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जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा, पूर्ति निरीक्षक पर लगी आरोपों की झड़ी - उत्तराखंड खाद्य आयोग के जन सुनवाई कार्यक्रम में हंगामा

मंडी स्थित तहसील परिसर में आयोजित उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग का जनसुनवाई कार्यक्रम प्रचार-प्रसार के अभाव में फ्लाप हो गया. इस दौरान पालिकाध्यक्ष हरीष दुबे ने पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट पर गंभीर आरोप लगाए.

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जन सुनवाई कार्यक्रम
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Published : Dec 11, 2019, 4:14 PM IST

सितारगंजः शहर में राशन कार्ड से संबंधित शिकायतों को लेकर आयोजित जनसुनवाई का कार्यक्रम पूरी तरह से फेल रहा. स्थानीय जनता को इस कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं थी. उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह रावत ने मंडी स्थित तहसील परिसर में राशन कार्ड व खाद्यान्न वितरण के संबंध में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में कार्यक्रम फ्लाप हो गया.

हालांकि वहां पहुंचे कुछ लोगों ने एपीएल कार्ड को बीपीएल या अंत्योदय में बदलने की मांग की. इस दौरान पालिकाध्यक्ष हरीष दुबे के नेतृत्व में सभासदों ने पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट पर तमाम आरोप लगाते हुये उन्हें हटाने की मांग की.

उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग के जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा.

जनसुनवाई कार्यक्रम 11.30 बजे से होना था, लेकिन आयोग के अधिकारी एक बजे आये. कार्यक्रम का प्रचार न होने के कारण ज्यादातर लोग शिकायत करने नहीं पहुंचे. आयोग के अध्यक्ष के प्रोटोकाल में तहसीलदार भी नहीं आये.

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 16 द्वारा गठित उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग अधिनियम से आच्छादित पात्र व्यक्तियों की शिकायतों पर सुनवाई करता है. इस दौरान उनकी भी सुनवाई की गई जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं. साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों व मध्यान्ह भोजन योजना से संबंधित शिकायतें पर भी जनसुनवाई होनी थी. शक्तिफार्म स्थित गोविन्दनगर के शिब्बू मिस्त्री, हरिपद मंडल, सुजीत मंडल ने एपीएल कार्डों को बीपीएल में बदलने की मांग की.

इधर पालिकाध्यक्ष के नेतृत्व में सभासदों ने आयोग के अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट पर तमाम गंभीर आरोप लगाये. आरोप लगाया गया कि एक वर्ष से पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में जनता से संबंधित कोई कार्य नहीं किया गया है. साथ ही राशन कार्ड भी नहीं बनाये जा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः यूकेडी के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष ने THDC को बचाने के लिए PM मोदी को लिखा पत्र

यह भी आरोप लगाया गया कि बिष्ट कोटाधारकों के साथ मिलकर जनता को गुमराह कर राशन नहीं बंटवा रहे हैं. जब जनप्रतिनिधि उनसे शिकायत करते हैं तो उनके साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है.

यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ माह पूर्व हुए खाद्यान्न घोटाले में भी बिष्ट की संलिप्तता है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण उन्हें बचाया जा रहा है. उन्होंने बिष्ट को हटाकर दूसरे पूर्ति निरीक्षक की तैनाती करने की मांग की. आयोग के अध्यक्ष ने शिकायत पर बिष्ट को जमकर लताड़ा.

सितारगंजः शहर में राशन कार्ड से संबंधित शिकायतों को लेकर आयोजित जनसुनवाई का कार्यक्रम पूरी तरह से फेल रहा. स्थानीय जनता को इस कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं थी. उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह रावत ने मंडी स्थित तहसील परिसर में राशन कार्ड व खाद्यान्न वितरण के संबंध में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में कार्यक्रम फ्लाप हो गया.

हालांकि वहां पहुंचे कुछ लोगों ने एपीएल कार्ड को बीपीएल या अंत्योदय में बदलने की मांग की. इस दौरान पालिकाध्यक्ष हरीष दुबे के नेतृत्व में सभासदों ने पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट पर तमाम आरोप लगाते हुये उन्हें हटाने की मांग की.

उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग के जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा.

जनसुनवाई कार्यक्रम 11.30 बजे से होना था, लेकिन आयोग के अधिकारी एक बजे आये. कार्यक्रम का प्रचार न होने के कारण ज्यादातर लोग शिकायत करने नहीं पहुंचे. आयोग के अध्यक्ष के प्रोटोकाल में तहसीलदार भी नहीं आये.

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 16 द्वारा गठित उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग अधिनियम से आच्छादित पात्र व्यक्तियों की शिकायतों पर सुनवाई करता है. इस दौरान उनकी भी सुनवाई की गई जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं. साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों व मध्यान्ह भोजन योजना से संबंधित शिकायतें पर भी जनसुनवाई होनी थी. शक्तिफार्म स्थित गोविन्दनगर के शिब्बू मिस्त्री, हरिपद मंडल, सुजीत मंडल ने एपीएल कार्डों को बीपीएल में बदलने की मांग की.

इधर पालिकाध्यक्ष के नेतृत्व में सभासदों ने आयोग के अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट पर तमाम गंभीर आरोप लगाये. आरोप लगाया गया कि एक वर्ष से पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में जनता से संबंधित कोई कार्य नहीं किया गया है. साथ ही राशन कार्ड भी नहीं बनाये जा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः यूकेडी के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष ने THDC को बचाने के लिए PM मोदी को लिखा पत्र

यह भी आरोप लगाया गया कि बिष्ट कोटाधारकों के साथ मिलकर जनता को गुमराह कर राशन नहीं बंटवा रहे हैं. जब जनप्रतिनिधि उनसे शिकायत करते हैं तो उनके साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है.

यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ माह पूर्व हुए खाद्यान्न घोटाले में भी बिष्ट की संलिप्तता है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण उन्हें बचाया जा रहा है. उन्होंने बिष्ट को हटाकर दूसरे पूर्ति निरीक्षक की तैनाती करने की मांग की. आयोग के अध्यक्ष ने शिकायत पर बिष्ट को जमकर लताड़ा.

Intro:राज्य खाद्य आयोग का जनसुनवाई कार्यक्रम

Body:एंकर-प्रचार के अभाव में उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग का जन सुनवाई कार्यक्रम में नही पहुंचे ज्यादा फरियादी।
पालिकाध्यक्ष व सभासदों ने की पूर्ति निरीक्षक को हटाने की मांग।

Conclusion:वीओ-सितारगंज उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह रावत ने मंडी स्थित तहसील परिसर में राषन कार्ड व खाद्यान्न वितरण के संबंध में जन सुनवाई का कार्यक्रम प्रचार प्रसार के अभाव में फ्लाप हो गया। हालांकि वहां पहुंचे कुछ लोगों ने एपीएल के कार्ड को बीपीएल या अंत्योदय में बदलने की मांग की। इस दौरान पालिकाध्यक्ष हरीष दुबे के नेतृत्व में सभासदों ने पूर्ति निरीक्षक केके बिश्ट पर तमाम आरोप लगाते हुये हटाने की मांग की।
जन सुनवाई कार्यक्रम 11.30 बजे से होना था लेकिन आयोग के अधिकारी एक बजे आये। कार्यक्रम का प्रचार न होने के कारण ज्यादातर लोग षिकायत करने नहीं पहुंचे। आयोग के अध्यक्ष के प्रोटाकाल में तहसीलदार भी नहीं आये। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 16 द्वारा गठित उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग अधिनियम से आच्छादित पात्र व्यक्तियों की षिकायतों पर सुनवाई करता है। इस दौरान उनकी भी सुनवाई की गई जिनके राषन कार्ड नहीं बने हैं। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों व मध्यान्ह भोजन योजना से संबंधित षिकायतें भी जन सुनवाई होनी थी। शक्तिफार्म स्थित गोविन्दनगर के षिब्बू मिस्त्री हरिपद मंडल, सुजीत मंडल ने एपीएल कार्डों को बीपीएल में बदलने की मांग की। वार्ड सात की विधवा वहीदन व षमीम ने एपीएल कार्डों को अंत्योदय व बीपीएल में तब्दील करने, विकलांग प्रसन्नजीत मजूमदार ने एपीएल कार्ड को बीपीएल में बदलने की मांग की। इस मौके पर खंड षिक्षा अधिकारी इंद्रजीत सिंह चैहान, एसएमआई ओमनारायण मिश्रा आदि मौजूद थे।
इधर पालिकाध्यक्ष के नेतृत्व में सभासदों ने आयोग के अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में पूर्ति निरीक्षक केके बिश्ट पर तमाम गंभीर आरोप लगाये। आरोप लगाया गया कि एक वर्ष से पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में जनता से संबंधित कोई कार्य नहीं किया गया है। साथ ही राशन कार्ड भी नहीं बनाये जा रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि बिष्ट कोटाधारकों के साथ मिलकर जनता को गुमराह कर राशन नहीं बंटवा रहे है। कहा गया कि जब जन प्रतिनिधि उनसे शिकायत करते है तो उनके साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। आरोप था कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है। यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ माह पूर्व हुये खाद्यान्न घोटाले में भी बिश्ट की संलिप्तता है लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण उन्हें बचाया जा रहा है। मांग की गई कि बिष्ट को हटाकर दूसरे पूर्ति निरीक्षक की तैनाती की जाये। आयोग के अध्यक्ष ने शिकायत पर बिष्ट को जमकर लताड़ा।

बाइट-भपेंद्र सिंह रावत अध्यक्ष राज्य खाद्य आयोग
बाइट1-हरीश दुबे चेयरमैन
बाइट2-हरीश दुबे चेयरमैन
बाइट-बहिदन बेगम
बाइट-प्रसन्नजीत मजूमदार
बाइट-रवि रस्तोगी सभासद
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