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बैराज से पानी छोड़ने से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में देर रात से हो रही बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं  ढेला नदी में ढेला बैराज से छोड़े गए 2500 क्यूसेक पानी से ढेला नदी भी उफना गई है. जिसके चलते आसपास की बस्तियों में रहने वाले लोगों को बाढ़ का खतरा डरा रहा है.

ढेला बैराज से छोड़ा गया 2500 क्यूसेक पानी बाढ़ का खतरा बढ़ा.
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Published : Aug 19, 2019, 8:15 AM IST

काशीपुर: उत्तराखंड में मौसम विभाग की भविष्यवाणी लगातार सही साबित हो रही है. पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और बादल फटने की घटनाए लगातार हो रही हैं. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं सिंचाई विभाग द्वारा ढेला बैराज से पानी छोड़ने से ढेला नदी उफान पर बह रही है. जिसके चलते नदी के आसपास रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.

ढेला नदी के उफान से बाढ़ का खतरा.

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में देर रात से हो रही बारिश ने जहां सिंचाई विभाग को ढेला बैराज से पानी छोड़ने को मजबूर कर दिया है. वहीं काशीपुर में जलभराव होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बीते दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से नगर की रतन सिनेमा रोड, मुख्य बाजार, जीजीआईसी स्कूल, महाराणा प्रताप चौक, स्टेशन रोड और जसपुर बस स्टैंड में भारी जलभराव हो गया है. जिसके चलते दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

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सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक शर्मा ने बताया कि ढेला बैराज के सभी 13 गेट खोले गए हैं. जिनसे 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. साथ ही जसपुर केपी बैराज से भी 4500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

काशीपुर: उत्तराखंड में मौसम विभाग की भविष्यवाणी लगातार सही साबित हो रही है. पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और बादल फटने की घटनाए लगातार हो रही हैं. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं सिंचाई विभाग द्वारा ढेला बैराज से पानी छोड़ने से ढेला नदी उफान पर बह रही है. जिसके चलते नदी के आसपास रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.

ढेला नदी के उफान से बाढ़ का खतरा.

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में देर रात से हो रही बारिश ने जहां सिंचाई विभाग को ढेला बैराज से पानी छोड़ने को मजबूर कर दिया है. वहीं काशीपुर में जलभराव होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बीते दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से नगर की रतन सिनेमा रोड, मुख्य बाजार, जीजीआईसी स्कूल, महाराणा प्रताप चौक, स्टेशन रोड और जसपुर बस स्टैंड में भारी जलभराव हो गया है. जिसके चलते दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

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सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक शर्मा ने बताया कि ढेला बैराज के सभी 13 गेट खोले गए हैं. जिनसे 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. साथ ही जसपुर केपी बैराज से भी 4500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

Intro:Summary- काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में देर रात से हो रही बारिश ने आज पूरा दिन अपना सितम जारी रखा जिसके चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया तो वही ढेला नदी में ढेला बैराज से छोड़े गए 2500 क्यूसेक पानी से ढेला नदी भी उफना गई। जिससे आसपास की बस्तियों में रहने के लोगों के दिलों में बाढ़ का डर पैदा हो गया है।
एंकर- देवभूमि उत्तराखंड में मौसम विभाग की भविष्यवाणी लगातार सच साबित हो रही है तथा पहाड़ों पर हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और बादल फटने की घटना घट रही है तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में देर रात से हो रही लगातार उसराहार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उधर सिंचाई विभाग के द्वारा गैला बहरा से 25000 की ओर से तथा थी का बैराज से साडे चार हजार कि उसे पानी छोड़ा गया जिससे ढेला नदी उफना गयी है।
Body:वीओ- देशभर में मानसून ने अपने तेवर दिखा दिया है देशभर के साथ-साथ देवभूमि उत्तराखंड में भी मेघों का असर देखने को मिल रहा है जिसके चलते पहाडों पर जहां रोज बादल फटने की घटनाएं घट रही हैं, जिससे पहाड़ों पर नदी नाले अपना गए हैं और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चला है तो वही पहाड़ के साथ साथ तराई में भी बारिश ने अपना कहर बरपा दिया है। काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में देर रात से हो रही बारिश ने जहां सिंचाई विभाग को ढेला बैराज से पानी छोड़ने को मजबूर कर दिया है तो वही काशीपुर शहर में भी जलभराव होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
वीओ- पूरे दिन हुई मूसलाधार बारिश के बाद शहर में रतन सिनेमा रोड, मुख्य बाजार में छोटे जीजीआईसी के पास, महाराणा प्रताप चौक, स्टेशन रोड, जसपुर बस स्टैंड सहित शहर के कई अन्य स्थानों पर भारी जलभराव हो गया जिससे दुकानदारों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक शर्मा के मुताबिक ढेला बैराज के सभी 13 गेट खोले गए तथा 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो वही जसपुर केपी का बैराज से 4500 उसे पानी छोड़ा गया।
बाइट- दीपक शर्मा, एसडीओ सिंचाई विभागConclusion:
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