खटीमा: उधम सिंह नगर में खटीमा के सीमांत राजकीय प्राथमिक विद्यालय और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिसैया में स्टाफ सहित कुल 261 बच्चे पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं. इन दोनों सरकारी विद्यालयों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था तो दूर विद्यालय में एक भी हैंडपंप दुरुस्त अवस्था में नहीं है. इसकी वजह से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे बूंद बूंद पानी के लिए तरसते रहते हैं. ऐसे में सरकार के शुद्ध पेयजल दिए जाने का वादा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से बच्चे या तो प्यासे रहते हैं या गंदा पानी पीने को मजबूर होते हैं. इससे तमाम बीमारियों से ग्रसित होने की आशंका बनी रहती है. वहीं, विद्यालय परिसर में बरसात के कारण जलभराव से जहरीले जलीय जीवों का भी खतरा बना रहता है. पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है.
वहीं सिसैया के पूर्व ग्राम प्रधान राम सजीवन ने बताया कि सरकार का जल जीवन अभियान बिल्कुल फेल है. क्योंकि सिसैया के दोनों सरकारी विद्यालयों में हैंडपंप खराब पड़े हैं. पिछले 4 माह से पेयजल सप्लाई भी बंद है. इससे बच्चे शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. संबंधित विभागों को कई बार अवगत कराने के बाद भी पेयजल सप्लाई को दुरुस्त नहीं किया गया है. यह बहुत अफसोस का विषय है.
पढ़ें- रुद्रप्रयाग जिले में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित, 19 सड़कें बंद, हेली सेवा भी ठप
वहीं, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिसैया की प्रधानाध्यापिका विमला बेलाल ने बताया कि परिसर में हैंडपंप खराब पड़े हैं. पेयजल सप्लाई भी पिछले 4 माह से बंद है. शुद्ध पेयजल की बहुत किल्लत हो रही है. पूरा स्टाफ तथा बच्चे घर से पानी लाते हैं. संबंधित विभाग के अधिकारियों से कई बार निवेदन के बाद भी सप्लाई ठीक नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सप्लाई दुरुस्त कर दी जाए, ताकि बच्चे शुद्ध पेयजल का सेवन कर सकें.