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मंगलौर बना 'शाहीन बाग', सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाएं

शाहीनबाग की तर्ज पर मंगलौर में भी मुस्लिम महिलाएं हाथों में तिरंगा लेकर एनआरसी, एनपीआर और सीएए का विरोध कर रही हैं.

protest news about CAA and NRC in Roorkee
CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन.
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Published : Feb 11, 2020, 11:45 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 1:26 PM IST

रुड़की: दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर उत्तराखंड के मंगलौर में भी मुस्लिम महिलाओं ने विरोध- प्रदर्शन शुरू कर दिया है. महिलाएं अपने बच्चों सहित सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाओं के धरने से पहले ही मंगलौर से कांग्रेस विधायक और राष्ट्रीय सचिव कांग्रेस काजी निजामुद्दीन अकेले ही धरने पर बैठे थे. देखते ही देखते महिलाओं का एक बड़ा विशाल जनसमूह धरना स्थल पर विरोध के लिए इकट्ठा हो गया.

सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाएं.

बता दें कि इससे पहले भी मंगलौर में महिलाओं ने सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था. तब प्रशासन से अनुमति ना होने पर उन्हें विरोध स्थल से हटा दिया गया था. अब प्रशासन की अनुमति के बाद सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक धरना दिया जा रहा है. हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं अपने बच्चों सहित हाथों में तिरंगा लेकर एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि एक के बाद एक राज्य में बीजेपी को करारी हार मिल रही है. जनता ऐसे काले कानून के खिलाफ सड़कों पर है. आगे भी बीजेपी को ऐसे ही परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

ये भी पढ़ें: नेपाल से 10 लाख के चाइनीज पटाखे ला रहा था तस्कर, ऐसे आया पकड़ में

वहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसे हम काला कानून कहते हैं. यह कानून सिर्फ धर्म के आधार पर लागू किया जा रहा है. हम देश के नागरिक हैं और देश में ही रहेंगे. अब हम अपनी आजादी के लिए गली-गली शहर-शहर तक आजादी के नारों को बुलंद करेंगे. जब तक ये काला कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

रुड़की: दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर उत्तराखंड के मंगलौर में भी मुस्लिम महिलाओं ने विरोध- प्रदर्शन शुरू कर दिया है. महिलाएं अपने बच्चों सहित सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाओं के धरने से पहले ही मंगलौर से कांग्रेस विधायक और राष्ट्रीय सचिव कांग्रेस काजी निजामुद्दीन अकेले ही धरने पर बैठे थे. देखते ही देखते महिलाओं का एक बड़ा विशाल जनसमूह धरना स्थल पर विरोध के लिए इकट्ठा हो गया.

सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाएं.

बता दें कि इससे पहले भी मंगलौर में महिलाओं ने सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था. तब प्रशासन से अनुमति ना होने पर उन्हें विरोध स्थल से हटा दिया गया था. अब प्रशासन की अनुमति के बाद सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक धरना दिया जा रहा है. हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं अपने बच्चों सहित हाथों में तिरंगा लेकर एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि एक के बाद एक राज्य में बीजेपी को करारी हार मिल रही है. जनता ऐसे काले कानून के खिलाफ सड़कों पर है. आगे भी बीजेपी को ऐसे ही परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

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वहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसे हम काला कानून कहते हैं. यह कानून सिर्फ धर्म के आधार पर लागू किया जा रहा है. हम देश के नागरिक हैं और देश में ही रहेंगे. अब हम अपनी आजादी के लिए गली-गली शहर-शहर तक आजादी के नारों को बुलंद करेंगे. जब तक ये काला कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

Last Updated : Feb 12, 2020, 1:26 PM IST
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