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खटीमा: चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे नरेंद्र उत्तराखंडी, आत्मदाह की दी चेतावनी - नरेंद्र उत्तराखंडी

नरेंद्र उत्तराखंडी उर्फ हरीश शर्मा खटीमा की तहसील गेट पर खटीमा जिला बनाओ सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.

Narendra Uttarakhandi sitting on dharna
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Published : Jan 6, 2022, 7:07 AM IST

Updated : Jan 6, 2022, 7:15 AM IST

खटीमा: नरेंद्र उत्तराखंडी उर्फ हरीश शर्मा खटीमा की तहसील गेट पर खटीमा जिला बनाओ सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने शासन-प्रशासन को 8 जनवरी तक उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. बता दें कि, पिछली 28 दिसंबर से धरना दे रहे हैं.

नरेंद्र उत्तराखंडी खटीमा को जिला बनाओ सहित चार सूत्री मांगों को लेकर 28 दिसंबर से खटीमा तहसील के मुख्य गेट पर धरने पर बैठे हैं. लेकिन उनके अनुसार अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं, किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली गई.

चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे नरेंद्र उत्तराखंडी.

पढ़ें: एक बार फिर कोरोना संक्रमित हुए सतपाल महाराज, स्टाफ का लिया गया सैंपल, हुए आइसोलेट

उन्होंने घोषणा की है कि अगर उनकी 4 सूत्री मांगों में खटीमा को जिला बनाने, चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के लिए जीओ जारी करने, वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने, वह किसानों के कृषि ऋण माफ करने की मांगों को अगर पूरा नहीं किया जाता है, तो उन्हें अपनी घोषणा के अनुसार आत्मदाह करने पर मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

खटीमा: नरेंद्र उत्तराखंडी उर्फ हरीश शर्मा खटीमा की तहसील गेट पर खटीमा जिला बनाओ सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने शासन-प्रशासन को 8 जनवरी तक उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. बता दें कि, पिछली 28 दिसंबर से धरना दे रहे हैं.

नरेंद्र उत्तराखंडी खटीमा को जिला बनाओ सहित चार सूत्री मांगों को लेकर 28 दिसंबर से खटीमा तहसील के मुख्य गेट पर धरने पर बैठे हैं. लेकिन उनके अनुसार अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं, किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली गई.

चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे नरेंद्र उत्तराखंडी.

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उन्होंने घोषणा की है कि अगर उनकी 4 सूत्री मांगों में खटीमा को जिला बनाने, चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के लिए जीओ जारी करने, वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने, वह किसानों के कृषि ऋण माफ करने की मांगों को अगर पूरा नहीं किया जाता है, तो उन्हें अपनी घोषणा के अनुसार आत्मदाह करने पर मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

Last Updated : Jan 6, 2022, 7:15 AM IST
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