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काशीपुर: हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना, अवैध बसागत जोरों पर

काशीपुर के हेमपुर इस्माइल से बीते वर्ष अगस्त माह में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने अतिक्रमण कर वहां रह रहे लोगों को हटाया था. लेकिन अतिक्रमण हटाने के कुछ समय बाद वहां पुन: कुछ लोगों ने कच्ची झोपड़ियां डाल ली हैं और रह रहे हैं.

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Published : Sep 3, 2021, 8:15 AM IST

Updated : Sep 3, 2021, 8:22 AM IST

काशीपुर: बाजपुर रोड स्थित हेमपुर इस्माइल से बीते वर्ष अगस्त माह में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने अतिक्रमण कर वहां रह रहे लोगों को हटाया था. साथ ही जेसीबी से झोपड़ों और मकानों को गिरा दिया था. तब निगम की ओर से उन्हें आवास योजना के फार्म भी बांटे गए थे. इसके बाद प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने के कुछ समय बाद वहां पुन: कुछ लोगों ने कच्ची झोपड़ियां डाल ली हैं और रह रहे हैं.

उन लोगों का कहना है कि उनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं है. वे अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवार को लेकर वहां से कहां जाएगे. इस बाबत संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में वहां अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा और उनकी जानकारी में वहां किसी तरह का अतिक्रमण नहीं है. हालांकि, मौके पर लोगों ने बताया कि निगम की ओर से प्रशासन ने आवास के लिए जो फॉर्म दिए थे, उस पर एक साल में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में उनके साथ मजबूरी है कि वह आखिर कहां जाएगें.

पढ़ें: चुनाव से पहले शुरू हुई जनाधार बढ़ाने की कसरत, 'ACTIVE' हुये सभी राजनैतिक दल

संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने कहा कि वह विभाग से इस बारे में पता करेंगी. बहरहाल, हाईकोर्ट के आदेश के चलते यह मामला काफी संवेदनशील है. लेकिन दूसरी ओर वहां मजबूरन रह रहे लोगों की अपनी ही व्यथा है.

काशीपुर: बाजपुर रोड स्थित हेमपुर इस्माइल से बीते वर्ष अगस्त माह में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने अतिक्रमण कर वहां रह रहे लोगों को हटाया था. साथ ही जेसीबी से झोपड़ों और मकानों को गिरा दिया था. तब निगम की ओर से उन्हें आवास योजना के फार्म भी बांटे गए थे. इसके बाद प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने के कुछ समय बाद वहां पुन: कुछ लोगों ने कच्ची झोपड़ियां डाल ली हैं और रह रहे हैं.

उन लोगों का कहना है कि उनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं है. वे अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवार को लेकर वहां से कहां जाएगे. इस बाबत संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में वहां अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा और उनकी जानकारी में वहां किसी तरह का अतिक्रमण नहीं है. हालांकि, मौके पर लोगों ने बताया कि निगम की ओर से प्रशासन ने आवास के लिए जो फॉर्म दिए थे, उस पर एक साल में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में उनके साथ मजबूरी है कि वह आखिर कहां जाएगें.

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संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने कहा कि वह विभाग से इस बारे में पता करेंगी. बहरहाल, हाईकोर्ट के आदेश के चलते यह मामला काफी संवेदनशील है. लेकिन दूसरी ओर वहां मजबूरन रह रहे लोगों की अपनी ही व्यथा है.

Last Updated : Sep 3, 2021, 8:22 AM IST
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