काशीपुर: तेज रफ्तार से चल रही जिंदगी पर अचानक कोविड-19 का ग्रहण लग गया. जिससे मानो जिंदगी थम सी गई है. कोरोना वायरस से आज कोई भी देश बचा नहीं है तो वहीं भारत भी इस बीमारी से जूझ रहा है. कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण इन लोगों के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है. जिससे खानाबदोश लोगों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. ऐसे में खानाबदोश लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है.
बता दें कि कोरोना महामारी को देखते ही देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश भर में लॉकडाउन लगाया था. जिसके बाद से लोगों के सामने आर्थिक संकट भी उत्पन्न होने लगा था. हालांकि, सरकार ने लोगों की मदद के लिए राशन मुहैया कराया था. सरकार से मिला कुछ दिनों का राशन खत्म होने के बाद कई परिवार ऐसे हैं जो आज भी राशन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
काशीपुर की ढेला नदी के किनारे एक दर्जन से अधिक खानाबदोश परिवार लोहे से सामान बनाकर उससे अपनी आजीविका चलाते हैं. जिन पर लॉकडाउन की भारी मार पड़ी है. लॉकडाउन लगे होने पर खानाबदोश लोगों को अपना कारोबार तो बंद करना पड़ा था. लेकिन, लॉकडाउन खुलने के बाद भी इनके कारोबार में रौनक दिखाई नहीं दे रही है. जिसके कारण ये खानाबदोश लोग कई बार अधिकारियों से मिलकर राशन मुहैया कराने की मांग कर रहे हैंं.
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इसके बावजूद इन खानाबदोश लोगों पर अधिकारियों की कृपा नहीं बरस रही है. ऐसे में खानाबदोश लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में एक बार राशन उपलब्ध कराया गया था. लेकिन उसके बाद किसी ने भी उनका संज्ञान नहीं लिया.
वहीं, नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल ने बताया कि मार्च से अभी तक दो बार राशन खानाबदोश लोगों को उपलब्ध कराया जा चुका है. लेकिन, उनके द्वारा किसी भी तरह की मदद की मांग नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि यदि उनको राशन की जरूरत है तो उच्चाधिकारियों से संपर्क कर उन्हें जल्द ही राशन उपलब्ध करा दिया जाएगा.