काशीपुरः सूबे में जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ अपने ही खफा नजर आ रहे हैं. पहले वन मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी का मामला सामने आया. वहीं अब विधायक हरभजन सिंह चीमा ने जिले के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर आवाज बुलंद की है. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में अधिकारी, जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर रहे हैं.
बता दें कि अपने बयानों को लेकर काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा हमेशा चर्चा में रहते हैं. इस बार चीमा ने उधम सिंह नगर जिले के अधिकारियों की कार्य शैली को लेकर आवाज उठाई है. विधायक चीमा जिले के कुछ अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर खासे नाराज नजर आ रहे हैं. सोमवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी अब जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करने में लगे हैं. अधिकारी किसी भी बड़े कार्य के लिए विधायकों से राय लेना तक मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.
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विधायक चीमा ने कहा कि जिले के कुछ अधिकारी और विभाग सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं. जिले में विकास कार्यों को लेकर जनता से पूछने पर बताया जाता है कि अधिकारी पैसे की मांग करते हैं. वो पैसा नहीं दे सकते है. ऐसे में उनका कोई काम नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर गंभीर नहीं है. जिले के अधिकतर विधायकों की शिकायत है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. साथ ही कहा कि वो मामले को लेकर सीएम को शिकायती पत्र भेजेंगे.