रुद्रपुर: सोमवार को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने आलाधिकारियों और आउटसोर्सिंग कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए. कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारियों और कंपनी की साठ-गांठ से उनकी सैलरी से जीएसटी और अन्य मदों के नाम पर 35 प्रतिशत तक की कटौती की जा रही है. लेकिन जीएसटी का भुगतान सरकार को नहीं किया जा रहा है, जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है.
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए कहा कि कंपनी की ओर से नियुक्ति के समय जो सैलरी उन्हें बताई गई थी, उसमें से 35 प्रतिशत जीएसटी और अन्य कटौतियां की जा रही है. जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आरोप ये है कि जो सैलरी जीएसटी के नाम पर काटी जा रही है वो उनके खाते में नहीं डाली जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि पिछले एक साल से ना ही उनको पीएफ का नंबर दिया गया है और ना ही ईएसआई का.
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वहीं, कोविड अस्पताल में कार्ययरत कर्मचारी अरुण कुमार ने बताया कि पिछले एक साल से लगभग ढाई सौ कर्मचारी आउटसोर्सिंग के जरिए कोविड अस्पतालों सहित अन्य जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नियुक्ति के समय में कर्मचारियों को जितना वेतन बताया गया था, उससे 35 प्रतिशत कट कर उनके अकाउंट में आ रहा है. जब अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो अधिकारी टालमटोल करने लगे. वहीं, प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग जल्द पूरी नहीं होती है, तो सभी कर्मचारी हड़ताल करने को बाध्य होंगे.