीके नायडू ट्रॉफी के लिए मैच खेल चुके हैं.

उनके मुताबिक वह भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन उस समय छोटा शहर होने से उन्हें पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाईं, जिससे उनका सपना पूरा नहीं हो सका.

यह भी पढ़ेंः राष्ट्रीय खेल दिवस: पूरी दुनिया में चमक बिखेर रहे उत्तराखंड के खिलाड़ी, कई खिताबों पर जमाया है कब्जा

संजय के इस हाइलैंडर एकेडमी क्रिकेट के मैदान में ड्रेसिंग रूम, मैच रेफरी, अंपायर, ऑनलाइन स्कोरर, कैमरा टॉवर, 15 टर्फ पिच, घास काटने की दो अमेरिकन मशीनें और मैदान में सिलेक्शन वन व बरमूडा घास है. यहां हर तरह की पिच है जो खिलाड़ी को उच्च स्तर का बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडर बनाने में सहायक साबित हो सकती है. आर्यन जुयाल और एकता बिष्ट जैसे खिलाड़ी भी यहां प्रैक्टिस करने आते हैं.

अब जब उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई द्वारा मान्यता मिल चुकी है और प्रदेश के स्टेडियमों के जो नाम बीसीसीआई को मैचों के आयोजन के लिए गए हैं, उसमें एक नाम हाइलैंडर क्रिकेट एकेडमी का भी है. जल्द ही यहां रणजी ट्रॉफी के मैच देखने को मिलेंगे.

काशीपुरः लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए हर तरह से जंग लड़ते हैं, मगर काशीपुर में तो इसके उलट ही हुआ है. एक क्रिकेटर के सपने पूरे नहीं हुए तो उसने इस कसक को दूर करने के लिए दूसरे के सपनों को पूरा करने की ठान ली और फिर खुद की करोड़ों की जमीन पर शानदार स्टेडियम बना दिया.

इस एकेडमी में ऑस्ट्रेलिया के ऑल राउंडर क्रेग मैथ्यूज भी आ चुके हैं. जिन्होंने इस मैदान की पिच की तुलना ऑस्ट्रेलिया की पिच से की थी. यही नहीं बीसीसीआई ने इस मैदान पर अंडर 19 कूच बिहार ट्रॉफी के साथ-साथ कई अन्य ट्रॉफी के मैच भी करवाए हैं.

काशीपुर में रामनगर रोड स्थित संजय ठाकुर की हाइलैंडर एकेडमी जहां रोजाना क्रिकेट प्रतिभाएं संजय के सपनों के मैदान पर उड़ान भर रही हैं. यह मैदान 78 गज यार्ड का है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा है. रणजी ट्रॉफी के लिए मैदान में दर्शकों को बैठने की क्षमता 1000 तक होनी चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम 45000. संजय ठाकुर की मानें तो इस मैदान पर आने वाले समय में 1000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी.

हाइलैंडर एकेडमी में तराशी जा रहीं हैं प्रतिभाएं.

संजय के मुताबिक बीसीसीआई ने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए तीन मैच खेलने के लिए इस मैदान का चयन किया जोकि उनके लिए एक सौभाग्य की बात है. संजय ठाकुर वर्ष 1990 से 1995 तक चार बार अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट नॉर्थ जोन व दो बार सीके नायडू ट्रॉफी के लिए मैच खेल चुके हैं.

उनके मुताबिक वह भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन उस समय छोटा शहर होने से उन्हें पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाईं, जिससे उनका सपना पूरा नहीं हो सका.

यह भी पढ़ेंः राष्ट्रीय खेल दिवस: पूरी दुनिया में चमक बिखेर रहे उत्तराखंड के खिलाड़ी, कई खिताबों पर जमाया है कब्जा

संजय के इस हाइलैंडर एकेडमी क्रिकेट के मैदान में ड्रेसिंग रूम, मैच रेफरी, अंपायर, ऑनलाइन स्कोरर, कैमरा टॉवर, 15 टर्फ पिच, घास काटने की दो अमेरिकन मशीनें और मैदान में सिलेक्शन वन व बरमूडा घास है. यहां हर तरह की पिच है जो खिलाड़ी को उच्च स्तर का बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडर बनाने में सहायक साबित हो सकती है. आर्यन जुयाल और एकता बिष्ट जैसे खिलाड़ी भी यहां प्रैक्टिस करने आते हैं.

अब जब उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई द्वारा मान्यता मिल चुकी है और प्रदेश के स्टेडियमों के जो नाम बीसीसीआई को मैचों के आयोजन के लिए गए हैं, उसमें एक नाम हाइलैंडर क्रिकेट एकेडमी का भी है. जल्द ही यहां रणजी ट्रॉफी के मैच देखने को मिलेंगे.

Intro:summary- आज खेल दिवस है ! खेल दिवस के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जिसने अपने अधूरे सपनो को पूरा करने के लिए दूसरे के सपनों को पूरा करने की ठान ली और फिर खुद के करोड़ों की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम यानी क्रिकेट मैदान बना दिया।

एंकर- लोग अपने सपने को पूरा करने में हर तरह से जंग लड़ते हैं मगर काशीपुर में तो इसके उलट ही हुआ है। एक क्रिकेटर के सपने पूरे नहीं हुए तो उसने इस कसक को दूर करने के लिए दूसरे के सपनों को पूरा करने की ठान ली और फिर खुद की करोड़ों की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम यानी क्रिकेट मैदान बना दिया। इस एकेडमी में ऑस्ट्रेलिया के ऑल राउंडर क्रेग मैथ्यूज भी आ चुके हैं जिन्होंने इस मैदान की पिच की तुलना ऑस्ट्रेलिया की पिच से की थी। यही नहीं बीसीसीआई ने इस मैदान पर अंडर 19 कूच बिहार ट्रॉफी के साथ साथ कई अन्य ट्रॉफी ओके मैच ही करवाए हैं। जोकि प्रदेश की सरकार के लिए का आईना है। पेश है काशीपुर से एक रिपोर्ट-
Body:वीओ- यह है काशीपुर में रामनगर रोड स्थित अपने जमाने के काशीपुर के क्रिकेटर संजय ठाकुर की हाइलैंडर अकैडमी जहां रोजाना क्रिकेट प्रतिभाएं संजय के सपनों के मैदान पर उड़ान भर रही हैं।
वीओ- रामनगर रोड स्थित ग्राम धनौरी पट्टी में कुमाऊ का हाइलैंडर स्पोर्ट्स एकेडमी के खूबसूरत हरे भरे मैदान को जो भी क्रिकेट खिलाड़ी कोच देखता है तो उसे निहारने के लिए खुद-ब-खुद रुक जाता है यह मैदान 78 गज यार्ड का है जो अंतरराष्ट्रीय मानक पर खरा है। रणजी ट्रॉफी के लिए मैदान में दर्शकों को बैठने की क्षमता 1000 तक होनी चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम 45000 लोगों को बैठने की क्षमता होनी चाहिए संजय ठाकुर की अगर माने तो इस मैदान पर आने वाले समय में 1000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी। संजय के मुताबिक बीसीसीआई ने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए तीन मैच खेलने के लिए इस मैदान का चयन किया जो कि उनके लिए एक सौभाग्यशाली बात है। संजय ठाकुर वर्ष 1990 से 1995 तक चार बार अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट नॉर्थ जोन वह दो बार सी के नायडू मैच खेल चुके हैं उनके मुताबिक वह भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन उस समय छोटा शहर होने से उन्हें पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाई जिससे उनका सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में इसका सब को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
वीओ- संजय के इस हाइलैंडर अकैडमी क्रिकेट के मैदान में ड्रेसिंग रूम, मैच रेफरी, अंपायर, ऑनलाइन स्कोरर, कैमरा टावर, 15 टर्फ पिच, घास काटने की दो अमेरिकन मशीनें और मैदान में सिलेक्शन वन व बरमूडा घास है। हर तरह का पिच है जो खिलाड़ी को उच्च स्तर के बल्लेबाज गेंदबाज और ऑलराउंडर बनने में सहायक साबित हो सकता है। आर्यन जुयाल और एकता बिष्ट जैसे खिलाड़ी भी यहां प्रैक्टिस करने आते हैं।
बाइट- संजय ठाकुर, एकेडमी संचालक
बाइट- आर्यन चौधरी,प्रशिक्षणार्थी
बाइट- सुनीता, प्रशिक्षणार्थीConclusion:एफवीओ- अब जबकि उत्तराखंड प्रदेश को बीसीसीआई के द्वारा मान्यता मिल चुकी है और प्रदेश के स्टेडियमों के जो नाम बीसीसीआई को मैचों के आयोजन के लिए गए हैं उसमें एक नाम हाइलैंडर क्रिकेट एकेडमी का भी है। जल्द ही यहां रणजी ट्रॉफी के मैच देखने को मिलेंगे और स्थानीय खिलाड़ी और स्थानीय लोगों को अपने देश के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के खेल को पास से देखने का मौका मिलेगा तो वही संजय के सपनों के साकार होने का अब लगता है कि समय आ गया है।
Last Updated : Aug 29, 2019, 2:39 PM IST
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