ETV Bharat / state

काशीपुर में AIIMS स्थापना की मांग तेज, विभिन्न संगठनों ने बैठक कर बनाई रणनीति - kashipur mein AIIMS ki sthapna

काशीपुर में एम्स की स्थापना की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. काशीपुर डेवलपमेंट फोरम यानी केडीएफ के बैनर काशीपुर में एम्स की स्थापना को लेकर काशीपुर के विभिन्न संगठनों ने हुंकार भरी है.

ashipur mein AIIMS ki sthapna
ashipur mein AIIMS ki sthapna
author img

By

Published : Nov 7, 2021, 5:12 PM IST

काशीपुर: उत्तराखंड के कुमाऊं में एम्स की स्थापना काशीपुर में किए जाने को लेकर काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के बैनर तले शहर के तमाम सामाजिक संगठनों ने एक बैठक का आयोजन किया. बैठक में सभी ने काशीपुर में एम्स की शाखा की स्थापना न होने पर संघर्ष के लिए रणनीति बनाने पर विचार किया.

काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के बैनर तले रोटरी भवन में विशाल बैठक आयोजित किया गया. केडीएफ के अध्यक्ष राजीव घई ने सभी सामाजिक संगठनों के अलावा, वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से भी इस मांग के लिये भरपूर समर्थन की अपील की. हालांकि, केंद्र सरकार ने उधम सिंह नगर के किच्छा में एम्स का सेटेलाइट केंद्र खोलने की घोषणा पहले कर दी है. बैठक के सामाजिक संगठनों ने आक्रोश कि एम्स का केंद्र खोलने की मांग सबसे पहले काशीपुर से उठी थी, लेकिन काशीपुर से सौतेला व्यवहार करते हुए, इसे किच्छा में खोलने की घोषणा की गई है.

बैठक में वक्ताओं ने पिछले कुछ सालों में काशीपुर की राजनीतिक रूप से उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक समय था जब काशीपुर को उद्योग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के दौरान सबसे विकसित औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा प्राप्त था, लेकिन अब यह नगर उपेक्षित बना दिया गया है. इस दौरान काशीपुर में एम्स की स्थापना के लिए प्रदेश से लेकर केंद्र तक संघर्ष करने के लिए मंथन किया गया और इसके लिए सभी सामाजिक संगठनों द्वारा अपने अपने स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया गया.

काशीपुर में AIIMS की स्थापना को लेकर विभिन्न संगठनों ने भरी हुंकार.

काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के अध्यक्ष राजीव घई ने कहा कि काशीपुर जो उत्तर प्रदेश के समय में विकास के रूप में औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता था, लेकिन उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इन 20 सालों में विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है. काशीपुर के विकास के लिए 28 विभिन्न संगठनों ने मिलकर एक नया फोरम बनाया है, जो काशीपुर को एजुकेशन हब, पिछड़ी हुई मेडिकल फैसिलिटी और पर्यटन के लिए काशीपुर के आवाज को बुलंद करने की मुहिम को मजबूत करेगा.

पढ़ें- कांग्रेस का बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन, बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

कुमाऊं गढ़वाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विकास जिंदल ने कहा कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद से ही काशीपुर हमेशा उपेक्षा का शिकार रहा है. इसी का परिणाम है कि काशीपुर में खोले जाने वाले एम्स को जनता की मांग के अनुरूप यहां ना खोलकर किच्छा में खोलने की घोषणा कर दी गई है.

उद्योगपति देवेंद्र जिंदल ने कहा कि जब तक सभी लोग किसी भी विषय में सामूहिक रूप से एक अच्छे उद्देश्य के साथ कार्य नहीं करेंगे. तब तक सफलता प्राप्त नहीं होती है. जब तक हम किसी भी समस्या को राजनीति की दृष्टि से देखेंगे और आम जनता की दृष्टि से नहीं देखेंगे, तब तक ऐसी राजनीति का कोई लाभ नहीं होता है.

काशीपुर: उत्तराखंड के कुमाऊं में एम्स की स्थापना काशीपुर में किए जाने को लेकर काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के बैनर तले शहर के तमाम सामाजिक संगठनों ने एक बैठक का आयोजन किया. बैठक में सभी ने काशीपुर में एम्स की शाखा की स्थापना न होने पर संघर्ष के लिए रणनीति बनाने पर विचार किया.

काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के बैनर तले रोटरी भवन में विशाल बैठक आयोजित किया गया. केडीएफ के अध्यक्ष राजीव घई ने सभी सामाजिक संगठनों के अलावा, वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से भी इस मांग के लिये भरपूर समर्थन की अपील की. हालांकि, केंद्र सरकार ने उधम सिंह नगर के किच्छा में एम्स का सेटेलाइट केंद्र खोलने की घोषणा पहले कर दी है. बैठक के सामाजिक संगठनों ने आक्रोश कि एम्स का केंद्र खोलने की मांग सबसे पहले काशीपुर से उठी थी, लेकिन काशीपुर से सौतेला व्यवहार करते हुए, इसे किच्छा में खोलने की घोषणा की गई है.

बैठक में वक्ताओं ने पिछले कुछ सालों में काशीपुर की राजनीतिक रूप से उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक समय था जब काशीपुर को उद्योग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के दौरान सबसे विकसित औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा प्राप्त था, लेकिन अब यह नगर उपेक्षित बना दिया गया है. इस दौरान काशीपुर में एम्स की स्थापना के लिए प्रदेश से लेकर केंद्र तक संघर्ष करने के लिए मंथन किया गया और इसके लिए सभी सामाजिक संगठनों द्वारा अपने अपने स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया गया.

काशीपुर में AIIMS की स्थापना को लेकर विभिन्न संगठनों ने भरी हुंकार.

काशीपुर डेवलपमेंट फोरम के अध्यक्ष राजीव घई ने कहा कि काशीपुर जो उत्तर प्रदेश के समय में विकास के रूप में औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता था, लेकिन उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इन 20 सालों में विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है. काशीपुर के विकास के लिए 28 विभिन्न संगठनों ने मिलकर एक नया फोरम बनाया है, जो काशीपुर को एजुकेशन हब, पिछड़ी हुई मेडिकल फैसिलिटी और पर्यटन के लिए काशीपुर के आवाज को बुलंद करने की मुहिम को मजबूत करेगा.

पढ़ें- कांग्रेस का बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन, बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

कुमाऊं गढ़वाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विकास जिंदल ने कहा कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद से ही काशीपुर हमेशा उपेक्षा का शिकार रहा है. इसी का परिणाम है कि काशीपुर में खोले जाने वाले एम्स को जनता की मांग के अनुरूप यहां ना खोलकर किच्छा में खोलने की घोषणा कर दी गई है.

उद्योगपति देवेंद्र जिंदल ने कहा कि जब तक सभी लोग किसी भी विषय में सामूहिक रूप से एक अच्छे उद्देश्य के साथ कार्य नहीं करेंगे. तब तक सफलता प्राप्त नहीं होती है. जब तक हम किसी भी समस्या को राजनीति की दृष्टि से देखेंगे और आम जनता की दृष्टि से नहीं देखेंगे, तब तक ऐसी राजनीति का कोई लाभ नहीं होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.