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रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर 67 लाख की धोखाधड़ी, फरार आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

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Published : Nov 4, 2020, 4:11 PM IST

काशीपुर में बीते दिनों रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर व्यापारियों से 67 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार हुआ है.

fraud case in kashipur
fraud case in kashipur

काशीपुरः बीते दिनों रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर काशीपुर और रुद्रपुर के व्यापारियों से 67 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि पुलिस पूर्व में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

मिली जानकारी के अनुसार, कचनाल गाजी, विनायक विला निवासी मनोज जैन ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था रुद्रपुर निवासी राजेश से उसकी जान-पहचान है. राजेश ने 20 जुलाई को एक व्यवसायिक डील करने के लिये उसे रुद्रपुर बुलाया. जहां राजेश ने उसे एक होटल में अश्वनी कुमार और उसके साथियों से मिलवाया. अश्वनी ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का ईस्ट सेंटर जोन का प्रोजेक्ट हेड बताया था. उसके साथियों में हरिद्वार निवासी सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी व विवेक शर्मा शामिल थे.

आरोप है कि इन्होंने अपने को कंपनी अधिकारी और कर्मचारी बताया. उन्होंने उसे कंपनी का ब्रॉडकास्टिंग वायरलेस स्मार्ट बॉक्स, ऑनलाइन मनी और तीसरा प्लान ऑनलाइन शॉपिंग बताया. कहा कि कंपनी स्टूडियो भी बनाकर देगी. जिसका किराया कंपनी देगी और इसमें छह चैनल होंगे. मनोज से कहा गया कि उन्हें डेढ़ लाख बॉक्स की कीमत 4.50 करोड़ दिये जाएंगे. जिसका 25 प्रतिशत एडवांस कंपनी में जमा करना होगा.

पढ़ेंः रुड़की: बैंकों की सुरक्षा में छेद ही छेद, राम भरोसे एटीएम

इस पर उन्होंने काशीपुर आकर कंपनी बनाने का निर्णय लिया. जिसके स्वामी शक्ति प्रकाश, राजेश झाम व मनोज जैन होंगे. इसी बीच उनकी अश्वनी से बात होती रही. मनोज के अनुसार, एग्रीमेंट से पहले वायरलेस मीडिया ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के खाते में 5.51 लाख रुपये जमा करने होंगे. मनोज ने 23 जुलाई को रुपये जमा कर दिए. 29 जुलाई को अश्वनी ने निखिल गांधी और विवेक शर्मा को काशीपुर भेजा, जो कंपनी के लोगों के पेपर और कंपनी की मुहरें लेकर आए. उन्होंने पेपरों पर एग्रीमेंट लिखकर उसके और उसके पार्टनरों के हस्ताक्षर कराये और कंपनी के उच्चाधिकारियों के हस्ताक्षर कराने की बात कहकर एग्रीमेंट अपने साथ ले गये.

इसके बाद कथित कंपनी के अधिकारियों ने अलग-अलग तारीखों में कुल 67 लाख 26 हजार रुपये नकद व खातों में जमा करवा लिये. बाद में जब आरोपियों से कंपनी का अधिकृत पत्र दिखाने को कहा तो उन्होंने नहीं दिखाया. जब कंपनी से डील की जानकारी ली गई तो कंपनी ने बताया कि उनकी ऐसी कोई स्कीम नहीं है. फिर मनोज को इल्म हुआ कि अश्वनी, सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी, विवेक शर्मा, प्रशांत संगल ने उसके और उसके पार्टनरों के साथ धोखाधड़ी की है.

मामले में पुलिस ने अश्विनी कुमार, निखिल गांधी, विवेक शर्मा और प्रशांत संगल को गिरफ्तार कर लिया था. आज फरार चल रहा एक और आरोपी लवेश पंचाल को उसके निवास रामनगर एक्सीवेशन, शाहदरा थाना मानव विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

काशीपुरः बीते दिनों रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर काशीपुर और रुद्रपुर के व्यापारियों से 67 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि पुलिस पूर्व में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

मिली जानकारी के अनुसार, कचनाल गाजी, विनायक विला निवासी मनोज जैन ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था रुद्रपुर निवासी राजेश से उसकी जान-पहचान है. राजेश ने 20 जुलाई को एक व्यवसायिक डील करने के लिये उसे रुद्रपुर बुलाया. जहां राजेश ने उसे एक होटल में अश्वनी कुमार और उसके साथियों से मिलवाया. अश्वनी ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का ईस्ट सेंटर जोन का प्रोजेक्ट हेड बताया था. उसके साथियों में हरिद्वार निवासी सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी व विवेक शर्मा शामिल थे.

आरोप है कि इन्होंने अपने को कंपनी अधिकारी और कर्मचारी बताया. उन्होंने उसे कंपनी का ब्रॉडकास्टिंग वायरलेस स्मार्ट बॉक्स, ऑनलाइन मनी और तीसरा प्लान ऑनलाइन शॉपिंग बताया. कहा कि कंपनी स्टूडियो भी बनाकर देगी. जिसका किराया कंपनी देगी और इसमें छह चैनल होंगे. मनोज से कहा गया कि उन्हें डेढ़ लाख बॉक्स की कीमत 4.50 करोड़ दिये जाएंगे. जिसका 25 प्रतिशत एडवांस कंपनी में जमा करना होगा.

पढ़ेंः रुड़की: बैंकों की सुरक्षा में छेद ही छेद, राम भरोसे एटीएम

इस पर उन्होंने काशीपुर आकर कंपनी बनाने का निर्णय लिया. जिसके स्वामी शक्ति प्रकाश, राजेश झाम व मनोज जैन होंगे. इसी बीच उनकी अश्वनी से बात होती रही. मनोज के अनुसार, एग्रीमेंट से पहले वायरलेस मीडिया ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के खाते में 5.51 लाख रुपये जमा करने होंगे. मनोज ने 23 जुलाई को रुपये जमा कर दिए. 29 जुलाई को अश्वनी ने निखिल गांधी और विवेक शर्मा को काशीपुर भेजा, जो कंपनी के लोगों के पेपर और कंपनी की मुहरें लेकर आए. उन्होंने पेपरों पर एग्रीमेंट लिखकर उसके और उसके पार्टनरों के हस्ताक्षर कराये और कंपनी के उच्चाधिकारियों के हस्ताक्षर कराने की बात कहकर एग्रीमेंट अपने साथ ले गये.

इसके बाद कथित कंपनी के अधिकारियों ने अलग-अलग तारीखों में कुल 67 लाख 26 हजार रुपये नकद व खातों में जमा करवा लिये. बाद में जब आरोपियों से कंपनी का अधिकृत पत्र दिखाने को कहा तो उन्होंने नहीं दिखाया. जब कंपनी से डील की जानकारी ली गई तो कंपनी ने बताया कि उनकी ऐसी कोई स्कीम नहीं है. फिर मनोज को इल्म हुआ कि अश्वनी, सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी, विवेक शर्मा, प्रशांत संगल ने उसके और उसके पार्टनरों के साथ धोखाधड़ी की है.

मामले में पुलिस ने अश्विनी कुमार, निखिल गांधी, विवेक शर्मा और प्रशांत संगल को गिरफ्तार कर लिया था. आज फरार चल रहा एक और आरोपी लवेश पंचाल को उसके निवास रामनगर एक्सीवेशन, शाहदरा थाना मानव विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

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