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खटीमा: आत्मनिर्भर बनाने के लिए छात्राओं को दी जा रही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग - मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग खटीमा

छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्शल आर्ट सिखाया जा रहा है. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत खटीमा ब्लॉक में जीजीआईसी श्रीपुर बिछुवा और जीआईसी झनकट की छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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Published : Mar 19, 2021, 10:50 AM IST

खटीमा: छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्शल आर्ट सिखाया जा रहा है. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत खटीमा ब्लॉक में जीजीआईसी श्रीपुर बिछुवा और जीआईसी झनकट की छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिए जाने से अभिभावकों में भी खुशी का माहौल है.

श्रीपुर बिछुवा इंटर कॉलेज के शिक्षक प्रमोद सक्सेना ने कहा बताते हैं कि इस समय 40 से अधिक छात्राएं मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले रहीं हैं. यह प्रशिक्षण स्कूल की कक्षा 9 से लेकर 12 तक की छात्राओं को 45 दिन तक दिया जाना है. प्रतिदिन एक घंटा मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है. इस प्रशिक्षण से छात्राओं में अपनी सुरक्षा के प्रति जहां आत्मविश्वास पैदा होगा. वहीं छात्राओं को इससे स्वास्थ्य लाभ भी होगा.

पढ़ें: खटीमा में 49 लाख की लागत से शहीद स्मारक का निर्माण कार्य शुरू

अभिभावकों का कहना है कि मार्शल आर्ट को सरकार को विद्यालयों में एक विषय के रूप में शामिल करना चाहिए. इससे बचपन से ही छात्राएं अपनी सुरक्षा के प्रति आत्मनिर्भर बनी रहेंगी. मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं का कहना है कि मार्शल आर्ट सीखने से उनके अंदर अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास पैदा हुआ है. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार सभी बालिका इंटर कॉलेजों में मार्शल आर्ट को एक विषय में शामिल कर सभी छात्राओं को अपनी सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें.

खटीमा: छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्शल आर्ट सिखाया जा रहा है. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत खटीमा ब्लॉक में जीजीआईसी श्रीपुर बिछुवा और जीआईसी झनकट की छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिए जाने से अभिभावकों में भी खुशी का माहौल है.

श्रीपुर बिछुवा इंटर कॉलेज के शिक्षक प्रमोद सक्सेना ने कहा बताते हैं कि इस समय 40 से अधिक छात्राएं मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले रहीं हैं. यह प्रशिक्षण स्कूल की कक्षा 9 से लेकर 12 तक की छात्राओं को 45 दिन तक दिया जाना है. प्रतिदिन एक घंटा मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है. इस प्रशिक्षण से छात्राओं में अपनी सुरक्षा के प्रति जहां आत्मविश्वास पैदा होगा. वहीं छात्राओं को इससे स्वास्थ्य लाभ भी होगा.

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अभिभावकों का कहना है कि मार्शल आर्ट को सरकार को विद्यालयों में एक विषय के रूप में शामिल करना चाहिए. इससे बचपन से ही छात्राएं अपनी सुरक्षा के प्रति आत्मनिर्भर बनी रहेंगी. मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं का कहना है कि मार्शल आर्ट सीखने से उनके अंदर अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास पैदा हुआ है. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार सभी बालिका इंटर कॉलेजों में मार्शल आर्ट को एक विषय में शामिल कर सभी छात्राओं को अपनी सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें.

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