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नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का मामला, कोर्ट ने दोषी को सुनाई 20 साल की सजा

13 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसकी आबरू से खेलने वाले दोषी को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई (POCSO court sentenced convict) है. आरोपी कई महीनों तक डरा धमाकर पीड़िता का रेप कर रहा (kidnapping and rape) था. ये मामला साल 2020 का है.

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Published : Sep 23, 2022, 8:37 PM IST

रुद्रपुर: 13 साल की नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के मामले (kidnapping and rape) में पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश रीना नेगी ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई (POCSO court sentenced convict) है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 60 हजार रुपए के अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया (sentenced convict to twenty years) है. ये मामला साल 2022 का है.

जानकारी के मुताबिक, 19 मई 2020 को रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाने में एक व्यक्ति ने अपनी 13 साल की बेटी के लापता होने की तहरीर दी थी, लेकिन वह पुलिस की जांच शुरू होने से पूर्व ही घर लौट आई. 17 अगस्त 2020 को वहीं व्यक्ति अपनी पुत्री को साथ लेकर थाने आया और मनोज राजभर मूल निवासी ग्राम बारा गहमर जिला गाजीपुर यूपी हॉल निवासी वार्ड नंबर-1 शिमला बहादुर ट्रांजिट कैंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
पढ़ें- हरिद्वार: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा, 60 हजार जुर्माना

पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि आरोपी उसकी नाबालिग बेटी को 18 मई 2020 की रात को क़रीब 9 बजे लालच देकर अपने कमरे में ले गया और उसके साथ रेप किया. इसके बाद आरोपी ने धमकी देते हुए कहा अगर किसी को यह बात बताई तो वह उसके छोटे भाई को जान से मार देगा. इसी डर से नाबालिग चुप रही. उसके बाद जब भी लड़की घर में अकेली होती थी तो मनोज आ जाता था और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता था. विरोध करने पर छोटे भाई को जान से मारने की धमकी देता था.

15 अगस्त 2020 को जब नाबालिग अपने घर की छत पर खेल रही थी. मनोज ने उसे इशारे से बुलाया और साइकिल पर बैठा कर दूर एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया और दो दिनों तक उसके साथ बलात्कार करता रहा. दूसरे दिन आरोपी ने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया. जिसके बाद नाबालिग द्वारा पूरी आप बीती पुलिस को बताई.

मामले में पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत कर आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. तब से लेकर अब तक मामला पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था. इस दौरान एडीजीसी विकास गुप्ता ने 8 गवाह पेश किए गए. मामले में पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी ने मनोज राजभर को दोषी करार देते हुए धारा 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने, धारा 363, 366 आईपीसी के तहत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है. साथ ही उन्होंने पीड़ित छात्रा को 2 लाख रुपये मुआवजा दिलाये जाने हेतु मामला डीएलएसए उधमसिंह नगर को प्रेषित किया जाये.

रुद्रपुर: 13 साल की नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के मामले (kidnapping and rape) में पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश रीना नेगी ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई (POCSO court sentenced convict) है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 60 हजार रुपए के अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया (sentenced convict to twenty years) है. ये मामला साल 2022 का है.

जानकारी के मुताबिक, 19 मई 2020 को रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाने में एक व्यक्ति ने अपनी 13 साल की बेटी के लापता होने की तहरीर दी थी, लेकिन वह पुलिस की जांच शुरू होने से पूर्व ही घर लौट आई. 17 अगस्त 2020 को वहीं व्यक्ति अपनी पुत्री को साथ लेकर थाने आया और मनोज राजभर मूल निवासी ग्राम बारा गहमर जिला गाजीपुर यूपी हॉल निवासी वार्ड नंबर-1 शिमला बहादुर ट्रांजिट कैंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
पढ़ें- हरिद्वार: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा, 60 हजार जुर्माना

पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि आरोपी उसकी नाबालिग बेटी को 18 मई 2020 की रात को क़रीब 9 बजे लालच देकर अपने कमरे में ले गया और उसके साथ रेप किया. इसके बाद आरोपी ने धमकी देते हुए कहा अगर किसी को यह बात बताई तो वह उसके छोटे भाई को जान से मार देगा. इसी डर से नाबालिग चुप रही. उसके बाद जब भी लड़की घर में अकेली होती थी तो मनोज आ जाता था और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता था. विरोध करने पर छोटे भाई को जान से मारने की धमकी देता था.

15 अगस्त 2020 को जब नाबालिग अपने घर की छत पर खेल रही थी. मनोज ने उसे इशारे से बुलाया और साइकिल पर बैठा कर दूर एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया और दो दिनों तक उसके साथ बलात्कार करता रहा. दूसरे दिन आरोपी ने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया. जिसके बाद नाबालिग द्वारा पूरी आप बीती पुलिस को बताई.

मामले में पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत कर आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. तब से लेकर अब तक मामला पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था. इस दौरान एडीजीसी विकास गुप्ता ने 8 गवाह पेश किए गए. मामले में पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी ने मनोज राजभर को दोषी करार देते हुए धारा 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने, धारा 363, 366 आईपीसी के तहत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है. साथ ही उन्होंने पीड़ित छात्रा को 2 लाख रुपये मुआवजा दिलाये जाने हेतु मामला डीएलएसए उधमसिंह नगर को प्रेषित किया जाये.

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