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इस वजह से अपने वतन वापस नहीं लौट रहे हैं प्रवासी पक्षी, जानिए कारण?

ग्लोबल वार्मिंग के चलते जहां पूरे विश्व में लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसका सीधा प्रभाव मौसम चक्र पर पड़ रहा है. लिहाजा, मौसम में होने वाले इस अप्रत्याशित परिवर्तन का असर प्रवासी पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है.

जलवायु से प्रभावित होते प्रवासी पक्षी.
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Published : Mar 3, 2019, 3:13 PM IST

खटीमा: प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा असर प्रवासी पक्षियों पर पड़ रहा है. अमूमन प्रवासी पक्षी फरवरी माह में वापस अपने ठिकानों पर लौटने लगते हैं, लेकिन प्रदेश में बर्फबारी और बारिश के कारण हो रही सर्दी के चलते अभी प्रवासी पक्षी देवभूमि में डेरा डाले हुए हैं.

प्रवासी पक्षियों में पड़ रहा जलवायु परिवर्तन का असर.

ग्लोबल वार्मिंग के चलते जहां पूरे देश मे लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसका सीधा प्रभाव मौसम चक्र पर पड़ रहा है. लिहाजा, मौसम में होने वाले इस अप्रत्याशित परिवर्तन का असर प्रवासी पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है.जहां हर साल प्रवासी पक्षी विदेशों से नवंबर के पहले सप्ताह में उत्तराखण्ड के तराई इलाकों का रुख करते हैं, लेकिन इस बार सर्दी के कारण मार्च में भी पक्षियों का वापस जाना शुरू नहीं हुआ है.

वहीं, वन्य जीव विशेषज्ञ मिराज अहमद ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण ठंड में इजाफा हुआ है. इस कारण विदेशी पक्षी अपने वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहां नजर आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन ने मौसम चक्र को प्रभावित कर विदेशी पक्षियों को भी प्रभावित करने का काम किया है. जिसका साफ असर प्रवासी पक्षियों में भी देखा जा सकता है.

खटीमा: प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा असर प्रवासी पक्षियों पर पड़ रहा है. अमूमन प्रवासी पक्षी फरवरी माह में वापस अपने ठिकानों पर लौटने लगते हैं, लेकिन प्रदेश में बर्फबारी और बारिश के कारण हो रही सर्दी के चलते अभी प्रवासी पक्षी देवभूमि में डेरा डाले हुए हैं.

प्रवासी पक्षियों में पड़ रहा जलवायु परिवर्तन का असर.

ग्लोबल वार्मिंग के चलते जहां पूरे देश मे लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसका सीधा प्रभाव मौसम चक्र पर पड़ रहा है. लिहाजा, मौसम में होने वाले इस अप्रत्याशित परिवर्तन का असर प्रवासी पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है.जहां हर साल प्रवासी पक्षी विदेशों से नवंबर के पहले सप्ताह में उत्तराखण्ड के तराई इलाकों का रुख करते हैं, लेकिन इस बार सर्दी के कारण मार्च में भी पक्षियों का वापस जाना शुरू नहीं हुआ है.

वहीं, वन्य जीव विशेषज्ञ मिराज अहमद ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण ठंड में इजाफा हुआ है. इस कारण विदेशी पक्षी अपने वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहां नजर आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन ने मौसम चक्र को प्रभावित कर विदेशी पक्षियों को भी प्रभावित करने का काम किया है. जिसका साफ असर प्रवासी पक्षियों में भी देखा जा सकता है.

Intro:एंकर- जलवायु परिवर्तन के कारण प्रभावित हो रहे मौसम चक्र का प्रवासी पक्षियों पर भी पड़ रहा है असर। फरवरी माह में पड़ रही ठंड के चलते प्रवासी पक्षियों की वतन वापसी हुई लेट।


Body:वीओ-पूरे देश मे लगातार जलवायु परिवर्तन के चलते एक और जहाँ मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है। वही दूसरी तरफ अब जलवायु परिवर्तन का असर प्रवासी पक्षियों पर भी देखने को मिला है। हर साल जहा प्रवासी पक्षी विदेशो से अक्टुबरन्त या नवंबर फर्स्ट वीक तक उत्तराखण्ड के तराई इलाको का रुख करते है। तो वही फरवरी 15 तक सभी प्रवासी पक्षियों की अपने वतन वापसी हो जाती थी। लेकिन इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते जहा मार्च शुरू हो चुका है और मौसम में ठंड बनी हुई है। मौसम चक्र में हो रहे इस परिवर्तन के कारण विदेशी प्रवासी पक्षी अभी भी उत्तराखण्ड के जलाशयों व डैमो में नजर आ रहे है।
प्रवासी पक्षियों के अभी तक जलाशयों में रुकने पर वन्य जीव विशेषज्ञ मीराज अहमद का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बड़ी ठंड की वजह से विदेशी पक्षी अपने वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहाँ नजर आ रहे है। क्योंकि जलवायु परिवर्तन ने मौसम चक्र को प्रभावित कर विदेशी पक्षियों को भी प्रभावित करने का काम किया है। जो कि प्रवासी पक्षियों के अपने तय समय से अधिक समय तक उत्तराखण्ड में दिखने से साफ जाहिर हो रहा है।

बाइट - मिराज अहमद वन्य जीव विशेषज्ञ


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