बाजपुर: देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर देने वाले शहीदों के परिवारों को सरकार तमाम सुविधाएं देने का वादा करती है, लेकिन नेताओं के ये वादे की चुनावी घोषणा की तरह ही होते हैं, जो कभी पूरे नहीं होते. ऐसे ही एक वादा 18 साल पहले बाजपुर में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शहीद अंग्रेज सिंह के परिवार से किया था, जो आजतक पूरा नहीं हुआ. आज भी शहीद का परिवार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के मजबूर हैं.
विजय रामपुरा गांव निवासी अंग्रेज सिंह साल 2000 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. अंग्रेज सिंह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे. 13 सितंबर 2003 ने अचानक आतंकियों हमला कर दिया है, उसी दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए अंग्रेज सिंह शहीद हो गए थे. रामपुरा गांव में सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम संस्कार किया गया था. तभी प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने शहीद के परिवार को 10 एकड़ जमीन, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, शहीद के नाम पर सड़क और स्मारक बनाने की घोषणा की थी, जो आजतक पूरी नहीं हुई.
पढ़ें- एयरफोर्स के लिए जल्द होगा भूमि का चयन, सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश
इन 18 सालों के कांग्रेस और बीजेपी सरकार बारी-बारी से आई और गई, लेकिन शहीद के परिवार को कुछ नहीं मिला. हर साल शहीद अंग्रेज सिंह की पुण्यतिथि पर नेता उनके उनके घर आते हैं और परिवार को आश्वासन देकर चले जाते हैं. शहीद का परिवार आज भी आंसू बहाने को मजबूर है.
रविवार को शहीद अंग्रेज सिंह की 18वीं पुण्यतिथि पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे समेत दर्जनों नेता उनके घर पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि देकर उन्हें नमन किया. कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि सरकार शहीद के परिवार के साथ है और उनके सभी दुख दर्द को समझती है. शहीद के नाम पर सड़क बनाई जाएगी, जिसका टेंडर हो गया है.